For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

Aradhana
  • Female
  • India
Share on Facebook MySpace

Aradhana's Friends

  • mohinichordia
  • alpana bhattacharya
  • Amit kumar
  • sangeeta swarup
  • prabhat kumar roy
  • Shanno Aggarwal
  • Hilal Badayuni
  • Rohit Singh Rajput
  • Saurabh Pandey
  • Rash Bihari Ravi
 

Aradhana's Page

Profile Information

Gender
Female
City State
NOIDA
Native Place
Darbhanga

Aradhana's Blog

दस्तक

कब से देखा है,

याद भी नही तब से देखा है,
इस मौसम को आते हुए
 
एक पहचान सी है
एक मरासिम भी कायम है
फिर भी नायाब सा
किसी हसीन अजनबी की तरह
जेरे लब एक मुस्कुराहट छोड जाता  है
जब भी आता है 
 
मौसमों की भीड़ से गुज़र कर 
अचानक किसी सुबह
हरशिंगार की खुशबू से 
यूँ मन को भिगोता है  
कि फिर किसी मौसम का 
रंग नही चढ़ता…
Continue

Posted on October 11, 2011 at 9:00am — 5 Comments

संस्मरण (Reminiscence)

अभी कुछ दिनो पहले

बचपन के बीत जाने के बाद 
एक खेल खेला करते थे...
नाम छुपा कर अधरों पर
एक फूल संभाले हाथों   मे
बडी उम्मीद के साथ 
पंखुरियाँ तोड़ते हुए कहना,
'He loves me, he loves me not'
हारना  तो एक फूल और,
जीतते तो अनजाने ही 
रंग गुलनार!
तब कब समझा और कब जाना
के हर एक हासिल पर यूं  ही
सौ- सौ कुर्बानियाँ होंगी
बिखरे लम्हों…
Continue

Posted on July 25, 2011 at 7:30pm — 16 Comments

अब तक

एक बात कही थी याद है अब तक

लहज़े-वह्ज़े याद नहीं

एक दर्द हुआ एहसास है अब तक

दिल या ज़हन में याद नहीं,



अक्सर यूँ होता है जब भी,

बात से बात उलझती है,

सोची हुई कहते हैं कुछ,

और कुछ तो यूँ ही फिसलती है

वो अन-सोची बातें ही दिल में,

रह जाती हैं क्या कहिये,

सोच-सोच कर जो भी कहा था

नापा-तौला याद नहीं,



जो साथ खड़े हो तुम मेरे,

तो इनती बात तो सच होगी,

जिस राह से तुम चल कर आये,

हमने भी वही तो चुनी होगी,

राहें वापस… Continue

Posted on July 17, 2011 at 7:30pm — 9 Comments

Comment Wall (6 comments)

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

At 8:20am on June 27, 2012, राज़ नवादवी said…

बहुत खूब कहा आराधना जी आपने है-

"एक बात कही थी याद है अब तक
लहज़े-वह्ज़े याद नहीं
एक दर्द हुआ, एहसास है अब तक
दिल या ज़हन में याद नहीं |"

At 3:35pm on October 12, 2011, mohinichordia said…

आराधना जी,मन को मोह लेती हैं आपकी रचनाएँ .बधाई 

At 10:46pm on June 15, 2011,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…
At 3:39pm on June 15, 2011, PREETAM TIWARY(PREET) said…
At 6:07pm on June 11, 2011,
सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey
said…

इस साहित्यिक जगत में आपका स्वागत है.

क्या आप मुझे जानते हैं? यदि ऐसा नहीं है तो कोई बात नहीं. प्रत्युत्तर मत दीजिएगा.

वस्तुतः जिस शहर का नाम आपने अपने प्रोफाइल में चस्पाँ किया है उस शहर से मेरा अतीत भी नुमाया है. अतः इस बेबाकी से पूछ पा रहा हूँ. 

 

आपने मेरे लिखे को पसंद किया इस हेतु शुक्रगुज़ार हूँ.

 

सादर.

At 6:58pm on June 8, 2011, Admin said…
 
 
 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
Thursday
Admin posted discussions
Tuesday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - मुक़ाबिल ज़ुल्म के लश्कर खड़े हैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
Jul 7
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"खूबसूरत ग़ज़ल हुई, बह्र भी दी जानी चाहिए थी। ' बेदम' काफ़िया , शे'र ( 6 ) और  (…"
Jul 6
Chetan Prakash commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"अध्ययन करने के पश्चात स्पष्ट दृष्टिगोचर होता है, उद्देश्य को प्राप्त कर ने में यद्यपि लेखक सफल…"
Jul 6

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh commented on PHOOL SINGH's blog post यथार्थवाद और जीवन
"सुविचारित सुंदर आलेख "
Jul 5

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service