For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल (न मुँह को फेर के यूं आप जाएं ईद के दिन)

(मफाइलुन _फ इलातुन_मफाइलुन_फ इलुन)

न मुँह को फेर के यूं आप जाएं ईद के दिन |
मेरे गले से  लगें   या लगाएँ ईद के दिन |

अकेले हम ख़ुशी कैसे मनाएँ ईद के दिन |
ख़ुदा क़सम वो बहुत याद आएँ ईद के दिन |

जो पिछले साल थाशामिल हमारी खुशियों में
उसी हसीन की यादें सताएँ ईद के दिन |

गरज़ है क्या भला हम साया ग़ैर मुस्लिम है
उसे बुलाके सिवइयाँ खिलाएँ ईद के दिन |

ख़ुदा ने अर्श से भेजा है तुहफा फरहत का
न दिल किसी भी बशर का दुखाएँ ईद केदिन |

वतन में एकता क़ायम हो भाई चारा बढ़े
ख़ुदा से मांगिए मिल कर दुआएँ ईद के दिन |

कहीँ न फोड़ लूँ आंखें मैं देख कर मंज़र
उदास शक्ल न मुझको दिखाएँ ईद के दिन |

किया जो वादा मुलाक़ात का कभी हम से
उसे तो आप खुदारा निभाएँ ईद के दिन |

जो मुद्दतों से है तस्दीक आप से रूठा
उसे गले से लगा कर मनाएँ ईद के दिन |

{मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 744

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 19, 2018 at 6:21pm

मुहतरम जनाब विजय निकोरे साहिब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by vijay nikore on June 19, 2018 at 5:06pm

आपकी गज़ल पढ़ कर आनन्द आ गया । हार्दिक बधाई।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 19, 2018 at 9:35am

मुह तरमा रक्षीता साहिबा आ दाब , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 19, 2018 at 9:33am

मुहतरम जनाब तेज वीर साहिब, ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई और ईद की मुबारक बादी का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by रक्षिता सिंह on June 19, 2018 at 7:55am

आदरणीय तस्दीक़ डी नमस्कार,
सुन्दर रचना...बहुत बहुत बधाई ।।

Comment by TEJ VEER SINGH on June 19, 2018 at 7:45am

ईद के पावन अवसर पर बेहद खूबसूरत गज़ल। हार्दिक बधाई आदरणीय तस्दीक अहमद खान साहब जी।साथ ही आपको ईद की मुबारकबाद।

वतन में एकता क़ायम हो भाई चारा बढ़े 
ख़ुदा से मांगिए मिल कर दुआएँ ईद के दिन |

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 18, 2018 at 6:25am

जनाब भाई लक्ष्मण धामी साहिब , ग़ज़ल पर आपकी सुंदर प्रतिक्रिया और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by Samar kabeer on June 17, 2018 at 9:37pm

जी,बहतर है ।

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on June 17, 2018 at 9:35pm

आ. भाई तस्दीक अहमद जी, ईद के मौके पर बेहतरीन गजल हुयी है । हार्दिक बधाई ।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 17, 2018 at 3:40pm

मुहतरम जनाब समर साहिब आदाब  , ग़ज़ल में आपकी शिर्कत और हौसला अफज़ाई का बहुत बहुत शुक्रिया | शेर 2 उला मिसरा यूं कर लिया है "अकेले हम ख़ुशी कैसे मनाएँ ईद के दिन  " 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन अभिवादन व हार्दिक आभार।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत ग़ज़ल की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी. सादर "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिए आभार।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. प्रतिभा बहन, सादर अभिवादन। सुन्दर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
" आदरणीय अशोक जी उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"  कोई  बे-रंग  रह नहीं सकता होता  ऐसा कमाल  होली का...वाह.. इस सुन्दर…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली.. हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"बहुत सुन्दर दोहावली..हार्दिक बधाई आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"सुन्दर होली गीत के लिये हार्दिक बधाई आदरणीय "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। बहुत अच्छी गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-161
"आदरणीय भाई लक्षमण धामी जी सादर, उत्तम दोहावली रच दी है आपने. हार्दिक बधाई स्वीकारें. सादर "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service