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Anwesha Anjushree
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Anwesha Anjushree's Blog

किसकी सदा ?

आईने में एक प्रतिबिम्ब

खड़ा है मौन !

आँखों के पीछे से

आवाज आई - कौन ?

है कौन यह अपरिचित?

क्या है यह अपना मीत ?

यह कैसी है संवेदना?

यह किसकी है सदा ?…

Continue

Posted on February 3, 2013 at 7:00pm — 11 Comments

मंजुल धरा ...

हल्की- सी पवन क्या चली..

पीपल के बातुनी पत्तों की बातें ही चल पड़ी !

नीम के पत्ते थोड़े से अनुशासन में रहकर हिले ,

और सखुए के पत्तों ने..

पवन के पुकार की कर दी अनसुनी !

चिड़ियों की शुरू हुई चहल पहल..

सबसे छोटी चिड़िया ने की पहल ,

काम कम पर शोर ज्यादा ,

सारे भुवन में उसने मचाई हलचल !

तिमिर ने अपना आँचल समेटा ,

रवि ने ली जम्हाई,

तारे भी थके से थे,

उन्होंने अपनी बाती बुझाई !

शशि को तो मही से है प्रेम ..

वह तो है अलबेला…

Continue

Posted on February 3, 2013 at 7:00pm — 10 Comments

नया विश्व ..

शिक्षित बनो ,

शिक्षा का विस्तार करो !

परतंत्रता के  जंजीरों से मुक्त हो ,

नए विचारों का स्वागत करो !

 

सृष्टि का मूल हो तुम ,

अपना महत्व समझो ,जानो !

मूक बन अब न सहो 

उठो, बोलो 

विश्व को अपने विचारों से अवगत करो !

 

इस विश्व के…

Continue

Posted on January 13, 2013 at 9:38pm — 10 Comments

इस आसमान पर अधिकार तुम्हारा भी है...

ईश की अनुपम कृति मानव

और उसकी जननी तुम

फिर क्यों हो प्रताड़ित , अपमानित

पराधीन, मूक , गुमसुम ?

खुश होना तो कोई पाप नहीं

मुस्कुराने की इच्छा स्वार्थ नहीं!

नए विचारों की उड़ान भरो

शिक्षा का स्वागत करो !

जीवन न जाय व्यर्थ यूँ ही...

सदियों के बंधन से मुक्ति चाहिए ?

विद्रोह तो होगा, न घबराओ

निर्भय बनो, मानसिक सबलता लाओ !

रात बहुत गहरी हो चुकी

भोर का संदेसा दे चुकी !

मुस्कुराओ, पंख फैलाओ

उड़ने को तैयार हो जाओ

क्योंकि

इस आसमान पर…

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Posted on January 7, 2013 at 6:00pm — 5 Comments

Comment Wall (3 comments)

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At 8:14pm on September 10, 2012,
मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi"
said…

At 10:55am on December 10, 2011, devendra upadhyay said…

 

मैं समझता हूँ की आरक्षण हर क्षेत्र में होना चाहिए। मैं प्रधानमंत्री और अन्य सभी मंत्रियों को इसे बढ़ाने में समर्थन देता हूँ। आरक्षण की शुरुआत हमारी क्रिकेट टीम से होनी चाहिये।


उसमे 10% आरक्षण मुस्लिम के लिए होना चाहिए। 30% ओबीसी/एससी/एसटी और अन्य
के लिए। क्रिकेट के नियम भी आरक्षण के हिसाब से बदलने चाहिये।



बाउंड्री ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम के लिए छोटी करनी चाहिए। किसी
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा मारे गए चौके को छक्का और छक्के
को आठ रन मानने चाहिए। किसी ओबीसी/एससी/एसटी और मुस्लिम खिलाड़ी द्वारा
बनाए गए 60 रनों को शतक मान लेना चाहिए। हमें आईसीसी से बात करके उन्हे
मनाना चाहिए और ऐसे नियम बनवाने चाहिए जिससे शोइब अख्तर और ब्रेट ली जैसे
तेज़ गेंदबाज किसी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को तेज़ गेंद नहीं
फेकेंगे। कोई भी गेंदबाज ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी को अधिकतम 80
किलोमीटर/घंटा की रफ्तार से गेंद फेकेगा। इस रफ्तार से अधिक रफ्तार की
गेंदों को नो-बॉल मान लिया जाएगा।


हमें ओलंपिक मे भी आरक्षण देना
चाहिये। 100 मीटर की रेस में किसी भी ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम खिलाड़ी
को 80 मीटर में स्वर्ण पदक दिया जाना चाहिए।


सरकारी नौकरी में भी
आरक्षण होना चाहिए। सबसे पहले नेताओं और मंत्रियों के विमानों के लिए
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम पायलट की भर्ती करनी चाहिए (इससे देश का भला
होगा)। ये भी सुनिश्चित करना चाहिए की नेताओं और मंत्रियों के ऑपरेशन
ओबीसी/एससी/एसटी या मुस्लिम डॉक्टर ही करेंगे (देश को बचाने का एक और
तरीका)।


देश को आगे बढ़ाने के तरीकों के बारे में थोड़ा अलग सोचो। दिखा दो दुनिया को की भारत एक महान देश है। भारतीय होने पर गर्व करो।

--- * विप्रो के चेयरमैन "अज़ीम प्रेमजी" का आरक्षण पर तर्क *

॥ अरे, भ्रष्ट नेताओं हमें जातियों में मत बांटो , हमारी एक ही जाति है ""भारतीय"" ॥

जय हिन्द, जय भारत !!
वंदे मातरम !! — at भारत .

At 8:20pm on September 15, 2011, Admin said…

 
 
 

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