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बाल साहित्य Discussions (213)

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छम छम करती बरखा आये

  छम छम छम छम बरखा बरसे,   टर्र टर्र मेंडक बोले मोर नाचते हर्षे पशु पक्षियों में खुशिया छा जाए  मीठी मीठी कोयल भी बतलाये ।    कल कल करती नद…

Started by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

6 Aug 8, 2013
Reply by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला

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भला-भला सा घर अपना --- बालगीत/ सौरभ

भला-भला सा यह घर अपना यही सुखद संसार हमारा.. .   हम घर से ही जाने जाते  इस घर से ही माने पाते  खेल खेलते, उधम मचाते  मगन हुए हम गाने गाते …

Started by Saurabh Pandey

8 Aug 8, 2013
Reply by Saurabh Pandey

"हुआ सवेरा जागो मुन्ने"

बाल कविता     हुआ सवेरा जागो मुन्ने ! सरपट सरपट भागो मुन्ने !   देखो सूरज चाचा आए, भोर सुनहरी झिलमिल लाए।   .खिली प्रेम से नन्हीं कलियाँ,…

Started by annapurna bajpai

2 Aug 7, 2013
Reply by annapurna bajpai

चूहे की शादी

शोर मचा है जंगल मे चूहे जी की शादी है बिल्ली उसकी भाभी है भालू ढ़ोल बजाएगा बंदर नाच दिखाएगा हाथी दादा देंगे दावत गरम कचौरी और हलवे से शेर क…

Started by Pragya Srivastava

4 Aug 7, 2013
Reply by Dr.Prachi Singh

सुन री तितली - कविता

सुन री तितली   नीले पीले हरे जामनी और सुनहरे पंखो वाली तितली उड़ती उड़ती जा बैठी आँगन के खिले गुलाबों पर कभी चम्पा कभी चमेली पर इधर फुदकती उध…

Started by annapurna bajpai

6 Aug 6, 2013
Reply by annapurna bajpai

शिक्षा

कहो आज मैं तुम्हे सुना दूं सच्ची-सच्ची बात बता दूं प्रश्नों का जो ढ़ेर लगा है उन प्रश्नों को मैं सुलझा दूं समझ सको तो समझ के समझो ना समझो त…

Started by Pragya Srivastava

0 Jun 29, 2013

मीठा सपना

मैं बर्फी की सड़क पर दौड़ रही थी रास्ते में मुझे फ्रूटी की नदी मिली जिसमे चॅाकलेट की किश्तियाँ तैर रही थीं मैंने उस पर चढ़कर नदी पार की मैं…

Started by Pragya Srivastava

2 Jun 20, 2013
Reply by vijay nikore

जल बन कर इतराता / गीतिका 'वेदिका'

बूंद बना फिर गिरा धरा पर  जल बन कर इतराता  भरता ताल, तलैया, पोखर  सर, सरवर भर जाता  .......................... और नदी की गति बढ़ाता  सरिता…

Started by वेदिका

14 Jun 15, 2013
Reply by Pragya Srivastava

प्रकृति

पेड़ पर बैठी चिड़िया बोली ओ जंगल के राजा मानव कितना अभिमानी है इसको तू खाजा स्वार्थ में आकर छीन रहा था मेरा घर वो आज बच्चे मेरे बिलख रहे थे…

Started by Pragya Srivastava

0 Jun 14, 2013

भागो भागो बिल्ली है

बिल्ली आई चूहें भागे  भागे चूहे बिल्ली आई  बिल्ली पीछे चूहे आगे  भागो भागो बिल्ली है  मिल के  बैठे सारे चूहे  अब  बचना बिल्ली से  हुआ यह …

Started by Rekha Joshi

0 Jun 13, 2013

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सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

पूनम की रात (दोहा गज़ल )

धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।जगमग है कण-कण यहाँ, शुभ पूनम की रात।जर्रा - जर्रा नींद में ,…See More
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गिरिराज भंडारी posted a blog post

तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी

वहाँ  मैं भी  पहुंचा  मगर  धीरे धीरे १२२    १२२     १२२     १२२    बढी भी तो थी ये उमर धीरे…See More
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गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , उत्साह वर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
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"आ.प्राची बहन, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
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Dr.Prachi Singh replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"कहें अमावस पूर्णिमा, जिनके मन में प्रीत लिए प्रेम की चाँदनी, लिखें मिलन के गीतपूनम की रातें…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"दोहावली***आती पूनम रात जब, मन में उमगे प्रीतकरे पूर्ण तब चाँदनी, मधुर मिलन की रीत।१।*चाहे…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-176
"स्वागतम 🎉"
Friday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

१२२/१२२/१२२/१२२ * कथा निर्धनों की कभी बोल सिक्के सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के।१। * महल…See More
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'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 169

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
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"धन्यवाद आ. लक्ष्मण जी "
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