For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -१३'

नमस्कार दोस्तों !

अंक -१२ की अपार सफलता के बाद 'चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता अंक -१३ में आप सभी का हार्दिक स्वागत है!  

 

इस प्रतियोगिता के लिए हमारे कई साथियों नें अपनी-अपनी पसंद के चित्र भेजे ! जिनमें प्रत्येक चित्र अपने आप में बेमिसाल था | उन सभी मित्रों का बहुत-बहुत आभार |

चित्र के चयन में काफी मशक्कत के बाद अंततः निम्नलिखित चित्र प्रतियोगिता के लिए चयनित किया गया है |

 

ये खूबसूरत पेंड़-पौधे वस्तुतः हमारे बच्चों की तरह ही तो हैं...... और तो और हमें उनकी देखभाल व पोषण भी अपने बच्चों की तरह की करना पड़ता है, जब वह पल्लवित व पुष्पित होकर अपनी युवावस्था को प्राप्त करते हैं तो हमें ठीक वैसी ही खुशी मिलती है जैसी प्रसन्नता हमें अपने बच्चों को देखकर प्राप्त होती है |

 

प्रस्तुत चित्र में दर्शाये गए वृक्ष के तने में किसी कलाकार ने गर्भस्थ शिशु की आकृति उकेर दी है ! जो अपने आप में अनेक सन्देश दे रही है |    

 

ह्त्या वैसी वृक्ष की, ज्यों शिशु की गर्भस्थ.

इसको पोसें प्यार से, तभी जगत हो स्वस्थ..

 

आइये तो उठा लें आज अपनी-अपनी कलम, और कर डालें इस चित्र का काव्यात्मक चित्रण !

और हाँ! पुनः आपको स्मरण करा दें कि ओ बी ओ प्रबंधन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि

यह प्रतियोगिता सिर्फ भारतीय छंदों पर ही आधारित होगी

कृपया इस प्रतियोगिता में दी गयी छंदबद्ध प्रविष्टियों से पूर्व सम्बंधित छंद के नाम व प्रकार का उल्लेख अवश्य करें! ऐसा न होने की दशा में वह प्रविष्टि ओबीओ प्रबंधन द्वारा अस्वीकार कर दी जायेगी  |

साथ-साथ इस प्रतियोगिता के तीनों विजेताओं हेतु नकद पुरस्कार व प्रमाण पत्र  की भी व्यवस्था की गयी है ....जिसका विवरण निम्नलिखित है :-


"चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता हेतु कुल तीन पुरस्कार 
प्रथम पुरस्कार रूपये १००१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali
A leading software development Company 

 

द्वितीय पुरस्कार रुपये ५०१
प्रायोजक :-Ghrix Technologies (Pvt) Limited, Mohali

A leading software development Company

 

तृतीय पुरस्कार रुपये २५१
प्रायोजक :-Rahul Computers, Patiala

A leading publishing House

नोट :-

(1) १७ तारीख तक रिप्लाई बॉक्स बंद रहेगा, १८ से २० तारीख तक के लिए Reply Box रचना और टिप्पणी पोस्ट करने हेतु खुला रहेगा |

(2) जो साहित्यकार अपनी रचना को प्रतियोगिता से अलग रहते हुए पोस्ट करना चाहे उनका भी स्वागत है, अपनी रचना को"प्रतियोगिता से अलग" टिप्पणी के साथ पोस्ट करने की कृपा करे | 

(3) नियमानुसार "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता अंक-१२ के प्रथम व द्वितीय स्थान के विजेता इस अंक के निर्णायक होंगे और नियमानुसार उनकी रचनायें स्वतः प्रतियोगिता से बाहर रहेगी | प्रथम, द्वितीय के साथ-साथ तृतीय विजेता का भी चयन किया जायेगा | 

 

सभी प्रतिभागियों से निवेदन है कि रचना छोटी एवं सारगर्भित हो, यानी घाव करे गंभीर वाली बात हो, रचना पद्य की किसी विधा में प्रस्तुत की जा सकती है | हमेशा की तरह यहाँ भी ओबीओ के आधार नियम लागू रहेंगे तथा केवल अप्रकाशित एवं मौलिक कृतियां ही स्वीकार किये जायेगें | 

विशेष :-यदि आप अभी तक  www.openbooksonline.com परिवार से नहीं जुड़ सके है तो यहाँ क्लिक कर प्रथम बार sign up कर लें|  

अति आवश्यक सूचना :- ओ बी ओ प्रबंधन ने यह निर्णय लिया है कि "चित्र से काव्य तक" प्रतियोगिता  अंक-१३ , दिनांक १८ अप्रैल  से २० अप्रैल की मध्य रात्रि १२ बजे तक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके अंतर्गत आयोजन की अवधि में प्रति सदस्य   अधिकतम तीन पोस्ट ही दी जा सकेंगी साथ ही पूर्व के अनुभवों के आधार पर यह तय किया गया है कि  नियम विरुद्ध व निम्न स्तरीय प्रस्तुति को बिना कोई कारण बताये और बिना कोई पूर्व सूचना दिए प्रबंधन सदस्यों द्वारा अविलम्ब हटा दिया जायेगा, जिसके सम्बन्ध में किसी भी किस्म की सुनवाई नहीं की जायेगी |

 

मंच संचालक: अम्बरीष श्रीवास्तव

Views: 12202

Replies are closed for this discussion.

Replies to This Discussion

आदरेया प्राची जी.. दोहे बहुत ही सार्थक सन्देश लिए हुए हैं.. हार्दिक बधाई

मूक बधिर को आपने, देकर वाणी दान
मानवता पर है किया, अनदेखा कल्‍याण।

बहुत सुंदर संदेश है अश्विनी जी

वाह अश्वनी जी , बहुत ही सुन्दर भाव पिरोयें है , दाद कुबूल करें |

बहुत सुंदर दोहे प्राची जी...बधाई.

कन्या संतति वाहिनी, जीवन का आधार . कैसे फिर जीवन चले, भ्रूण दिए जो मार..

Doctor Sahiba, Sadar Namaskaar, ek ek dohe aushadheey guno se paripoorn hain, Ati sundar doho ke liye badhai sweekar karen.

शानदार दोहावली प्रस्तुत की है प्राची जी आपने.
दिन
 दिन गिरता जा रहा, कन्या का अनुपात.

जनगणना के आंकड़े, कहते हैं यह बात ......do mat nahi

कन्या गुण की खान है, ममता का अवतार.

खामोशी से झेलती, सारे अत्याचार ..    ...khamoshi k karan hi,badhate atyachar!!!!

Dr. Prachidhardar doho ke sath jwalant vishay pe war....bahut sateek....

दोहा यह अति सुंदर है ,भाव भी उत्तम भरा ,

लक्षय भेदने में भी यह,पूर्ण औ सफल रहा,....बधाई  

हर कमी हर भूल को ,बोल दिया दो टूक 

कितनी भी हो प्रतिक्रिया ,भारी है ये चूक 

//जीवन दाता वृक्ष हैं, खाद्य शृंखलाधार

कैसे फिर जीवन बचे, होवे जो संहार ..//

रक्षा तरु की कीजिए, गर खेतों से प्यार   

इनके कारण ही मिले, अंबर से रसधार..

*********************************

//कन्या संतति वाहिनी, जीवन का आधार .

कैसे फिर जीवन चले, भ्रूण दिए जो मार..//

बेटी दुर्गा सुरसती, धन्य करे संसार   
मानवता की नींव को, लेने दो अवतार

**********************************

//सरकारी वन पौलिसी, बोले पेड़ लगायँ .

तेइस प्रतिशत वन बचे, तैंतिस पर ले आयँ..//   

खुशनीयत है नीतियाँ, बदनीयत सरकार

करना होगा खुद हमें, जो भी है दरकार 

*********************************** 

//दिन दिन गिरता जा रहा, कन्या का अनुपात.

जनगणना के आंकड़े, कहते हैं यह बात ..//

वर्तमान में साथियो, संभालो हालात

भूतकाल हो जाए न, ये आदम की जात

***********************************        

//कागज लट्ठा औ’ दवा, वृक्षों के उपहार .

दोहन की सीमा नहीं, जंगल हैं लाचार//

जंगल की महिमावली, जाने तो संसार 

आँखों पर परदा करे, ये लालच की मार

***********************************

//कन्या गुण की खान है, ममता का अवतार.

खामोशी से झेलती, सारे अत्याचार ..//

कैसे भी हालात हों, देते हैं बस प्यार,

बेटी, तरुवर एक से, सहते हैं संहार              

--------------------------------------------------

शिल्प सुघड़,शैली नई, विधा चुनी प्राचीन
प्राची जी ने रूह से,  दोहे रचे नवीन ..

--------------------------------------------------

:-) डॉ साहिबा , प्रधान संपादक जी के इस जादुई गुण के हम सभी कायल है, ये बच्चों को छंद में डाट भी पिला देते हैं , और हम लोगो को दवा पिलाने में भी मसक्कत करनी होती है :-)

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ जी आपके ज्ञान प्रकाश से मेरा सृजन समृद्ध हुआ । हार्दिक आभार आदरणीय जी"
4 hours ago
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल के

२२ २२ २२ २२ २२ २चार पहर कट जाएँ अगर जो मुश्किल केहो जाएँ आसान रास्ते मंज़िल केहर पल अपना जिगर जलाना…See More
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-182

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 182 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है| इस बार का…See More
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

गजल - सीसा टूटल रउआ पाछा // --सौरभ

२२ २२ २२ २२  आपन पहिले नाता पाछानाहक गइनीं उनका पाछा  का दइबा का आङन मीलल राहू-केतू आगा-पाछा  कवना…See More
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"सुझावों को मान देने के लिए हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय सुशील सरना जी.  पहला पद अब सच में बेहतर हो…"
9 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
15 hours ago
Aazi Tamaam commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"एकदम अलग अंदाज़ में धामी सर कमाल की रचना हुई है बहुत ख़ूब बधाई बस महल को तिजोरी रहा खोल सिक्के लाइन…"
yesterday
surender insan posted a blog post

जो समझता रहा कि है रब वो।

2122 1212 221देख लो महज़ ख़ाक है अब वो। जो समझता रहा कि है रब वो।।2हो जरूरत तो खोलता लब वो। बात करता…See More
yesterday
surender insan commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - ताने बाने में उलझा है जल्दी पगला जाएगा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। अलग ही रदीफ़ पर शानदार मतले के साथ बेहतरीन गजल हुई है।  बधाई…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन के भावों को मान देने तथा अपने अमूल्य सुझाव से मार्गदर्शन के लिए हार्दिक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . . .
"गंगा-स्नान की मूल अवधारणा को सस्वर करती कुण्डलिया छंद में निबद्ध रचना के लिए हार्दिक बधाई, आदरणीय…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

कुंडलिया. . . .

 धोते -धोते पाप को, थकी गंग की धार । कैसे होगा जीव का, इस जग में उद्धार । इस जग में उद्धार , धर्म…See More
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service