For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हाइकू संग्रह

 

1. 

प्रकृति-रूपा. 

भू-सम,उपेक्षिता. 

कुपित धरा. 

 

2. 

सखा सा साथी. 

प्रज्वलित हृदय. 

ज्यों दिया-बाती. 

 

3. 

ग़ज़ब नाता. 

दूब-पग संगम. 

गुदगुदाता. 

 

4. 

विरह दंश. 

अश्रुपूरित नैन. 

मन बेचैन. 

 

5. 

नत मस्तक. 

ब्रह्म देव दर्शन. 

प्रेम दस्तक. 

 

6.

प्रेम की प्यासी. 

हूँ चरणन दासी. 

दीवानी मीरा .

 

7. 

सृष्टि रहस्य. 

मुख देख कन्हैया. 

आवाक मैया. 

 

8. 

बोली लहर. 

मुझ बिन क्या तुम. 

सूखा सागर. 

 

9. 

खामोशी सुन. 

बेसब्र मोहब्बत. 

ख्वाब तो बुन. 

 

10.

आनंद द्वार.

पञ्च शरीर पार.

परमेश्वर.

 

11.

स्वर्णाभा तम.

अप्रतिम देवाग्नि.

प्रभा-मंडल.

 

12.

कागज़ नौका.

वाचाल ये यौवन.

पवन झोँका.

 

13.

कुम्हार मिट्टी.

बाल मन मूरत.

न खेल गिट्टी.

 

14.

अंकुर फूटा.

तोड़ दिया कवच.

जीने को जूझा.

 

15.

ओढ़ छतरी.

बरसी टप टप.

नैन बदरी.

 

16. 

शून्य अनंत.

न घटेगा बढेगा.

विस्तृत संत.

 

17. 

गल-भुजंग.

झूलता बचपन.

वात्सल्य रंग.

 

18.

दाम्पत्य आशा.

प्रेम ठिठोली त्याग.

नयन भाषा.

 

19. 

एक दो मन.

कुंदन सी चमक.

प्रेम अगन.

 

20.

 जिंदा दफ़न.

रूहानी मोहब्बत.

ओढ़े कफ़न.

Views: 630

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on March 15, 2013 at 10:55am

हाइकू की सराहना के लिए आभार प्रिय राम शिरोमणि पाठक जी 

Comment by ram shiromani pathak on March 7, 2013 at 4:15pm

बेहद ही सुन्दर कल्पना... सारे ही हाइकु शिल्प और कथ्य में श्रेष्ठता के मापदंड स्थापित करते हुए से लगते हैं.. यह वाला विशेषकर पसंद आया

ग़ज़ब नाता.

दूब-पग संगम.

गुदगुदाता.........................बड़े प्यारे हैं !!!!!!!!!!!मर्मस्पर्शी और भाव पूर्ण रचना एक बार और बधाई स्वीकार करें


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 5, 2012 at 12:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय योगराज जी,

 हाइकुआना अंदाज़ में सराहना लाजवाब है.

पुनः आभार


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on May 5, 2012 at 11:19am

बड़े प्यारे हैं 
रूह तक उतरे
शाहपारे हैं


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 4, 2012 at 4:33pm
Heartfelt thanks respected Dushyant Ji.
Comment by दुष्यंत सेवक on May 3, 2012 at 11:18am

२० हाइकु अपने आप में २० पूर्ण ग़ज़लें हैं छोटी यद्यपि सुन्दर, मर्मस्पर्शी और भाव पूर्ण रचना एक बार और बधाई स्वीकार करें

Comment by दुष्यंत सेवक on May 3, 2012 at 11:15am

बेहद ही सुन्दर कल्पना... सारे ही हाइकु शिल्प और कथ्य में श्रेष्ठता के मापदंड स्थापित करते हुए से लगते हैं.. यह वाला विशेषकर पसंद आया

ग़ज़ब नाता.

दूब-पग संगम.

गुदगुदाता.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 3, 2012 at 10:25am

बहुत बहुत आभार आदरणीय सतीश मापतपुरी जी


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 3, 2012 at 10:25am
बहुत बहुत आभार आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी
इन हाइकुओं के लिए आपकी सराहना एक अमूल्य निधि है... हार्दिक आभार
Comment by satish mapatpuri on May 3, 2012 at 1:18am

सराहनीय डॉ . प्राची जी

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post काश कहीं ऐसा हो जाता
"आदरणीय अमन सिन्हा जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर। ना तू मेरे बीन रह पाता…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on दिनेश कुमार's blog post ग़ज़ल -- दिनेश कुमार ( दस्तार ही जो सर पे सलामत नहीं रही )
"आदरणीय दिनेश कुमार जी बहुत बढ़िया ग़ज़ल हुई है शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल कीजिए। इस शेर पर…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया .... गौरैया
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई। गौरैया के झुंड का, सुंदर सा संसार…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on AMAN SINHA's blog post यह धर्म युद्ध है
"आदरणीय अमन सिन्हा जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .प्रेम
"वाह वाह वाह... क्या ही खूब शृंगार का रसास्वाद कराया है। बहुत बढ़िया दोहे हुए है। आखिरी दोहे ने तो…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Ashok Kumar Raktale's blog post कैसे खैर मनाएँ
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी, बहुत शानदार गीत हुआ है। तल्ला और कल्ला ने मुग्ध कर दिया। जो पेड़ों को काटे…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Samar kabeer's blog post "ओबीओ की 14वीं सालगिरह का तुहफ़ा"
"आपकी ज़िंदगी ओबीओ  मेरी भी आशिकी ओबीओ  इस समर में फले कुछ समर ऐ समर ये खुशी…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"आदरणीय आज़ी तमाम जी, बढ़िया ग़ज़ल हुई है। शेर दर शेर दाद ओ मुबारकबाद कुबूल फरमाएं। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया प्रस्तुति। हार्दिक बधाई। आख़री दोहे में  गोल गोल ये रोटियां,…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय सुशील सरना जी, मयखाने से बढ़िया दोहे लेकर आए हैं। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। सादर।"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आदरणीय सुशील सरना जी बहुत बढ़िया दोहा छंद की प्रस्तुति हुई है। हार्दिक बधाई स्वीकार करें। इस दोहे…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"वक्त / समय बिता कर देखिए, मजदूरों के साथ । गीला रहता स्वेद से , हरदम उनका माथ ।। आदरणीय सुशील सरना…"
1 hour ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service