Tags:
Replies are closed for this discussion.
आभार आदरणीय . पिता को शायद अपने बेटो -बहुओं से ये उम्मीद नहीं थी कि वे अपनी बहन के साथ यू चालें चलेंगे . सो जो घर वह सबके लिए बचा कर रखना चाहता था उसे सुधा को सौंप पासा पलट दिया .
शतरंज में चालें बदल ही जाती हैं और मोहरों को पता भी नहीं चलता है, जो प्यादा आखिरी वर्ग पर आ जाता है कई बार वजीर में बदल जाता है| विषयानुसार बढ़िया रचना हेतु कृपया बधाई स्वीकार करें आदरणीया रीता जी|
आदरणीय चंद्रेश जी आभार . आपने बिलकुल सही समझा ," जो प्यादा आखिरी वर्ग पर आ जाता है कई बार वजीर में बदल जाता है| " बिलकुल इसी चाल को ध्यान में रख मैंने शब्दों की ये बिसात बिछाई .
पिता ने एक ही झटके में स्वार्थी भाइयों को मात दे दी मजबूत निर्णय लेकर उपेक्षित बेटी को सचमुच बिटिया रानी बना दिया! सुन्दर कथा आदरणीय रीता गुप्ता जी
धन्यवाद आदरणीय रजनी जी . पिता का निर्णय शायद अचानक लिया हुआ नहीं था परन्तु वक़्त की शतरंजी चालों ने उसे विवश किया कि वह शतरंजी राजा सी बेबसी छोड़ वास्तविकता और हकीकत का सामना करें .
आदरणीय रीता गुप्ता जी आप की लघुकथा बढ़िया हुई है. इस हेतु आप को हार्दिक बधाई. सुधा की स्थिति का आप ने बहुत \ही मार्मिक विवरण किया है. बीचबीच में विवरण थोडा खटकने लगता है. मगर अंत में जा कर मार्मिक हो जाता है. सुंदर और सार्थक लघुकथा .
आदरणीय ओमप्रकाश जी ,आभार आपका . आपके विचार मेरे लिए महत्वपूर्ण हैं .
एक अच्छे कथानक पर एक अच्छी लघुकथा कही है आ० रीता गुप्ता जी. अंग्रेजी शतरंज में यदि कोई मोहरा दुश्मनों की आखरी अग्रिम पंक्ति में जा पहुँचता है तो वह "रानी" बन जाता है. सुधा के एक पैदल प्यादे से रानी बन जाने का विवरण अच्छा लगा, जिस हेतु हार्दिक बधाई प्रेषित है.
आदरणीय योगराज जी ,धन्यवाद जो आपने विषय प्रदत्त मेरी कथा के मर्म को बाखूबी समझ लिया . बिलकुल मैंने यही प्रेषित करने प्रयास किया है जो आपने कहा . शीर्षक क्वीन देने का मकसद यही था ,क्यूंकि हिंदी में इस मोहरे को वजीर बोलते हैं .
प्यादा ताकतवर हो क्वीन बन गया ,वाह ,एक सकारात्मक अंत के साथ बेहद मोहक ढंग से कथा बुनी है आपने बधाई आपको आदरणीया रीता जी
चाल किसी की मात किसी की |बहुत बहुत बधाई आदरणीया रीता जी
विषय पर बढ़िया लघुकथा हुई रीता जी
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |