For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

कल-कल-कल-कल
बहती नदियाँ
झर-झर-झर-झर
झरते झरने
घुन-घुन-घुन-घुन
गाते भँवर
घिर-घिर-घिर-घिर
बदरा बरसे
जिन पर सबको है अभिमान
मेरा प्यारा हिन्दुस्तान
सबसे न्यारा हिन्दुस्तान
तुमको प्यारा हिन्दुस्तान
हमको प्यारा हिन्दुस्तान
सबको प्यारा हिन्दुस्तान।

पडोसियों ने सीमा पर
जब-जब आग बरसाई है
गवाह हिमालय है हमने अपनी
छाती छलनी कराई है
माताओं ने अपने बेटे
सरहद पे लुटाए हैं
हिमालय की वादियों में भी
अमन के चमन खिलाए हैं
सबको जिन पर है अभिमान
सबसे प्यारा हिन्दुस्तान
रणवीरों का हिन्दुस्तान
मेरी धरती हिन्दुस्तान
तेरी धरती हिन्दुस्तान
सबकी धरती हिन्दुस्तान।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 1053

Replies to This Discussion

देशभक्ति से ओतप्रोत यह रचना आपकी बहुत सुन्दर हुई है । हार्दिक बधाई आदरणीय ।
आदरणीया कल्पना भट्ट जी रचना प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार। सादर।
आदरणीय सुरेश जी सादर अभिवादन देश भक्ति की भावना से ओज प्रोत यह रचना बेहद उम्दा और भावपूर्ण है। बधाई ऐसे सृजन के लिए।
आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी रचना अनुमोदन के लिए हार्दिक आभार।सादर।

बाल साहित्य में आपकी प्रस्तुति का स्वागत है, आदरणीय. अच्छी भावनाओं को शब्द देती यह रचना रोचक भी बन पड़ी है. इस हेतु हार्दिक बधाइयाँ.

लेकिन इसी के साथ एक आवश्यक बात साझा करनी आवश्यक है. बाल रचनाएँ अविकसित या अनगढ़ वयस्क रचनाएँ नहीं होतीं. बल्कि इनकी एक विशेष श्रेणी हुआ करती है. ऐसी रचनाओं में न केवल भाव बल्कि शब्द, शब्द-संयोजन, तदनुरूप प्रवाह तथा संप्रेषणीयता का होना अत्यंत आवश्यक है. इसी कारण ऐसी रचनाओं की शिल्पगत प्रौढ़ता न दिखती हुई भी बहुत अधिक होती है. विश्वास है, आप ही नहीं अन्य रचनाकार भी इस ओर उचित ध्यान देंगे. बाल-साहित्य की रचनाएँ जितनी सहज दिखती हैं उतनी हुआ नहीं करतीं. आजका साहित्यिक माहौल भले ही उतना उपयुक्त न दिख रहा हो. लेकिन समृद्ध बाल रचनाएँ लिखी जा रही हैं. पुराने और प्रतिष्ठित रचनाकारों में दिनकर, बच्चन, पंत, महादेवी, कन्हैयालाल नन्दन, राजेन्द्र अवस्थी आदि बहुत से नाम हैं जिन्होंने बाल-साहित्य में ’गंंभीर’ काम किया है. 

हार्दिक शुभकामनाएँ 

श्रद्धेय सौरभ पांडेय जी सादर अभिवादन! रचना को अपना कीमती समय देकर मार्गदर्शन करने के लिए हृदय की गहराईयों से आभार। आपके संकेत को मैं समझ गया हूँ। आपके मार्गदर्शन में आगे और अधिक शिल्पगत प्रौढ एवं परिपक्व रचनाएं प्रेषित होंगी।ऐसी कोशिश रहेगी। सादर।

हार्दिक धन्यवाद और शुभेच्छाएँ, आदरणीय।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपने, आदरणीय, मेरे उपर्युक्त कहे को देखा तो है, किंतु पूरी तरह से पढ़ा नहीं है। आप उसे धारे-धीरे…"
4 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"बूढ़े न होने दें, बुजुर्ग भले ही हो जाएं। 😂"
4 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. सौरभ सर,अजय जी ने उर्दू शब्दों की बात की थी इसीलिए मैंने उर्दू की बात कही.मैं जितना आग्रही उर्दू…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय, धन्यवाद.  अन्यान्य बिन्दुओं पर फिर कभी. किन्तु निम्नलिखित कथ्य के प्रति अवश्य आपज्का…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश जी,    ऐसी कोई विवशता उर्दू शब्दों को लेकर हिंदी के साथ ही क्यों है ? उर्दू…"
5 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मेरा सोचना है कि एक सामान्य शायर साहित्य में शामिल होने के लिए ग़ज़ल नहीं कहता है। जब उसके लिए कुछ…"
6 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश  ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका बहुत शुक्रिया "
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"अनुज ब्रिजेश , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका  हार्दिक  आभार "
7 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. अजय जी,ग़ज़ल के जानकार का काम ग़ज़ल की तमाम बारीकियां बताने (रदीफ़ -क़ाफ़िया-बह्र से इतर) यह भी है कि…"
8 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही आदरणीय एक  चुप्पी  सालती है रोज़ मुझको एक चुप्पी है जो अब तक खल रही…"
9 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
10 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया से सोच को नव चेतना मिली । प्रयास रहेगा…"
10 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service