For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

अहसास की ग़ज़ल:मनोज अहसास

12122   12122   12122    12122

तेरे ख्यालों के अंजुमन में हज़ार पहरे लगे हुए हैं
सजाये कैसे ग़ज़ल का दामन गुनाहों में हम रंगे गए हैं

हमारे जैसा उदास कोई हमें कहीं भी नहीं मिला पर
हमारे दुख से बड़े बहुत दुख ज़माने भर में भरे पड़े हैं

कभी नहीं वो कहेंगे हमसे के उनके दिल में है प्यार अब भी
सकार को भी जिया था हमने नकार को भी समझ रहे हैं

ये ज़िन्दगी की उदास खुशबू जो बस गयी है मेरी रगों में
ज़रा सा खुश हूँ मैं इसमें क्योंकि तुम्हारें ग़म भी घुले हुए हैं

कहाँ हो तुम दो जहां के मालिक हमारे दिल में अंधेरा करके
पुकार कर तेरा नाम कब से हमारे नाले भी थक चुके हैं

यहाँ से आगे का रास्ता अब कटेगा कैसे ये फिक्र है बस
खुदी की बेखुद तलाश में हम ख़ुदा से अपने बिछड़ गये हैं

तलाश है जाने अब हमें क्या ?, निगाहों को ये पता नहीं है
कभी नहीं जो मिलेगा तुमसे हम ऐसे रस्ते पे चल रहे हैं

मौलिक और अप्रकाशित

Views: 197

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by मनोज अहसास on January 29, 2023 at 4:35pm

आदरणीय समर कबीर साहब

ग़ज़ल पर बेशकीमती इस्लाह का हार्दिक आभार

सुधार के प्रयास जारी है

सादर

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on January 29, 2023 at 3:50pm

आ. भाई मनोज जी, सादर अभिवादन। गजल का प्रयास अच्छा है। हार्दिक बधाई। आ. भाई समर जी से सहमत हूँ।

Comment by Samar kabeer on January 29, 2023 at 2:41pm

जनाब मनोज अहसास जी आदाब, ग़ज़ल का प्रयास अच्छा है, बधाई स्वीकार करें I 

ये देख  कर बहुत अफ़सोस होता है कि अभी तक आपको हिन्दी उर्दू शब्द ठीक से लिखना भी नहीं आते I 

'तेरे ख्यालों के अंजुमन में हज़ार पहरे लगे हुए हैं'--इस मिसरे में 'के' को "की" कर लें 'अंजुमन' शब्द स्त्रीलिंग है I 

'कभी नहीं वो कहेंगे हमसे के उनके दिल में है प्यार अब भी'---इस मिसरे में 'के' को "कि" कर लें I 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
2 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
2 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
2 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
5 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service