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पुस्तक समीक्षा Discussions (112)

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Discussions Replies Latest Activity

निकष पर -ःकिरण किरण रोशनी’            ::   डा. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

 समीक्ष्य पुस्तक- किरण किरण रोशनी (कहानी संग्रह) लेखिका-रूबी शर्मा प्रकाशन वर्ष- 2017 ई0 प्रकाशक- नमन प्रकाशन, स्टेशन रोड, लखनऊ            …

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Apr 23, 2019

ककनमठ( उपन्यास) समीक्षा

प्रथम प्रयास  पुस्तक : ककनमठ लेखक: पं. छोटेलाल भरद्वाज प्रकाशक: प.दिनेश भरद्वाज मूल्य: ५००/- रूपये प्रथम संस्करण: १९८८ द्वितीय संस्करण: २०…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

2 Feb 25, 2019
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

पटना वाला प्यार (कहानी संग्रह) पुस्तक समीक्षा

पुस्तक : पटना वाला प्यारविधा- कहानी संग्रहलेखक- अभिलाष दत्तप्रकाशक-समदर्शी प्रकाशनसंस्करण- अक्टूबर,2018मूल्य - ₹150/- अभिलाष दत्त द्वारा ल…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

0 Feb 23, 2019

मेघदूत का छायानुवाद है ‘यक्ष का संदेश’- डॉ. पाण्डेय रामेन्द्र                                   प्रस्तुति – गोपाल नारायण श्रीवास्तव    7

यक्ष का संदेश – डॉ. गोपाल नारायन श्रीवास्तव अंजुमन प्रकाशन, 942, मुट्ठीगंज, इलाहाबाद-3, प्रथम संस्करण 2018, कुल पृ0-92, मूल्य- रू. 150/- भा…

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Nov 30, 2018

ओबीओ लखनऊ चैप्टर की साहित्य संध्या- माह अक्टूबर,  2018- एक प्रतिवेदन  -डा. गोपाल नारायन श्रीवास्तव

                                           

Started by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव

0 Nov 30, 2018

पुस्तक समीक्षा : “दर्पण .... एक उड़ान कविता की”

संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाता काव्य संग्रह वर्तमान अंकुर के संयोजन में, एकल पुस्तक संग्रह की श्रृंखला के अंतर्गत प्रकाशित काव्यसंग्रह, “…

Started by Vikas Sharma 'Daksh'

0 Sep 20, 2018

पुस्तक समीक्षा – “दायरे...रिश्तों के”

सभी कहानियां भावनाओं से परिपूर्ण: पुस्तक समीक्षा – “दायरे...रिश्तों के” ‘दायरे.... रिश्तों के’  25 लाजवाब कहानियों का यह कहानी संग्रह रोहि…

Started by Vikas Sharma 'Daksh'

0 Sep 20, 2018

समीक्षा : नागफनी के दंश

समीक्षा पुस्तक : नागफनी के दंश प्रकाशक : बोधि प्रकाशन, सी-46, सुदर्शनपुरा इंडस्ट्रियल एरिया एक्स्टेंशन, नाला रोड, 22 गोदाम, जयपुर-302006. म…

Started by Ashok Kumar Raktale

0 Apr 1, 2018

सदस्य कार्यकारिणी

आचमनीय है “लघुकथा कलश”

आचमनीय है “लघुकथा कलश” ‘लघु कथा कलश’ एक ऐसा कलश जिसमे ३०० पावन नदियों का आचमनीय जल समाया हुआ है हिंदी साहित्य का एक विशाल सागर एक छोटी सी ग…

Started by rajesh kumari

0 Mar 19, 2018

सदस्य कार्यकारिणी

“जगमगाता रहे दुनिया को मुनव्वर "कौकब”

जब कोई अपने तज्रिबात और एहसासात की जमीं पर ग़ज़ल गोई ,जज्बात निगारी और कुदरती मनाजिर की अक्कासी करता है तो वो जमाने भर से एक रब्त कायम कर ले…

Started by rajesh kumari

7 Mar 18, 2018
Reply by pratibha pande

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शिज्जु "शकूर" posted a blog post

ग़ज़ल: मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना है

1212 1122 1212 22/112मुराद ये नहीं हमको किसी से डरना हैमगर सँभल के रह-ए-ज़ीस्त से गुज़रना हैमैं…See More
1 hour ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . . विविध

दोहा सप्तक. . . . विविधकह दूँ मन की बात या, सुनूँ तुम्हारी बात ।क्या जाने कल वक्त के, कैसे हों…See More
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी posted a blog post

ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)

122 - 122 - 122 - 122 जो उठते धुएँ को ही पहचान लेतेतो क्यूँ हम सरों पे ये ख़लजान लेते*न तिनके जलाते…See More
1 hour ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
""रोज़ कहता हूँ जिसे मान लूँ मुर्दा कैसे" "
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on Mayank Kumar Dwivedi's blog post ग़ज़ल
"जनाब मयंक जी ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, गुणीजनों की बातों का संज्ञान…"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on Ashok Kumar Raktale's blog post मनहरण घनाक्षरी
"आदरणीय अशोक भाई , प्रवाहमय सुन्दर छंद रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय बागपतवी  भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक  आभार "
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आदाब, ग़ज़ल के लिए मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाएँ, गुणीजनों की इस्लाह से ग़ज़ल…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
11 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
11 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
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