बह्र विवरण-अगला चरण:
पिछली पोस्ट में जो जानकारी दी गयी थी उससे एक स्वाभाविक प्रश्न उठता है कि सभी मुफ़रद बह्र एक ही रुक्न की आवृत्ति से बनती हैं तो वो प्रकृति से ही सालिम हैं और मुरक्कब बह्र अलग-अलग अरकान से बनती हैं तो सालिम हो नहीं सकतीं फिर सालिम परिभाषित करने की आवश्यकता कहॉं से पैदा हुई। जहॉं तक मूल अरकान की बात है उनके लिये सालिम परिभाषित करने की वास्तव में कोई आवश्यकता नहीं थी लेकिन अरकान के जि़हाफ़़ से मुज़ाहिफ़ बह्र बनती हैं और उनमें एक ही जि़हाफ़़ की आवृत्ति होने पर सालिम की स्थिति बनती है। जि़हाफ़़ क्या होते हैं और मुज़ाहिफ़ बह्र क्या होती हैं इस पर पृथक से बात करेंगे। जि़हाफ़़ के रूप में एक नया विषय खोलने से पहले उचित होगा कि पहले मूल अरकान से बनने वाली मुरक्कब बह्रों पर चर्चा पूरी कर ली जाये। आज का आलेख मुरक्कब बह्र पर जानकारी लेकर प्रस्तुत है। 
पिछले आलेख में हमने मुफ़रद बह्र देखीं जो किसी एक ही मूल रुकन की आवृत्ति से बनती हैं। संगीत अगर मुफ़रद बह्र में ही सीमित कर दिया जाये तो 7 मुफ़रद बह्रों से उनके मुसम्मन्, मुसद्दस् और मुरब्बा रूप मिलाकर कुल हुए 7x3=21 रूप और इन सबके मुदाईफ़ रूप भी ले लें (6 और 8 रुक्न के) तो कुल 35 रूप हुए। एक ही रुक्न की आवृत्ति में बह्र की लंबाई में तो अंतर पड़ता है लेकिन विविधता का पूर्ण आनंद प्राप्त नहीं होता है। यह काम आंशिक रूप से आगे बढ़ता मुरक्कब बह्रों से जिनमें एक से अधिक मूल रुक्न अरकान के रूप में प्रयोग में आते हैं। जैसा कि तालिका में दर्शाया गया है।
| मुरक्कब बह्रें | ||||
| बह्र | रुक्न-1 | रुक्न-2 | रुक्न-3 | रुक्न-4 | 
| वो बह्रें जो शाखाओं के साथ प्रचलित हैं | ||||
| मुन्सरेह | मुस्तफ्यलुन् | मफ्ऊलात | मुस्तफ्यलुन् | मफ्ऊलात | 
| मुजारे | मफाईलुन् | फायलातुन् | मफाईलुन् | फायलातुन् | 
| मुजास वा मुज्तस | मुस्तफ्यलुन् | फायलातुन् | मुस्तफ्यलुन् | फायलातुन् | 
| तवील | फऊलुन् | मफाईलुन् | फऊलुन् | मफाईलुन् | 
| वो बह्रें जो प्रचलित हैं | ||||
| मुक्तजिब | मफ्ऊलात | मुस्तफ्यलुन् | मफ्ऊलात | मुस्तफ्यलुन् | 
| सरीअ | मुस्तफ्यलुन् | मुस्तफ्यलुन् | मफ्ऊलात | 
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| वो बह्रें जो कम प्रचलित हैं लेकिन जिनकी शाखायें प्रचलित हैं | ||||
| मदीद | फायलातुन् | फायलुन् | फायलातुन् | फायलुन् | 
| बसीत | मुस्तफ्यलुन् | फायलुन् | मुस्तफ्यलुन् | फायलुन् | 
| वो बह्रें जिनकी केवल शाखायें प्रचलित हैं | ||||
| खफीफ | फायलातुन् | मुस्तफ्यलुन् | फायलातुन् | 
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| जदीद | फायलातुन् | फायलातुन् | मुस्तफ्यलुन् | 
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| मुशाकिल | फायलातुन् | मफाईलुन् | मफाईलुन् | 
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| वो बह्रें जो उर्दू में प्रचलित नहीं हैं | ||||
| करीब | मफाईलुन् | मफाईलुन् | फायलातुन् | 
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| कलीब | फायलातुन् | फायलातुन् | मफाईलुन् | 
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| असम | फायलातुन् | मफाईलुन् | फायलातुन् | 
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| वो बह्रें जो प्रचलित नहीं हैं | ||||
| कबीर | मफ्ऊलात | मफ्ऊलात | मुस्तफ्यलुन् | 
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| सगीर | मुस्तफ्यलुन् | फायलातुन् | मुस्तफ्यलुन् | 
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| सरीम | मफाईलुन् | फायलातुन् | फायलातुन् | 
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| सलीम | मुस्तफ्यलुन् | मफ्ऊलात | मफ्ऊलात | 
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| हमीद | मफ्ऊलात | मुस्तफ्यलुन् | मफ्ऊलात | 
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| हमीम | फायलातुन् | मुस्तफ्यलुन् | मुस्तफ्यलुन् | 
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| रुक्न | मात्रा-क्रम | विवरण | |||||||||
| फायलातुन् | 2122 | फा | 2 | य | 1 | ला | 2 | तुन् | 2 | 
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| मुस्तफ्यलुन् | 2212 | मुस् | 2 | तफ् | 2 | य | 1 | लुन् | 2 | 
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| मफाईलुन् | 1222 | म | 1 | फा | 2 | ई | 2 | लुन् | 2 | 
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| मुतफ़ायलुन् | 11212 | मु | 1 | त | 1 | फ़ा | 2 | य | 1 | लुन् | 2 | 
| मफ़ायलतुन् | 12112 | म | 1 | फा | 2 | य | 1 | ल | 1 | तुन् | 2 | 
| मफ्ऊलात | 2221 | मफ् | 2 | ऊ | 2 | ला | 2 | त | 1 | 
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| फऊलुन् | 122 | फ | 1 | ऊ | 2 | लुन् | 2 | 
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| फायलुन् | 212 | फा | 2 | य | 1 | लुन् | 2 | 
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