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भोजपुरी साहित्य Discussions (247)

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"ओ बी ओ भोजपुरी काव्य प्रतियोगिता" अंक-1

भोजपुरी साहित्य प्रेमी लोगन के सादर प्रणाम, जइसन कि रउआ लोगन के खूब मालूम बा, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार अपना सुरुआते से साहित्य-समर्थन आ साहि…

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"OBO लाइव विश्व भोजपुरी कवि सम्मेलन" (Now Close)

भोजपुरी साहित्य प्रेमी लोगन के सादर परनाम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार पिछला कई महिना से हर महीने सफलता पूर्वक "OBO लाइव मुशायरा" अउर "OBO लाइ…

Started by Er. Ganesh Jee "Bagi"Latest Reply

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दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला  पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला  नजरिया मिलावल भइल आज माहुर  खटाई भइल आज गौने क पाहुर  बन्हल गाँठ राजा छुड़ाव…

Started by आशीष यादव

0 Nov 20

सदस्य टीम प्रबंधन

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२    आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा    का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना बाग-बगइचा जाओपतझड़ लागल जेकरा पाछा  …

Started by Saurabh Pandey

0 Aug 13

सदस्य टीम प्रबंधन

गजल : निभत बा दरद से // सौरभ

जवन घाव पाकी उहे दी दवाई निभत बा दरद से निभे दीं मिताई    बजर लीं भले खून माथा चढ़ावत कइलका कहाई अलाई बलाई    बहाना बनाके कटावत बा कन्नी मने…

Started by Saurabh Pandey

2 Feb 5
Reply by Saurabh Pandey

वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम...

वाह रे उद्योगपति कईलs लोग बढ़िया काम , शहद में जहर मिलवलs कईलs अइसन काम, हमनी के विश्वास कईनीसन आँख बंद करी के , दुश्मन दोस्त खुबे लुटलs हमद…

Started by Rash Bihari Ravi

5 Oct 30, 2023
Reply by Riju Nag

भोजपुरी गजल

भोजपुरी गीतिका/गजलमनब कि ना मनब, तू बेशी अगरइब?आइल बा बुढ़ापा,अब गरहा में जइब।1 खोज तारअ फूल अब कहाँ पहुँचइब?नजर धुंधला गइल,सूँघब कि सटइब?2…

Started by Manan Kumar singh

0 Sep 28, 2022

सदस्य टीम प्रबंधन

भोजपुरी नवगीत - जे महाभारत मचल बा // सौरभ

जे महाभारत मचल बा बऽड़-बड़का खेत भइले.. आमजन के बात का ? जजबात का ? नस-धमनियन में बहत माहुर सभन के माथ से चुइ बन पसीना पोर-पोरे खात बा, चल र…

Started by Saurabh Pandey

0 Apr 4, 2022

सुनीं सुनीं सरकार : आशीष यादव

सुनीं सुनीं सरकार  हम बानी बेरोजगार  तनी सुनी ना पुकार  देई जिनिगी सुधार  फारम भरले साल बीतल  जिनिगी बेहाल बीतल  तोहरा के का बुझाई  जेकर ख…

Started by आशीष यादव

0 Jan 30, 2022

सदस्य टीम प्रबंधन

पापा के नाँवे // सौरभ

का बोलीं का हाल हम, रउरे पाटल खेतपापा अपना पूत के, सोचब दँवरी देत   टूसा-कोंढ़ी फूल-फल, अङनों अनधन बाढ़िपापा रउरा हाथ के, फुला रहल सभ डाढ़ि…

Started by Saurabh Pandey

4 Jul 14, 2021
Reply by Saurabh Pandey

सदस्य टीम प्रबंधन

गजल (भोजपुरी) // -सौरभ

१२२ १२२ १२२ १२२ रटौले रटल बा नियम का ह, मत का ? बुझाइल कबो ना सही का, गलत का ! सियासत के सोझगर गनितओ बुझाई गुना-भाग छोड़ीं, बताईं जुगत का ?…

Started by Saurabh Pandey

5 Feb 25, 2021
Reply by Aazi Tamaam

कवनो देश नाहीं सुघ्घर हिंदुस्तान से (पैरोडी)

सबसे सुंदर लुभावन पावन, इ बा मनभावन, कि सगरो जहान से कौनो देश नाही सुघ्घर हिंदुस्तान से उत्तर में देखा हो, हिमालय जेकर माथ बा दक्षिण में फ…

Started by आशीष यादव

0 Feb 8, 2021

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"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
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"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
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"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
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"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
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"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
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AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
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"आदरणीय मिथलेश वामनकर जी, प्रेत्साहन के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
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मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
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