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बाल साहित्य Discussions (213)

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गजल(पेड़)

बच्चो! मीठी बोली बोलो बातों में कुछ मिसरी घोलो।1 काँटे लाख तुम्हे भटकायें, फूलों का उपहार सँजो लो।2 पेड़ लगाओ,पानी दो फिर उनके अच्छे साथी…

Started by Manan Kumar singh

0 Jun 19, 2017

गजल(आम)

22 22 22 22 आम बनाता काम सुनो जी रोग रहें सुरधाम सुनो जी।1 भिन्न बने सब,रंग अलग हैं इनके कितने नाम, सुनो जी।2 बीजू की बलिहारी जाऊँ बंबइय…

Started by Manan Kumar singh

0 Jun 13, 2017

सदस्य कार्यकारिणी

‘गिलहरी दोहे’ (बाल रचना )

एक गिलहरी चुनमुनी,पहने भूरा कोट| कुट कुट करके शान से ,खाती है अखरोट||   बच्चों को प्यारी बहुत,लगती उनको ख़ास|    आती मटक मटक कभी,फुदक-फुदक क…

Started by rajesh kumari

0 Jun 13, 2017

गजल(सेबों की है बात निराली)

22 22 22 22 सेबों की है बात निराली इनके बिन कब पूरी थाली?1 इनका सेवन कर लो,वरना डॉक्टर करते हैं घर खाली।2 कहते,एक अगर नित खाओ रोगों की बज…

Started by Manan Kumar singh

0 Jun 11, 2017

गजल(केले की महिमा)

22 22 22 22 केले की है महिमा,भाई उसकी होती देख बड़ाई।1 कच्चा, सब्जी में आ जाता पक जाये फिर गटको भाई।2 छिलके दूर कहीं रखना जी, पाँव पड़ें, त…

Started by Manan Kumar singh

5 Jun 6, 2017
Reply by Manan Kumar singh

सदस्य टीम प्रबंधन

हौले हौले बोल चिरैया.....लोरी //डॉ० प्राची

हौले-हौले बोल चिरैया, हौले-हौले बोल पलने में कान्हा सोया है, तू मत इत-उत डोल चिरैया हौले-हौले बोल... पलकों पर सपने थिरके हैं, अधरों पर मुस…

Started by Dr.Prachi Singh

4 May 4, 2017
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

शेर मामा (कविता)

शेर मामा शेर मामा हो गए बीमार बोले अब कैसे करूँ शिकार सुन यह शेर की दशा बोला उनसे चतुर सियार शेर मामा तुम मत घबराओ भालू डॉक्टर को बुलवाओ द…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 Mar 5, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

सांता आया (कविता)

सांता आया सांता आया खुशियों का झोला लाया संग है उनके ढेर खिलौने आये सबमें प्रेम पिरौने । सर्द हवा कब रूकती है सांता के मन को भाती है लाल च…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

3 Mar 5, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

क्लास में सफाई ( कथा)

स्कूल में आते ही बच्चों का ध्यान मुख्य पटल पर पड़ा जिसपर लिखा हुआ था इस माह से स्कूल प्रबन्धक कमिटी ने तय किया है कि स्वछता अभियान के तहत जो…

Started by KALPANA BHATT ('रौनक़')

1 Mar 5, 2017
Reply by KALPANA BHATT ('रौनक़')

सबका प्यारा हिन्दुस्तान

कल-कल-कल-कल बहती नदियाँ झर-झर-झर-झर झरते झरने घुन-घुन-घुन-घुन गाते भँवर घिर-घिर-घिर-घिर बदरा बरसे जिन पर सबको है अभिमान मेरा प्यारा हिन्दुस…

Started by सुरेश कुमार 'कल्याण'

7 Jan 19, 2017
Reply by Saurabh Pandey

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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"जी ठीक है *इल्तिजा मस'अले को सुलझाना प्यार से ---जो चाहे हो रास्ता निकलने में देर कितनी लगती…"
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DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । ग़ज़ल तक आने व हौसला बढ़ाने हेतु शुक्रियः । "गिर के फिर सँभलने…"
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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"ठीक है खुल के जीने का दिल में हौसला अगर हो तो  मौत   को   दहलने में …"
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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत अच्छी इस्लाह की है आपने आदरणीय। //लब-कुशाई का लब्बो-लुबाब यह है कि कम से कम ओ बी ओ पर कोई भी…"
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Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"ग़ज़ल — 212 1222 212 1222....वक्त के फिसलने में देर कितनी लगती हैबर्फ के पिघलने में देर कितनी…"
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सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"शुक्रिया आदरणीय, माजरत चाहूँगा मैं इस चर्चा नहीं बल्कि आपकी पिछली सारी चर्चाओं  के हवाले से कह…"
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Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
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Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
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अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय शिज्जु शकूर साहिब, माज़रत ख़्वाह हूँ, आप सहीह हैं।"
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Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
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