For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता के अंक 21 का परिणाम

साथियों जैसा की पूर्व में घोषित की गई है कि जनवरी -13 से "चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" बंद कर दी जायेगी और "ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छान्दोत्सव" आयोजित किया जायेगा, अधिक जानकारी हेतु नववर्ष 2013 घोषणा - 2 देखें । इस तरह यह परिणाम प्रतियोगिता का अंतिम परिणाम है ।


"चित्र से काव्य तक प्रतियोगिता" अंक 20 का परिणाम निम्नानुसार है ...


प्रथम स्थान :- कोई रचना चयनित नहीं ।


द्वितीय स्थान :- श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी की रचना 
दोहे

1. जानें जो नहिं भूख को, भोग रहे हों राज।
उनको क्या परवाह जब, सड़-गल जाय अनाज॥

2. भारत की तस्वीर ये, चुभती शूल समान।
धरती के आशीष का, हाय! हुआ अपमान॥

3. धरती की पूजा करे, निशिदिन एक किसान।
रोता वो भी देख के, सड़ता गेंहूँ, धान॥

4. भारी सेना भूख की, रोज रही ललकार।
कैसा अपना देश है, सड़े पड़े हथियार॥

5. हँसों को भाने लगा, बगुलोंवाला वेश।
सड़ा नहीं है अन्न ये, सड़ता अपना देश॥

6. ऐसी दुर्गति अन्न की, इतना भारी पाप।
आनेवाली पीढियों, तक जायेगा श्राप॥

7. भंडारण का दोष या, वितरण में हो खोट।
सड़ जाने से अन्न के, लगी देश को चोट॥

8. पंचायत में शोर है, मंडी में सब चोर।
रोता सड़ता अन्न ये, देखे तो किस ओर॥

9. जनता के माथे पड़ी, मँहगाई की मार।
सड़ते छोड़ें अन्न को, नेताजी हरबार॥

तृतीय स्थान :- श्री उमाशंकर मिश्र जी की रचना 
दोहे

चढ़ती चरबी है कहीं, कहीं सूखती खाल|
हियरा उठती टीस है, देख अन्न बदहाल||

अन्न बिना भूखे रहे , जाने कितने लोग|
वो क्यों कर चिंता करें,कुर्सी रहे जो भोग||

रहा खेत खलिहान में, सोना सरिस अनाज|
गोदामों में सड़ रहा, कौन सुने आवाज||

कमी नहीं है अन्न की, मेरा देश महान|
रूप व्यवस्था का लिए, बैठे हैं शैतान ||

दृश्य देख कर रो रहा, अंदर दिल बैचेन|
अन्न उधर है भीगता, इधर भीगते नैन ||

विजेताओं को बहुत बहुत बधाई ।
एडमिन 
ओपन बुक्स ऑनलाइन 

Views: 791

Replies to This Discussion

दोनों विजेताओं  -- कुमार अजीतेन्दु जी और आदरणीय उमाशंकर भाई--  को उनकी उपलब्धियों के लिए तथा समस्त प्रतिभागियों को उनके सतत रचनाकर्म के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ. ..

ओबीओ पर हुए एक अभिनव प्रयोग को सुचारू रूप से सफलीभूत करने के लिए इस मंच के समस्त सदस्यों, आदरणीय संचालक महोदय, प्रधान सम्पादक तथा मुख्य प्रबन्धक को हार्दिक बधाइयाँ.

हिन्दी भाषा के शास्त्रीय छंदों पर अभी तक हुए तथा अनवरत हो रहे तप सदृश कार्य के लिए ओबीओ का समीचीन सकारात्मक वातावरण सदा प्रभावी और उत्साहवर्द्धक रहे इसकी सदा-सदा अपेक्षा रहेगी.

शुभ-शुभ

आदरणीय गुरुदेव

सादर प्रणाम

आप सहित पूरे ओबीओ परिवार का हार्दिक धन्यवाद जिन्होनें मुझे इस सम्मान के लायक समझा। "चित्र से काव्य तक" में प्रतियोगिता का ये अंतिम अंक था। विजय के साथ इस प्रतियोगिता का अंत वास्तव में सुखद है। आदरणीय उमाशंकर सर को भी बधाई देता हूँ। आपसब का बहुत-बहुत धन्यवाद।

कुमार गौरव जी और आ. उमाशंकर जी दोनों को इस उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई.

आपका बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीया प्राची दीदी......

आदरणीय गौरव जी और आदरणीय उमाशंकर मिश्र जी आप दोनों को दोहा छंद पर पुरस्कृत होने पर हार्दिक बधाइयां.

सादर प्रणाम आदरणीय रक्ताले सर...आपका बहुत-बहुत धन्यवाद...आपका स्नेह सर-आँखों पर...

आदरणीय ओ.बी.ओ.के संचालक मंडल, समस्त पाठक गण,माननीय सदस्यगण एवं प्रतिभागिजन आप सभी का आभार व्यक्त करता हूँ प्रिय कुमार अजीतेंदु को हार्दिक बधाई

माननीय सौरभ जी आदरणीया प्राची जी एवं आदरणीय अशोक रक्ताले जी आपके इस प्रेम के प्रति सादर आभार 

प्रतियोगिता में सफलता अर्जित करने पर हार्दिक बधाई स्वीकारे भाई श्री कुमार गौरव अजितेंदु जी और उमा शंकर मिश्र जी 

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

लौटा सफ़र से आज ही, अपना ज़मीर है -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२२१/२१२१/१२२१/२१२ ***** जिनकी ज़बाँ से सुनते  हैं गहना ज़मीर है हमको उन्हीं की आँखों में पढ़ना ज़मीर…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन एवं स्नेह के लिए आभार। आपका स्नेहाशीष…"
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Wednesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आपको प्रयास सार्थक लगा, इस हेतु हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय लक्ष्मण धामी जी. "
Wednesday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से अलंकृत करने का दिल से आभार आदरणीय । बहुत…"
Wednesday
Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
Tuesday
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
Tuesday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

नजरें मंडी हो गईं, नजर हुई  लाचार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार ।। नजरों से छुपता…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
Monday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service