For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

पतझड़ का मौसम लगते ही बाग-बगीचों में जहां देखों वही पत्तों से जमीन ढक जाती हैं।
गर्मियों की छुट्टियों में बिनी और पम्मी के घर उनकी बुआजी के बच्चे टिपलू और टीना आए हुये थे।दिनभर खेलकूद खाने-पीने की मस्ती चलती और सुबह-शाम को बगीचे मे दादी के साथ पौधो को पानी डालते।
एकदिन शाम को रोजमर्रा की तरह पानी डालते बच्चों को दादाजी ने अपने पास बुलाया और क्यारियों में जमी खरपतबार को उखाड़कर एकतरफ ढेर लगाने को कहा और साथ में उग आए नीम, जामुन, पीपल, तुलसी बगेरह के पौधों को जड़ों सहित मिट्टी में बांधकर एकतरफ रखते देख बिनी ने उत्सुकता से पूछा।
'दादा जी, आप इन पौधों को क्यों नहीं फेक रहे ?'
एक-एक पौध की पहचान कराते हुये दादाजी ने समझाते हुये उत्तर दिया, 'बेटा ये बहुत गुणकारी पेड़ हैं। ये ना केवल वातावरण को शुद्ध करते हैं बल्कि पर्यावरण का संतुलन बनाने में मदद भी करते हैं। '
'हां नाना जी, साइंस की मेडम ने समझाया था कि कैसे पौधे वर्षा रानी को बुलाते हैं और अपनी जड़ों से उस पानी को सोखकर जमीन में पानी की कमी पूरी करने में सहायता करते हैं।'
'सही कहा तुमने टीना!हम जो ऑक्सीजन लेते हैं वो पौधों द्वारा ही छोड़ी जाती हैं।'
'बिल्कुल सही कहा तुम दोनों ने… हमें पेड़ों को काटने वालों से बचाना चाहिए...अधिक से अधिक पेड़ लगाना चाहिए,समझी,'दादाजी ने हंसते हुये कहा।
'मालुम हैं नानी जी, स्कूल में वृक्षारोपण करवाते हुये सिखाया था कि हम घर पर आम,जामुन बगेरह की गुठली से कैसे सीड बम तैयार करते हैं और कही सफर करते हुये खाली जमीन में फेंक दो तो हरियाली बनाए रखने में इस तरह सहयोग दे सकते हैं साथ ही ऑक्सीजन की भी कमी ना होगी।'
बिनी ने जैसे कुछ याद करते हुये कहा, 'हां ...टीव्ही में देखा था.. हरियाली की कमी होने से ही कितनी ऑक्सीजन सिलेण्डर की कमी हो गई थी… कितने लोगों की जान ऑक्सीजन सिलेण्डर ना मिलने पर चली गई थी। '
तीनों को बातें करते देख दूर बैठे आमों को चूसकर मजा लेते टिपलू और पम्मी भी आकर जिज्ञासा से बातें सुनने लगे।
'पर दादाजी ।ये सब पेड़ अपने बगीचे में लगे हुये हैं तब इनका क्या….?' पेड़ों की तरफ इशारा करते हुये बिनी ने कहा।
दादजी कुछ कहते कि इससे पहले टीना ने टिपलू की तरफ शरारत से चुटकी लेते हुये कहा, 'अरे, परसो ही तो टिपलू का जन्मदिन आ रहा हैं और मेडम ने बताया था कि दोस्तों को पौधें उपहारस्वरूप भेंट करना सबसे यादगार दोस्ती याद रखने वाला होता हैं...क्यो,टिपलू भाई!'
इतने में टिपलू और पम्मी के खाए आम की गुठलियों को हाथ में बटोरकर लाई बिनी ने सभी को बांटकर टीना से कहा, 'चलिए टीनाजी हमें भी सिखाईये सीडबम बनाना...।'
'हां...हां.. नेक काम में देरी कैसी!...टीना से हम भी सीखेगे…!'
बिनी ने दादाजी द्वारा बनाये छोटे-छोटे पौध की तरफ इशारा करके भोलेपन से पूछा, 'तो क्या दादा जी, अपने बगीचे में किसी ने सीडबम फेंके थे .. तभी ये जगह-जगह उग आए।'
'धत् पगली!इतना भी नही पढ़ा विज्ञान में… पक्षियों की बीट से ही तो उग आते हैं….पक्षी ही सीडबम हैं।' टीना ने शरारती अंदाज में हंसते हुये कहा।
टीना के किए मज़ाक से चिड़ते हुये बिनी ने कहा, 'ठीक हैं...ठीक हैं....तुम्हें सीड बम बनाना भी याद हैं या भूल गई...... ।'
दोनों के बीच बढ़ती बहस को विराम देते हुये कहा, 'बहसबाजी बंद करो.....ये रही मिट्टी और आम की गुठलियाँ .....और क्या मिलते हैं इसमें टीना बेटा।'
'और मेडम ने बताया था गोबर की खाद और पानी मिलाकर रोटी का आटा जैसा गूंथेंगे और फिर लड्डू जैसे गोल-गोल सीड बम बनाएँगे।'
दादाजी ने खुश होकर कहा, 'बहुत बढ़िया!पेड़ों के लिए मंगाई खाद भी हैं और मिट्टी भी। चलों,जुट जाओ सभी मिलकर हरियाली बनाए रखने के लिए गोल-गोल सीड बम बनाने।'
उत्साहित होकर सभी सीड बम बनाने लगे।पम्मी ने टीना को धन्यवाद देते हुये कहा, 'विज्ञान के प्रोजेक्ट वर्क में मैं सीड बम ले जाऊँगी ... मेरा सबसे अच्छा वर्क होगा।'
टिपलू ने हाथ में पकड़ी गुलेल को हवा में चलाते हुये कहा, और मैं अपने घर वापस बस से जाऊंगा तो बहुत सारे सीड बम अपने थैले में भर लूँगा और जहां जमीन खाली दिखेगी वही गुलेल से फेंक दूंगा।'
सभी उसी बात का समर्थन करते हुये हंसने लगे और दादाजी ने प्यार से सिर पर हाथ भेरते हुये कहा, 'और तुम सब जैसे बच्चों के रहते धरती हमेशा खुश रहेगी।

स्वरचित व अप्रकाशित 

बबीता गुप्ता 

Views: 187

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
20 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Jul 8
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service