For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

UMASHANKER MISHRA
  • Male
  • DURG C.G.
  • India
Share on Facebook MySpace

UMASHANKER MISHRA's Friends

  • yogesh shivhare
  • Albela Khatri
  • PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA
  • अरुण कुमार निगम
  • Sanjay Mishra 'Habib'
  • Tilak Raj Kapoor
 

UMASHANKER MISHRA's Page

Profile Information

Gender
Male
City State
DURG
Native Place
DURG
Profession
SERVICE

UMASHANKER MISHRA's Photos

  • Add Photos
  • View All

UMASHANKER MISHRA's Blog

उपकार को नमन

आता है हर साल मेरे राह में गुजर

शहिदों की यादें लिए त्यौहार को नमन

वो तो चले गये जो सदा रहेंगें अमर

उनके खूँ के गर्मी के उपकार को नमन

सम्हालना था जिन्हें इस देश की डगर

जाने कहाँ खो गये उनका भी हो नमन

लूटने…

Continue

Posted on August 15, 2012 at 1:20am — 6 Comments

मै ने ही दलाली खायो

भैय्या मोरे मैन हीं दलाली खायो ...भैय्या मोरे मै नहीं दलाली खायो

ये पार्टी और वो पार्टी मिलकर ...म्हारे मुख लपटायो ..

रे भैय्या मोरे मैनहीं दलाली खायो

देश को ऊंचो नाम करन को

भाइयो के पेट भरण को

कामन वेल्थ करवायो .. रे भैय्या मोरे मैन हीं घपलों करवायो

उनकी गाड़ी पेट्रोल पियत है

म्हारी तो मुफ्त मा चलत है

म्हारी बहु ने पुत्र वधु कह कर

ठेकों मैंने दिलवायो .....पर भैय्या मोरे मै नहीं  दलाली खायो

जब जब जरुरत उनको पड़ी…

Continue

Posted on July 5, 2012 at 10:25pm — 7 Comments

कस लो तीर कमान

कोई जड़ है खोद रहा कोई डाले खाद

हंगामा ऐसा करो  लोग करे फरियाद



फरियादी की आड़ में कोई झोंके भाड़

जबभी डंडा बरसे है कोई हो गया आड़



कोई का मतलब बड़ा राजनीती के लोग

आगे करके जनता को खूब लगाये भोग



आग लगी पेट्रोल में हंगामा था…

Continue

Posted on June 15, 2012 at 12:00am — 6 Comments

परिवर्तन

अग्नि प्रज्वलित हुई धरा पर

परिवर्तन एक गढ़ने को

चला काफिला जनतंत्री का

अब नव चिंतन करने को

नकली रूपया नकली वस्तु

खेल हो रहा ठगने को

महंगाई है खून चूसती

बढ़ रही पिसाचिन मरने को…

Continue

Posted on June 4, 2012 at 11:30am — 17 Comments

Comment Wall (13 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 1:41pm on October 27, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

धन्यवाद

At 1:39pm on October 27, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

आपने मेरी कविता की जो सराहना की है वह मेरे लिए अनमोल है । 

At 1:36pm on October 27, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

मेरी रचना पढने  के लिए धन्यवाद । आपकी टिप्पड़ी से मन में प्रसन्नता हुई 

At 12:34pm on October 8, 2012, Mukesh Kumar Saxena said…

आपकी सराहाना  के लिए धन्यवाद । मै काफी दिनों से कंप्यूटर पर बैठा नहीं था और मोबाइल पर आजकल  ओबोओ खुलता नहीं है इस लिए मै आपकी टिप्पड़ी आज ही पढ़ पाया हूँ।

At 11:00am on September 10, 2012, SANDEEP KUMAR PATEL said…

आदरणीय उमाशंकर  सर जी सादर प्रणाम
ग़ज़ल को पसंद करने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद सहित सादर आभार

At 12:41am on August 4, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

उमाशंकर भाई आपकी इतनी विस्तृत और आत्मीय प्रतिकृया पढ़ कर बहुत खुशी हुई...आपकी ज़र्रानवाज़ी के लिए आपका बहुत बहुत शुक्र गुजार हूँ ! साभार!

At 11:22pm on August 1, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

उमाशंकर भाई  नमस्कार ! जन्मदिन पर आपकी बधाइयाँ और आशीर्वाद मिला। बहुत अच्छा लगा। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !!

At 11:36pm on July 23, 2012, Albela Khatri said…

आपने तो पूरी गाथा ही कह दी प्रभु............
प्रणाम आपके अविरल और अगाध स्नेह को

धन्यवाद

___सादर

At 9:51pm on June 13, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

बहुत बहुत धन्यवाद आपको उमाशंकर जी !आपका आशीर्वाद मिला अच्छा लगा!

At 5:33pm on June 3, 2012, डॉ. सूर्या बाली "सूरज" said…

उमाशंकर जी आपकी सुंदर प्रतिकृया और बधाइयों के लिए आपका बहुत बहुत आभार !

 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

देवता क्यों दोस्त होंगे फिर भला- लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२ **** तीर्थ जाना  हो  गया है सैर जब भक्ति का यूँ भाव जाता तैर जब।१। * देवता…See More
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey posted a blog post

कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ

२१२२ २१२२ २१२२ जब जिये हम दर्द.. थपकी-तान देते कौन क्या कहता नहीं अब कान देते   आपके निर्देश हैं…See More
Sunday
Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
Saturday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
Friday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
Friday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
Friday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service