For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Vijay nikore's Blog – July 2014 Archive (3)

थर्राहट ... (विजय निकोर)

थर्राहट

कुछ अजीब-सा एहसास ...

बेपहचाने कोई अनजाने

किसी के पास

इतना पास क्यूँ चला आता है

विश्वास के तथ्यों के तत्वों के पार

जीवन-स्थिति की मिट्टी के ढेर के

चट्टानी कण-कण को तोड़

निपुण मूर्तिकार-सा मिट्टी से मुग्ध

संभावनाओं की कल्पनाओं के परिदृश्य में

दे देता है परिपूर्णता का आभास ...

उस अंजित पल के तारुण्य में

सारा अंबर अपना-सा

स्नेहसिक्त ओंठ नींदों में…

Continue

Added by vijay nikore on July 28, 2014 at 1:30am — 15 Comments

सुपरिष्कृत आस्था .... (विजय निकोर)

सुपरिष्कृत आस्था

 

भर्रायी आवाज़

महीने हो गए जाड़े को गए

क्यूँ इतनी ठिठुरन है आज

आस्था में, सचेतन में मेरे

आंतरिक शोर के ताल के छोर से छोर तक

ठेलती रही है आस्था मुझको, मैं इसको

पर आज बुखार में…

Continue

Added by vijay nikore on July 13, 2014 at 8:00pm — 22 Comments

समय बीतता गया... (विजय निकोर)

समय बीतता गया...

समय की आँधी क्रान्तियात्रा-सी

धुन्धले पड़ते

प्रतीक्षा और मृत्यु के सीमान्त

लड़खड़ाता साहस, विश्वास

ऐसे में स्नेह को आँधी में

दोनों हाथों से लुटा कर

कुछ मिलता है क्या

आत्मपीड़न के सिवा ?

अकेलापन

कसैलापन रसता

बचा रह जाता है

बीतती मुस्कान ओंठों पर

खाली बोतलों के पास

टूटे हुए गिलास-सी पड़ी ...

            -------

-- विजय निकोर

(मौलिक…

Continue

Added by vijay nikore on July 2, 2014 at 8:30am — 24 Comments

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"शेर क्रमांक 2 में 'जो बह्र ए ग़म में छोड़ गया' और 'याद आ गया' को स्वतंत्र…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"मुशायरा समाप्त होने को है। मुशायरे में भाग लेने वाले सभी सदस्यों के प्रति हार्दिक आभार। आपकी…"
Sunday
Tilak Raj Kapoor updated their profile
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई जयहिन्द जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है और गुणीजनो के सुझाव से यह निखर गयी है। हार्दिक…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई विकास जी बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, अभिवादन। अच्छी गजल हुई है।गुणीजनो के सुझाव से यह और निखर गयी है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई दयाराम जी, सादर अभिवादन। मार्गदर्शन के लिए आभार।"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आदरणीय महेन्द्र कुमार जी, प्रोत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। समाँ वास्तव में काफिया में उचित नही…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. मंजीत कौर जी, हार्दिक धन्यवाद।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184
"आ. भाई तिलक राज जी सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, स्नेह और विस्तृत टिप्पणी से मार्गदर्शन के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service