बहर- 221, 2121, 1221, 212
घर से निकल के आज अदालत में आ गए,
नाज़ुक हमारे रिश्ते मुसीबत में आ गए.
हमने जरा सा आइना उनको दिखा दिया,
अहसान भूल कर वो अदावत में आ गए.
कोने में पेड़ आम का चुपचाप है…
ContinueAdded by बसंत कुमार शर्मा on August 18, 2020 at 9:00pm — 10 Comments
मापनी
१२२ १२२ १२२ १२
कई ख़्वाब देखे मचलते हुए.
तुम्हीं आये हरदम टहलते हुए.
तबस्सुम के पीछे छिपे कितने ग़म,
कभी मोम देखो पिघलते हुए.
जहाँ भी हमें सत्य…
ContinueAdded by बसंत कुमार शर्मा on August 12, 2020 at 7:17pm — 8 Comments
फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ेलुन
2122 1212 22
मेरे ही प्यार में पगी आई.
पास जब मेरी ज़िन्दगी आई.
उनके हिस्से में कुछ नहीं आया,
जिनको करना न बंदगी आई.
न किसी से लगा…
ContinueAdded by बसंत कुमार शर्मा on August 10, 2020 at 11:03am — 10 Comments
मापनी 221 2121 1221 212
हर आदमी ही वक़्त का मारा है इन दिनों.
प्रभु के सिवा न कोई सहारा है इन दिनों.
फिरते सभी नक़ाब में चेहरा छुपा-छुपा,
चारों तरफ अजीब नज़ारा है इन दिनों.
मिलना गले न हाथ मिलाना किसी…
ContinueAdded by बसंत कुमार शर्मा on August 5, 2020 at 5:30pm — 10 Comments
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |