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भारतीय छंद विधान Discussions (68)

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सुमुखि सवैया [जगण X 7 + लघु + गुरु]

सवैये का यह प्रकार जगण यानि जभान या लघु गुरु लघु (।ऽ। ) की आवृति पर चलता है. अर्थात - सुमुखि सवैया =  जगण X 7 + लघु + गुरु या, इसे ऐसे भी…

Started by Saurabh Pandey

6 Dec 7, 2012
Reply by Saurabh Pandey

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सुन्दरी सवैया [सगण X 8 + गुरु]

दुर्मिल सवैया  के विषय में चर्चा कर चुके हैं जिसका सूत्र सगण X 8 होता है. सगण की इस आवृति या वर्ण वृत के अंत में एक गुरु के जोड़ दिये जाने…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 7, 2012

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मंदारमाला सवैया [गुरु + रगण X 7 // तगण X 7 + गुरु]

  हमें  गंगोदक सवैया  के बारे में जानकारी हो चुकी है जिसका विधान रगण X 8  होता है. इस वृत से एक रगण हटा कर इसके आदि में एक गुरु जोड़ दिया ज…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 6, 2012

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वाम सवैया [जगण X 7 + यगण]

मुक्तहरा सवैया  का विधान आठ जगण की आवृति है. इसके अंतिम यानि आठवें जगण के तीसरे लघु वर्ण को गुरु वर्ण कर दिया जाय तो उक्त जगण यगण (यानि लघ…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 6, 2012

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मुक्तहरा सवैया [जगण X 8]

हमने इस लेखमाला की कड़ी में  सुमुखि सवैया  की जानकारी प्राप्त कर ली है. सुमुखि सवैया  का विधान सात जगण (लघु गुरु लघु) के पीछे लघु गुरु का स…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 6, 2012

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सुख सवैया [सगण X 8 + लघु + गुरु] और सुखी सवैया [सगण X 8 + लघु + लघु]

इस सवैये (वृत) के दो प्रारूप उपलब्ध हैं, एक सुखी सवैया कहलाता है तो दूसरा प्रारूप सुख सवैया. बहरहाल, पहले हम मूल विधान पर चर्चा करें, फिर इ…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 5, 2012

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चकोर सवैया [भगण X 7 + गुरु + लघु]

  इससे पहले कि हम शीर्षक सवैया पर बात करें हम पुनः  मदिरा सवैया  का स्मरण करें जिसका विधान सात भगण प्लस एक गुरु का होता है.  यानि मदिरा सवै…

Started by Saurabh Pandey

0 Dec 5, 2012

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मत्तगयंद सवैया [भगण X 7 +गुरु+गुरु]

मत्तगयन्द सवैया 23 वर्णों का छन्द है, जिसमें सात भगण के पीछे यानि बाद दो गुरुओं का योग होता है. भगण का रूप भानस है जिसके शब्द गुरु लघु लघु…

Started by Saurabh Pandey

23 Dec 5, 2012
Reply by Dr.Prachi Singh

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मदिरा सवैया [भगण X 7 + गुरु]

हमने सवैया  के विभिन्न रूपों पर चर्चा करने के क्रम में मत्तगयंद सवैया के विषय में जाना है. जिसमें भगण की सात आवृति के पश्चात् दो गुरु का ह…

Started by Saurabh Pandey

4 Dec 5, 2012
Reply by Saurabh Pandey

रोला छंद एक परिचय:

रोला छंद एक परिचय: रोले के माध्यम से रोले की परिभाषा :-   (सम मात्रिक छंद रोला: चार चरण, प्रति चरण ११-१३ मात्राओं पर यति, अंत में गुरु २ या…

Started by Er. Ambarish Srivastava

8 Nov 29, 2012
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

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Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"ऐसे😁😁"
11 hours ago

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Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"अरे, ये तो कमाल  हो गया.. "
12 hours ago

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Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश भाई, पहले तो ये बताइए, ओबीओ पर टिप्पणी करने में आपने इमोजी कैसे इंफ्यूज की ? हम कई बार…"
12 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपके फैन इंतज़ार में बूढे हो गए हुज़ूर  😜"
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गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय लक्ष्मण भाई बहुत  आभार आपका "
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"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। अच्छी गजल हुई है । आये सुझावों से इसमें और निखार आ गया है। हार्दिक…"
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लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति, उत्साहवर्धन और अच्छे सुझाव के लिए आभार। पाँचवें…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय सौरभ भाई  उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार , जी आदरणीय सुझावा मुझे स्वीकार है , कुछ…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , ग़ज़ल पर आपकी उपस्थति और उत्साहवर्धक  प्रतिक्रया  के लिए आपका हार्दिक…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति का रदीफ जिस उच्च मस्तिष्क की सोच की परिणति है. यह वेदान्त की…"
17 hours ago

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Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . . उमर
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, यह तो स्पष्ट है, आप दोहों को लेकर सहज हो चले हैं. अलबत्ता, आपको अब दोहों की…"
18 hours ago

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मिथिलेश वामनकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज सर, ओबीओ परिवार हमेशा से सीखने सिखाने की परम्परा को लेकर चला है। मर्यादित आचरण इस…"
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