२२ २२ २२ २२
आपन पहिले नाता पाछा
नाहक गइनीं उनका पाछा
का दइबा का आङन मीलल
राहू-केतू आगा-पाछा
कवना बाग-बगइचा जाओ
पतझड़ लागल जेकरा पाछा
सावन-भादों पानी-पानी -
अँखिया कइलस, बदरा पाछा
रूप-सिङार करीं का कइसे
सीसा टूटल रउआ पाछा
परदा में हलचल के निकहा
दुनिया जानल पल्ला पाछा
मंच सजल बा गजब भाव से
पढ़ीं लतीफा कविता पाछा
***
दि०: १३/ अग०/ २५
मौलिक आ अप्रकासित
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