For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

1212-1122-1212-112

" ये सच है काम हमारा तो बेमिसाल नहीं "
मिला सुकून जो दिल को तो अब मलाल नहीं

बिना क़सूर ही मैं बज़्म से निकाला गया
गज़ब के पूछा किसी ने कोई सवाल नहीं

मैं अपने खुद के ही दम पर जहाँ में जी लूँगाा
जो हौंसला हो अगर कुछ भी फिर मुहाल नहीं

वफ़ा की राह पे चल कर किसी को कुछ न मिला
मगर मैं ज़िन्दा हूँ अब तक ये क्या कमाल नहीं

तमाम रात अंधेरे से वो मुकाबिल था
थका थका सा लगे है, दिया निढ़ाल नहीं

बहादुरी से लड़ा और जान भी दे दी
शहीद-ए-ग़र्दिश-ए-अय्याम की मिसाल नहीं

दिलों में आग भरी लोग मुँह से राम कहें
जहाँ में एक भी महबूब-ए-ज़ुल-जलाल नहीं

हम अब भी रातों को उठ उठ के उन को छूते हैं
हुई है उम्र मगर इश्क़ में ज़वाल नहीं

तू अपने दिल से कभी पूछ कर तो देख 'दिनेश'
कि शख़्सियत में तेरी क्यूँ कोई जमाल नहीं

-- दिनेश कुमार १७/१२/२०१४
( मौलिक और अप्रकाशित )

Views: 704

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by दिनेश कुमार on January 4, 2015 at 8:07pm
आ.नादिर खान साहब , आप के शब्दों से और अच्छा करने का बल मिला है। बहुत बहुत शुक्रिया सर जी।
Comment by दिनेश कुमार on January 4, 2015 at 8:00pm
जी,गणेश सर जी, मतला बदलना है अभी, कोशिश करूँगा। हौसला अफजाई का बहुत शुक्रिया।
Comment by दिनेश कुमार on January 4, 2015 at 7:57pm
Shukriya aa. Ram shiromani Pathak ji.....honsala badane ke liye...
Comment by नादिर ख़ान on January 4, 2015 at 7:44pm

आदरणीय दिनेश जी, पहली बार आपकी रचना पढ़ी और बार बार पढ़ने को जी चाहा बहुत बहुत बधाई इस उम्दा ग़ज़ल के लिए .


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 4, 2015 at 4:50pm

ग़ज़ल अच्छी हुई है, यदि तरही मिसरा //" ये सच है काम हमारा तो बेमिसाल नहीं "// यह है तो सामान्यतः तरही मिसरा को मतला में बाँधने का चलन नहीं है. बधाई इस प्रस्तुति पर.

Comment by ram shiromani pathak on January 4, 2015 at 3:33pm
अहा बहुत प्यारी ग़ज़ल।।हार्दिक बधाई आपको
Comment by दिनेश कुमार on January 4, 2015 at 6:19am
हौसला अफजाई के लिए बहुत शुक्रिया आ. Shyam vermaji, Hari Prakash ji ,Anurag ji, Giriraj ji,Ajay sharma ji...स्नेह बनाए रखिएगा।
Comment by ajay sharma on January 3, 2015 at 10:54pm

तमाम रात अंधेरे से वो मुकाबिल था
थका थका सा लगे है, दिया निढ़ाल नहीं.............aur makhte ka sher bahut khoob hai ....


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2015 at 9:06pm

तमाम रात अंधेरे से वो मुकाबिल था
थका थका सा लगे है, दिया निढ़ाल नहीं
तू अपने दिल से कभी पूछ कर तो देख 'दिनेश'
कि शख़्सियत में तेरी क्यूँ कोई जमाल नहीं                     --  बहुत खूब आदरणीय दिनेश भाई , बढ़िया गज़ल और इन अश आर के लिए बधाई ॥

Comment by Anurag Prateek on January 3, 2015 at 8:51pm

 आदरणीय दिनेश कुमार जी

ये सच है काम हमारा तो बेमिसाल नहीं "

तरही मिसरा ही कमजोर है लेकिन आपकी ग़ज़ल दमदार है, बधाई सर 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
9 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service