For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

समय का चक्कर (कटाक्षिकाएँ)

(1) समय के
मोबाइल फोन पर
सिकुड़ती हुई
संवेदना के वायब्रेशन है ।
(2) समय के
जल की शिराओं में
भविष्य का दौड़ता
जल संकट है ।
(3) समय के
दाम्पत्य पर
अलगाव की
लकीरें है ।
(4) समय की कॉकटेल में
महानगर के
बीयर-बार में
नियॉन रोशनी में
तनाव मुक्ति की
शराब उडेली
जा रही है ।
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 744

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on October 14, 2017 at 7:49am
आदरणीय विजय शंकर जी आदाब,आपकी उत्साहजनक , समीक्षात्मक और निरपेक्ष भाव की टिप्पणी पाकर अभिभूत हो गया । आपकी टिप्पणी से पश्चिम के देश में मोबाइल के प्रयोग के बारे में जानकर अच्छा लगा । हमें मोबाइल -आचरण पर ध्यान देना होगा । हार्दिक-हार्दिक आभार ।
Comment by Dr. Vijai Shanker on October 13, 2017 at 5:25am
बहुत खूबसूरत प्रस्तुति। जब जीवन के ऊपर मशीनें इस कदर हावी हो जाएँ तो जीएवं का यंत्रवत होना रोक पाना बहुत कठिन है। एक मोबाईल ने ही हमारी जिंदगी का बहुत बड़ा हिस्सा हमसे छीन लिया है और उसे हम आगे बढ़ना मानते है। वैसे कुछ लोगों के मोबाइल बजाते ही नहीं या बहुत काम बजते हैं , वो तो किसी से पीछे नहीं दिखते। विदेशों में मैं जहां जहां भी गया , देखता हूँ की ड्यूटी पर तो शायद ही किसी का मोबाईल बजता हो। घूमते फिरते , बाजार में भी बहुत कम लोग इसे कान लगाए दिखते हैं। हमारे यहां तो कार ड्राइव करते समय आप अपने बाल ठीक कर रहे हों और पुलिस वाला देख ले तो गाड़ी रोक लेगा , मोबाइल पर बात बात कर रहे
थे। तारीफ़ देखिये कि औद्योगीकरण में हम चाहे जितना पीछे हों पर किसी नव उपकरण के हम सबसे उपभोक्ता बन जाते हैं , प्रगति / आमदनी से बड़े खर्चे।
आपको मोहम्मद आरिफ जी , आपको बहुत बहुत बधाई , सादर।
Comment by Mohammed Arif on October 12, 2017 at 9:26pm
बहुत-बहुत आभार आदरणीय वासुदेव अग्रवाल जी । आपकी उत्साहजनक प्रतिक्रिया से लेखन सार्थक हो गया ।
Comment by Mohammed Arif on October 12, 2017 at 9:24pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी । लेखन सार्थक हो गया ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on October 12, 2017 at 6:30pm
अद्भुत प्रतीकात्मक विचारोत्तेजक सम्प्रेषण। तहे दिल से बहुत-बहुत मुबारकबाद मुहतरम जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on October 12, 2017 at 6:28pm
वाहहहह मोहम्मद आरिफ जी जीवन के कटु सत्य को उजागर करती क्षणिकाएँ। हार्दिक बधाई।
Comment by Mohammed Arif on October 12, 2017 at 8:38am
अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया से पोषित करने का बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय राज़ नवादवी जी ।
Comment by राज़ नवादवी on October 11, 2017 at 10:43pm

सुंदर क्षणिकाएं | बधाई हो आदरणीय  मोहम्मद आरिफ़ साहब 

Comment by Mohammed Arif on October 11, 2017 at 10:36pm
बहुत-बहुत शुक्रिया सलीम रज़ा साहब ।
Comment by Mohammed Arif on October 11, 2017 at 10:34pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीया कल्पना भट्ट जी । लेखन सार्थक हो गया ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के।लिए सादर"
5 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए सादर"
5 minutes ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिये अमित जी की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
8 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी, आपका टिप्पणी व सुझाव के लिए हार्दिक आभार। एक निवेदन है कि — काम की कोई मानता…"
38 minutes ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Dayaram Methani जी आदाब  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है।  ग़ज़ल 2122 1212 22 .. इश्क क्या…"
1 hour ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
" आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय प्रेम चंद गुप्ता जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
3 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, सुंदर ग़ज़ल के लिए बहुत बहुत बधाई आदरणीय।"
3 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service