For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दूर होकर

दूर होकर तुझसे हम दूर कहाँ जाएँगे
दिल में झाँको तो सही पास नज़र आएँगे
दूर होकर तुझसे हम दू ---------------
हम मुहब्बत के पुजारी हैं करो मुझपे यकीं
तुम पुकारोगे जहाँ हमको पाओगे वहीँ
हम तो सांसों हम तो आँखों में ही बस जाएँगे
दिल में झाँको तो सही पास नज़र आएँगे
दूर होकर तुझसे हम दू ---------------
यह हकीकत है मेरे दिल पे हक है तेरा
मैं हूँ 'दीपक' मुझे अंधेरों ने अक्सर घेरा
गीत मेरे तेरे दिल को भी बहलाएँगे
दिल में झाँको तो सही पास नज़र आएँगे
दूर होकर तुझसे हम दू---------------
गम नहीं वक्त का आखिर यह थम जाएगा
ज़ख्म गहरा ही सही आखिर भर जाएगा 
लम्हें अच्छे हो बुरे सब ही गुज़र जाएँगे 
दिल में झाँको तो सही पास नज़र आएँगे
दूर होकर तुझसे हम दू ---------------


दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
09350078399
१८ मई २०१२.

Views: 387

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 22, 2012 at 9:29am

सुन्दर अभिव्यक्ति कुल्लवी साहिब |

Comment by Ashok Kumar Raktale on May 20, 2012 at 8:54am

कुल्लुवी जी,
                    सादर, बहुत सुन्दर गीत. बधाई.

Comment by Nilansh on May 19, 2012 at 12:14pm

sunder  nazm hai bhai

ज़ख्म गहरा ही सही आखिर भर जाएगा 

लम्हें अच्छे हो बुरे सब ही गुज़र जाएँगे 
दिल में झाँको तो सही पास नज़र आएँगे
Comment by MAHIMA SHREE on May 18, 2012 at 9:34pm
ज़ख्म गहरा ही सही आखिर भर जाएगा 
लम्हें अच्छे हो बुरे सब ही गुज़र जाएँगे 
दिल में झाँको तो सही पास नज़र आएँगे

बहुत ही प्यारी अभिवयक्ति .. बधाई स्वीकार करे


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on May 18, 2012 at 9:23pm

दीपक जी बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना के लिए बधाई स्वीकारें 

Comment by Deepak Sharma Kuluvi on May 18, 2012 at 5:36pm
शुक्रिया भाई साहब हौंसला हफ्जाई के लिए 

दीपक शर्मा 'कुल्लुवी'
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 18, 2012 at 5:04pm

आदरणीय दीपक  जी 

मैं हूँ 'दीपक' मुझे अंधेरों ने अक्सर घेरा
गीत मेरे तेरे दिल को भी बहलाएँगे
बहुत बढ़िया भाव के साथ रचना , बधाई. 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service