Tags:
Replies are closed for this discussion.
मनोभावों को सुन्दरता से उकेरा है आपने अर्चना जी बहुत बहुत बधाई।
इस रचना की पंच लाइन ने तो जैसे भावनाओं के ज्वार को बहा दिया| लघुकथा का सन्देश भी स्पष्ट है | आदरणीया अर्चना जी, हार्दिक बधाई आपको इस रचना हेतु|
एक गंभीर विषय पर इस सुन्दर लघुकथा के लिए बधाई स्वीकारे आ अर्चना त्रिपाठी जी एक स्त्री के मन की पीड़ा को बखूबी उकेरा है आपने अपनी लघुकथा में
प्रत्युत्तर
=======
स्कूल में वार्षिक-दिवस की तैयारी ज़ोर-शोर से चल रही थी. भाषण-कला के लिए क्लास-1 के बोर्ड पर शीर्षक लिखा था - ’मातृभूमि’ !
"तुम्हें भी कुछ कहना है आयशा ? देखो, और बच्चे कितना बढिया बोल रहे हैं !" - मैम ने सात वर्ष की आयशा को उत्साहित करते हुए कहा - "तुम्हारा भी नाम बोल दूँ, बेटा ! बोलोगी ?"
अपनी उम्र की बच्चियों की अपेक्षा आयशा शांत रहा करती थी. उसके अब्बू इण्डियन आर्मी में थे और पूंछ सेक्टर में पोस्टेड थे, जब दो वर्ष पहले सीमा पार के एक टेरोरिस्ट कॉम्बैट में शहीद हो गये थे.
मैम के पूछने पर वह कुछ बोल नहीं पायी, लेकिन उनकी बातों को उसने नकारा भी नहीं, हल्का-सा सिर हिला दिया. थोड़ी ही देर में आयशा का नाम पुकारा गया. सधे हुए कदमों बढ़ती हुई आयशा माइक के सामने जा कर खड़ी हो गयी, चुपचाप ! उसकी आँखें शून्य में टंग गयीं थीं. सभी आयशा की ओर देख रहे थे. मैम ने इशारा किया - "बोलो !"
मगर नहीं !
मैम आयशा के पास गयीं - "आयशाऽऽ.. बेटी चुप क्यों हो ? बोलो.. !"
आयशा की जैसे तन्द्रा टूटी. लेकिन आँखें अब भी अपने आस-पास नहीं, सामने दीवार पर थीं. मन शांत था -
"अम्मी बोलती हैं.. अब्बू अपनी अम्मी की गोद में सो गये हैं.. "
******************
(मौलिक और अप्रकाशित)
आदरणीया अर्चनाजी, आपका सादर धन्यवाद कि प्रस्तुति पसंद आयी.
आदरणीय मालाजी, आपसे अनवरत सहयोग की अपेक्षा रहेगी.
शुभ-शुभ
आदरणीय सौरभ जी आप जब भी लघुकथा लिखते है आप का अंदाज अलग व जुदा होता है. आप ने इतनी शानदार लघुकथा लिखी है की बरबस मुंह से वाह निकल जाता है.
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |