For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जहर उसने ज्यों प्याले से पिलाया दोस्तों

चुन चुन के  ख्वाब मेरे जलाया दोस्तों 

खूँ में उसने आज ये  क्या मिलाया दोस्तों 

रब से मिलती रही औ  घूँट भरती  रही 

 जहर उसने ज्यों  प्याले से  पिलाया दोस्तों 

चाहत घर की रही और मकाँ  मिल गया 

कैसा किस्मत ने   देखो  गुल खिलाया दोस्तों 

 जिस्म अपना रहा औ रूह उसकी मिली 

सब कुछ उसकी लगन में  है  भुलाया दोस्तों 

 पीर जमती रही  औ  पर्वत बनता रहा 

आंसुओं की तपन  ने ना पिघलाया दोस्तों 

खुद ही रख दूँ  मैं    लकड़ी   चिता पर  मेरी

मेरी  जाँ ने मुझे  कितना   रुलाया दोस्तों 

आँखें बंद हो मेरी        और मैं पाऊं उसे

जिसकी मुरली ने मुझको है  बुलाया  दोस्तों 

********************************************  

Views: 593

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 24, 2012 at 9:50pm

आदरणीय गणेश जी आपको यह रचना  पसंद आई आपका बहुत बहुत हार्दिक आभार 


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on November 24, 2012 at 9:30pm

अच्छी रचना , सुन्दर भाव , बधाई आदरणीया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 24, 2012 at 11:52am

योगी सारस्वत जी तारीफ के लिए बहुत बहुत शुक्रिया 

Comment by Yogi Saraswat on November 24, 2012 at 11:08am

चाहत घर की रही और मकाँ  मिल गया 

कैसा किस्मत ने   देखो  गुल खिलाया दोस्तों 

 जिस्म अपना रहा औ रूह उसकी मिली 

सब कुछ उसकी लगन में  है  भुलाया दोस्तों

बहुत खूब , सुन्दर अल्फ़ाज़


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 22, 2012 at 11:42pm

 हार्दिक आभार शिखा  कौशिक जी 

Comment by shikha kaushik on November 22, 2012 at 10:51pm

खुद ही रख दूँ  मैं    लकड़ी   चिता पर  मेरी

मेरी  जाँ ने मुझे  कितना   रुलाया दोस्तों

बहुत खूब .बधाई सारगर्भित रचना हेतु राजेश जी .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 22, 2012 at 5:16pm

आदरणीय लक्ष्मण प्रसाद जी ह्रदय से आभारी हूँ 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 22, 2012 at 5:15pm

नादिर खान जी आपकी प्रशंसा हेतु दिल से शुक्रिया 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 22, 2012 at 5:14pm

राजेश कुमार झा जी आपको ये रचना पसंद आई ह्रदय से आभारी हूँ 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on November 22, 2012 at 4:50pm
सुन्दर भावों की अभिव्यक्ति पढ़ कर ख़ुशी हुई 
बधाई स्वीकारे आदरणीया राजेश कुमारी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
11 hours ago
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय सुशील सरना जी, हार्दिक आभार आपका। सादर"
yesterday

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर posted a discussion

"ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)

आदरणीय साथियो,सादर नमन।."ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 में आप सभी का हार्दिक स्वागत है। इस बार…See More
yesterday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

कुंडलिया छंद

आग लगी आकाश में,  उबल रहा संसार।त्राहि-त्राहि चहुँ ओर है, बरस रहे अंगार।।बरस रहे अंगार, धरा ये तपती…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
Wednesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
Tuesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
Tuesday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
Tuesday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service