For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -१७' का निर्णय

 नमस्कार साथियों,

"चित्र से काव्य तक" अंक -१७ प्रतियोगिता का निर्णय आपके समक्ष प्रस्तुत कर दिया गया था | परन्तु ओ बी ओ के नियमानुसार श्री दिनेश रविकर जी पिछली प्रतियोगिता अंक -१६ में तृतीय स्थान के विजेता होने के कारण उनकी रचनायें स्वतः प्रतियोगिता से बाहर थी चूकि उन्होंने अपनी रचना पर 'प्रतियोगिता से अलग' नहीं लिखा था जिससे जनित त्रुटिवश उनकी रचना को प्रथम स्थान दे दिया गया था | इस भूल हेतु ओ बी ओ प्रबंधन खेद व्यक्त करता है तथा इसे सुधारते हुए संशोधित निर्णय निम्नलिखित प्रकार से पोस्ट किया जा रहा है...

 साथियों ! पावस ऋतु के इस मौसम में भी अंगार बरसाती हुई, लगातार तीन दिनों तक चली इस अनोखी प्रतियोगिता के अंतर्गत प्रस्तुत चित्र को, हमारे प्रतिभागियों ने सनातनी छंदों के माध्यम से, विभिन्न नवआयामों में स्वरुचि 

अनुसार परिभाषित किया है | जिसके निमित्त सभी ओबीओ सदस्य भरपूर बधाई के पात्र हैं|  इस बार की प्रतियोगिता का शुभारम्भ सुप्रसिद्ध हास्यकवि श्री अलबेला खत्री जी  की शानदार घनाक्षरी से हुआ जिसमें सार्थक प्रतिक्रियाओं की मानो बाढ़ ही आ गयी......... तद्पश्चात आदरणीय उमाशंकर मिश्र जी की कुंडलिया ने जमकर धूम मचाई उनके द्वारा रचे गए अन्य छंद भी कुछ कम नहीं रहे ....तद्पश्चात आदरणीय आलोक जी की कुंडली ने कुछ ऐसा धमाल मचाया कि यह आयोजन  प्रतिक्रिया छंदों से मालामाल हो गया |  इसी प्रकार अनेक साहित्यकारों ने अपने अपने छंदों से इस चित्र को परिभाषित करने का सफल प्रयास किया | इस प्रतियोगिता के अंतर्गत अधिकतर  घनाक्षरी, सार छंद (छन्न पकैया), दोहा, कुंडलिया , चौपाईकुकुभ आदि विधाओं में शानदार छंद प्रस्तुत किये गये| इस आयोजन में समस्त प्रतिभागियों के मध्य,   आदरणीय अलबेला खत्री, उमाशंकर मिश्र, आदरणीय योगराज प्रभाकर , सौरभ पाण्डेय, संजय मिश्र ‘हबीब’, , अरुण कुमार निगम,  अविनाश एस बागडे, दिनेश रविकर, तथा आदरेया राजेश कुमारी, आदि  ने अंत तक अपनी बेहतरीन टिप्पणियों के माध्यम से सभी प्रतिभागियों व संचालकों के मध्य परस्पर संवाद कायम रखा तथा तथा प्रतिक्रियाओं में छंदों का खुलकर प्रयोग करके इस प्रतियोगिता को और भी रुचिकर व आकर्षक बना दिया |  ओ बो प्रबंधन व कार्यकारिणी सदस्यों ने भी प्रतियोगिता से बाहर रहकर मात्र उत्साहवर्धन के उद्देश्य से ही अपनी-अपनी स्तरीय रचनाएँ पोस्ट कीं जो कि सभी प्रतिभागियों को चित्र की परिधि के अंतर्गत ही अनुशासित सृजन की ओर प्रेरित करती रहीं, साथ-साथ अन्य साथियों की रचनायों की खुले दिल से निष्पक्ष समीक्षा व प्रशंसा भी की गयी जो कि इस प्रतियोगिता की गति को त्वरित करती रही |

‘प्रतियोगिता से बाहर’ श्रेणी में आदरणीय आलोक सीतापुरी, योगराज प्रभाकर, श्री संजय मिश्र हबीबजी,   व उमाशंकर मिश्र आदि की रचनाएँ उत्कृष्ट कोटि की रहीं जिन्हें ओ बी ओ सदस्यों से भरपूर सराहना प्राप्त हुई | आदरणीय योगराज प्रभाकर जी, आदरणीय गणेश जी बागी जी, आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी, के साथ अलबेला खत्री की काव्यात्मक टिप्पणियों खासतौर पर कुंडलिया पर कुंडलिया ने प्रतियोगिता के उत्साह को न केवल चौगुना किया बल्कि सदस्यों का मार्ग भी प्रशस्त किया|

 

प्रसन्नता की बात यह भी है कि यह प्रतियोगिता छंदबद्ध होकर अपेक्षित गुणवत्ता की ओर अग्रसर हो रही है| अब वह दिन दूर नहीं जब ओबीओ पर मनचाही विधा में मनभावन छंदों की चहुँ ओर बरसात होगी |

इस यज्ञ में काव्य-रूपी आहुतियाँ डालने के लिए समस्त ओबीओ मित्रों का हार्दिक आभार...

 

प्रतियोगिता का निर्णय कुछ इस प्रकार से है... 

 

_______________________________________________________________________

 

प्रथम पुरस्कार रूपये १००१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company 

 इस बार प्रथम स्थान : पर श्री उमाशंकर मिश्र जी की कुंडलिया प्रतिष्ठित हुई है |

 (१)

मुट्ठी में सूरज लिए, अंगारों में जान|

क्रांति बीज है पल रहा, जाग रहा इंसान||

जाग रहा इंसान, भ्रष्टता, दूर भगाओ|

जनगण हैं तैय्यार, अनल भर मुट्ठी लाओ||

धुआँ हो रही आग, पिये हम विष की घुट्ठी|

देंगे अब बलिदान, भींचते सब हैं मुट्ठी||

-- उमाशंकर मिश्र  

 

|

 ___________________________________________________________________

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१/- व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali

A leading software development Company  

द्वितीय स्थान ; पर  कुमार गौरव अजीतेन्दु जी का घनाक्षरी छंद विराजमान हैं |

इन्कलाब गाने वाली, गोरों को भगाने वाली,
शूल को हटाने वाली, आग ये पवित्र है |
भोर नयी लाने वाली, चेतना जगाने वाली,
मार्ग को दिखाने वाली, आग ये पवित्र है |
कर्म को कराने वाली, धर्म को निभाने वाली,
शीश को उठाने वाली, आग ये पवित्र है |
सत्य को जिताने वाली, झूठ को हराने वाली,
भ्रष्ट को मिटाने वाली, आग ये पवित्र है ||

-- कुमार गौरव अजीतेन्दु

||

 _________________________________________________________________

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१/-  व प्रमाण पत्र
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala

A leading publishing House 

 तृतीय स्थान : श्री  दिलबाग विर्क के कुंडलिया छंद को जाता है |

|||

भारी पडता प्यार पर, नफरत का व्यापार

जहर भरा है सोच में, मुठ्ठी में अंगार ।

मुठ्ठी में अंगार, चाहते आग लगाना

देखो कैसी राह, चला है आज जमाना ।

लड़-लड़  मरते लोग, सुखों को ठोकर मारी

नफरत करके विर्क, चुकाई कीमत भारी ।

-- दिलबाग विर्क

 

प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के उपरोक्त सभी विजेताओं को सम्पूर्ण ओबीओ परिवार की ओर से हार्दिक बधाई व साधुवाद...

उपरोक्त प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान के विजेताओं की रचनाएँ आगामी "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१८ के लिए प्रतियोगिता से स्वतः ही बाहर होंगी |  ‘चित्र से काव्य तक’ प्रतियोगिता अंक-१९ में वे पुनः भाग ले सकेंगे !

 

जय ओ बी ओ!  जय हिंद!

अम्बरीष श्रीवास्तव

अध्यक्ष,

"चित्र से काव्य तक" समूह

Views: 2825

Replies to This Discussion

आदरणीय अग्रज अम्बरीश जी, आपको और समस्त ओ बी ओ परिवार को मैं दिल से धन्यवाद देता हूँ | आपने जो प्यार और सम्मान दिया है वो मेरे लिए मूल्यवान है | मैं आदरणीय सर्वश्री गणेश जी सर, योगराज सर, गुरुदेव सौरभ सर, संजय मिश्रा सर, धर्मेन्द्र सर, अविनाश बागडे सर, सतीश मापतपुरी सर सहित पूरे ओ बी ओ परिवार का आभारी हूँ | आपलोगों  का स्नेह मिलता रहे इसी इच्छा के साथ एक बार फिर से आप सभी का धन्यवाद |

स्वागत है भाई कुमार गौरव जी ! इस प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त करने हेतु आपको हार्दिक बधाई ! सस्नेह

कुमार गौरव भाई ! आपको हार्दिक बधाई..

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद अविनाश सर........

ओ बी ओ प्रबंधन का इस सम्मान के लिए बहुत-बहुत आभार

धन्यवाद भाई दिलबाग जी | बहुत-बहुत बधाई !

बहुत बहुत हार्दिक  बधाई उमाशंकर मिश्र जी ,कुमार गौरव अजीतेंदु जी ,दिलबाग विर्क जी 

आदरणीया राजेश जी, आपका बहुत-बहुत धन्यवाद........

आदरणीया सादर आभार

हार्दिक  बधाई उमाशंकर मिश्र जी ,कुमार गौरव अजीतेंदु जी ,दिलबाग विर्क जी 

आपका हार्दिक आभार आदरणीय अविनाश बागडे सर.........

धन्यवाद अविनाश जी

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - गुनाह कर के भी उतरा नहीं ख़ुमार मेरा
"अद्भुत है आदरणीय नीलेश जी....और मतला ही मैंने कई बार पढ़ा। हरेक शेर बेमिसाल। आपका धन्यवाद इतनी…"
1 minute ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"वाह-वाह आदरणीय भंडारी जी क्या ही शानदार ग़ज़ल कही है। और रदीफ़ ने तो दीवाना कर दिया।हार्दिक…"
4 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post पहलगाम ही क्यों कहें - दोहे
"​अच्छे दोहे लगे आदरणीय धामी जी। "
7 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"बड़ी ही अच्छी ग़ज़ल हुई आदरणीय धामी जी बहुत-बहुत धन्यवाद और बधाई...."
8 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on शिज्जु "शकूर"'s blog post ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है
"आदरणीय भाई शिज्जु 'शकूर' जी इस खूबसूरत ग़ज़ल से रु-ब-रु करवाने के लिए आपका बहुत-बहुत…"
11 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी तात्कालिक परिस्थितियों को लेकर एक बेहतरीन ग़ज़ल कही है।  उसके लिए बधाई…"
16 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आपकी ग़ज़लों पे क्या ही कहूँ आदरणीय नीलेश जी हम तो बस पढ़ते हैं और पढ़ते ही जाते हैं।किसी जलधारा का…"
27 minutes ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"अतिउत्तम....अतिउत्तम....जीवन सत्य की महिमा बखान करते हुए सुन्दर सरस् दोहों के लिए बधाई आदरणीय...."
37 minutes ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया... सादर।"
3 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर साहब,  इस बात को आप से अच्छा और कौन समझ सकता है कि ग़ज़ल एक ऐसी विधा है जिसकी…"
6 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"वाह, हर शेर क्या ही कमाल का कथ्य शाब्दिक कर रहा है, आदरणीय नीलेश भाई. ंअतले ने ही मन मोह…"
11 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
12 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service