For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

भगवान तू है कहां (लघुकथा) /शेख़ शहज़ाद उस्मानी

"मैं धर्म, धार्मिक ग्रंथों और प्रवचनों की सीढ़ियों पर चढ़कर सच्चे सुख की तलाश करता हुआ ईश्वर को तलाश रहा था!" अपनी दाढ़ी पर हाथ फेरते हुए एक आदमी ने अपने साथियों से कहा।

दूसरे ने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा- "मैं विज्ञान, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और तकनीकी यंत्र-तंत्र की सीढ़ियों पर चढ़कर सच्चा सुख तलाशते हुए भगवान को चुनौती देकर विज्ञान को ही भगवान समझने लगा!"

तीसरा अपने दोनों साथियों से बोला- "मुझे जब जैसा मौक़ा मिला उसी अनुसार सीढ़ियों को चुनता रहा धन को ही भगवान समझ कर। कभी धर्म की, कभी विज्ञान और तकनीक की, तो कभी भ्रष्टाचार की सीढ़ियों पर चढ़कर धन-भगवान में ही सच्चे सुख को तलाशता रहा!"

दार्शनिक विचारों वाले चौथे साथी ने कहा- "भगवान आख़िर है कहाँ? सच्चे सुख में, धार्मिक ग्रंथों में, विज्ञान में या धन-दौलत में? हम यूँ ही परेशान हैं उन्हें समझने और ढूंढने के लिए ! अरे, भौतिकतावाद की दीवार के पार झांक लो या ये दीवार ही तोड़ डालो !"

अब सभी दुखी अपने-अपने गिरेबान में झांकने लगे।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 503

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on June 29, 2017 at 6:28am
मेरी इस लघुकथा के अनुमोदन व हौसला अफजाई के लिए सादर हार्दिक धन्यवाद आदरणीय समर कबीर साहब, तेजवीर सिंह जी, डॉ. आशुतोष मिश्रा जी, मिथिलेश वामनकर जी, तस्दीक़ अहमद ख़ान साहब और जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहब।
Comment by Dr Ashutosh Mishra on February 7, 2017 at 12:12pm

aआदरणीय शेख उस्मानी जी ..गोविन्द का रास्ता बताती इस शानदार रचना के लिए हार्दिक बधाई सादर 

Comment by TEJ VEER SINGH on February 6, 2017 at 8:19pm

हार्दिक बधाई आदरणीय शेख उस्मानी  जी।बेहतरीन प्रस्तुति।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 6, 2017 at 6:20pm

आदरणीय उस्मानी जी, बढ़िया प्रस्तुति, बधाई. सादर 

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on February 5, 2017 at 9:43pm

मुहतरम जनाब शेख शहज़ाद उस्मानी    साहिब  ,अच्छी लघु कथा हुई है , मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ -

Comment by Mohammed Arif on February 5, 2017 at 6:49pm
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी आदाब, सच है अगर उसे पाना है तो भौतिकता से ऊपर उठना होगा । मुबारक़बाद क़ुबूल करें ।
Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 4, 2017 at 8:03pm
त्वरित प्रतिक्रिया व हौसला अफ़जा़ई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया मोहतरम जनाब समर कबीर साहब।
Comment by Samar kabeer on February 4, 2017 at 7:18pm
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी साहिब आदाब,अच्छी लगी आपकी लघुकथा,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
3 minutes ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
5 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
22 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
24 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
33 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
52 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
54 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
55 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय हरिओम श्रीवास्तव जी, आपको मेरा प्रयास पसंद आया जानकर खुशी हुई। हार्दिक आभार आपका। बहुत बहुत…"
56 minutes ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय वामनकर सर,आपकी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया से सर्जन सार्थक हुआ। हार्दिक आभार।🙏"
57 minutes ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय गणेश बागी जी, प्रोत्साहन के लिए हार्दिक आभार। जो बात आदरणीय तिलकराज कपूर जी ने कही है उस पर…"
1 hour ago
Hariom Shrivastava replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह,वाह,पर्यावरण पर बेहतरीन ग़ज़ल। बधाई हो आद. धामी जी।"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service