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ग़ज़ल की कक्षा Discussions (20)

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मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण

उदाहरणार्थ चुने गए शेरों के लिए कोशिश ये रही है की दीवान-ए-ग़ालिब की हर ग़ज़ल से कम से कम एक शेर अवश्य हो. कुछ शेर उन अप्रकाशित ग़ज़लों के भी र…

Started by Ajay Tiwari

6 Oct 30, 2018
Reply by Ajay Tiwari

मीर तक़ी मीर द्वारा इस्तेमाल की गई बह्रों की तालिका

Started by Ajay Tiwari

0 Sep 2, 2018

मीर तक़ी मीर द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण

मीर तक़ी मीर द्वारा इस्तेमाल की गई बह्रें और उनके उदहारण  मुतक़ारिब असरम मक़्बूज़ महज़ूफ़ 16-रुक्नी(बह्र-ए-मीर) फ़अ’लु फ़ऊलु  फ़ऊलु  फ़ऊलु  फ़ऊलु  फ़…

Started by Ajay Tiwari

3 Aug 30, 2018
Reply by Samar kabeer

ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-5

पिछले आलेख में हमने प्रयास किया काफि़या को और स्‍पष्‍टता से समझने का और इसी प्रयास में कुछ दोष भी चर्चा में लिये। अगर अब तक की बात समझ आ गय…

Started by Tilak Raj Kapoor

36 Apr 22, 2017
Reply by Nilesh Shevgaonkar

ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-6

काफि़या को लेकर अब कुछ विराम लेते हैं। जितना प्रस्‍तुत किया गया है उसपर हुई चर्चा को मिलाकर इतनी जानकारी तो उपलब्‍ध हो ही गयी है कि इस विषय…

Started by Tilak Raj Kapoor

15 Jan 27, 2016
Reply by kanta roy

ग़ज़ल कहना सीखना चाहता हूँ

आदरणीय मैं एक भावाभियक्तिकर्ता मात्र हूँ; ग़ज़ल कहने की विधा से पूर्ण अपरिचित हूँ; मैंने अपनी एक ग़ज़ल नीचे लिखी है; कृपया इसी के सन्दर्भ में म…

Started by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan"

0 Jul 31, 2015

ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-3

एक बात जो आरंभ में ही स्‍पष्‍ट कर देना जरूरी है कि यह आलेख काफि़या का हिन्‍दी में निर्धारण और पालन करने की चर्चा तक सीमित है। उर्दू, अरबी,…

Started by Tilak Raj Kapoor

53 Feb 22, 2012
Reply by Rajeev Bharol

ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-9

(श्री तिलक राज कपूर जी द्वारा मेल से भेजे गए पोस्ट को हुबहू पोस्ट किया जा रहा है.....एडमिन)   जि़हाफ़: जि़हाफ़ का शाब्दिक अर्थ है न्‍यूनता…

Started by Admin

6 Jul 20, 2011
Reply by आवाज शर्मा

ग़ज़ल-संक्षिप्‍त आधार जानकारी-8

बह्र विवरण-अगला चरण:पिछली पोस्‍ट में जो जानकारी दी गयी थी उससे एक स्‍वाभाविक प्रश्‍न उठता है कि सभी मुफ़रद बह्र एक ही रुक्‍न की आवृत्ति स…

Started by Tilak Raj Kapoor

7 May 14, 2011
Reply by Tilak Raj Kapoor

Sandhi Par Kuch aur roshini

Tilak Raj ji Pahle baar Pathshal mein aai hoon. Sadar namaskar. Is manch ko kaise handle karoon yahi seekhne ke prayaas mein joojh rahi hoo…

Started by Devi Nangrani

1 Mar 1, 2011
Reply by Tilak Raj Kapoor

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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
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"ओह!  सहमत एवं संशोधित  सर हार्दिक आभार "
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"जी, सहमत हूं रचना के संबंध में।"
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Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-121
"शुक्रिया। लेखनी जब चल जाती है तो 'भय' भूल जाती है, भावों को शाब्दिक करती जाती है‌।…"
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"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, नए अंदाज़ की ख़ूबसूरत ग़ज़ल हुई है मुबारकबाद पेश करता हूँ।"
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Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके संकल्प और आपकी सहमति का स्वागत है, आदरणीय रवि भाईजी.  ओबीओ अपने पुराने वरिष्ठ सदस्यों की…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपका साहित्यिक नजरिया, आदरणीय नीलेश जी, अत्यंत उदार है. आपके संकल्प का मैं अनुमोदन करता हूँ. मैं…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"जी, आदरणीय अशोक भाईजी अशोभनीय नहीं, ऐसे संवादों के लिए घिनौना शब्द सही होगा. "
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . उल्फत
"आदरणीय सुशील सरना जी, इन दोहों के लिए हार्दिक बधाई.  आपने इश्क के दरिया में जोरदार छलांग लगायी…"
9 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"माननीय मंच एवं आदरणीय टीम प्रबंधन आदाब।  विगत तरही मुशायरा के दूसरे दिन निजी कारणों से यद्यपि…"
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सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा षष्ठक. . . . आतंक
"आप पहले दोहे के विषम चरण को दुरुस्त कर लें, आदरणीय सुशील सरना जी.   "
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