For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खुशियाँ और गम, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार के संग...

ओपन बुक्स ऑनलाइन के सभी सदस्यों को प्रणाम, बहुत दिनों से मेरे मन मे एक विचार आ रहा था कि एक ऐसा फोरम भी होना चाहिये जिसमे हम लोग अपने सदस्यों की ख़ुशी और गम को नजदीक से महसूस कर सके, इसी बात को ध्यान मे रखकर यह फोरम प्रारंभ किया जा रहा है, जिसमे सदस्य गण एक दूसरे के सुख और दुःख की बातो को यहाँ लिख सकते है और एक दूसरे के सुख दुःख मे शामिल हो सकते है |

धन्यवाद सहित
आप सब का अपना
ADMIN
OBO

Views: 73724

Reply to This

Replies to This Discussion

भाई लक्ष्मण धामी जी,आपका तह-ए-दिल से शुक्र गुज़ार हूँ ।

आदरणीय समीर कबीर साहब को जन्म दिन की हार्दिक बधाइयाँ

बहुत बहुत शुक्रिय: भाई अरुण कुमार निगम जी ।

आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , आपको जन्मदिन की अनेकानेक अनंत , अशेष शुभकामनाएं। आप स्वस्थ रहें और दीर्घ जीवी हों। सादर।

जनाब डॉ. विजय शंकर जी, आपकी महब्बतों और दुआओं के लिये तह-ए-दिल से शुक्र गुज़ार हूँ, सलामत रहें ।

जवाब देर से देने के लिये मुआफ़ी चाहता हूँ ।

आदरणीय समर कबीर साहब, नमस्कार , एक सुखद अनुभव , कई बार आपको जन्मदिन की बधाई भेजने का प्रयास किया था पर पता नहीं क्यों वह पोस्ट नहीं हो रहा था , आज प्रयास सफल हो गया , शायद नेट की कोई बाधा रही होगी। एक बार पुनः आपको जन्मदिन की बहुत बहुत मुबारकबाद , सादर।

कभी कभी नेवर्क समस्या के कारण ऐसा हो जाता है, बहरहाल आपका बहुत बहुत शुक्रिय: ।

Dear bhai Samar ji.
I just came to OBO after a long time, and felt good to know about your birthday. Though belated, please accept my heartiest congratulations. With prayer for your welfare. I am writing i English since my Hindi font is not working.

Brotherly affection.

Vijay Nikore

भाई विजय निकोर जी आदाब, आपका तह-ए-दिल से शुक्र गुज़ार हूँ ।

उम्मीद है आप ख़ैरियत से होंगे ।

दोस्तो आदाब,

यह सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि जनाब अशोक कुमार रक्ताले जी के सम्पादन में उज्जैन (मध्य प्रदेश) से नवीन साहित्यिक पत्रिका 'कल्लोलिनी' का प्रकाशन 'दीपावली विशेषांक' से प्रारंभ किया जा रहा है । जिसका प्रवेशांक माह नवम्बर में आने की संभावना है । अतः समस्त सिद्ध साहित्यकार अपनी दीपावली पर केंद्रित काव्य रचनाएँ, लघु कथाएँ, कहानियाँ एवं आलेख ऑनलाइन ई-मेल 'teamkallolini.ujn10@gmail.com' पर दिनांक 15 अक्टूबर 2021 के पूर्व प्रेषित कर सकते हैं । पत्रिका में शिल्पबद्ध, सुगठित एवं विषय पर केंद्रित रचनाओं को ही प्राथमिकता दी जाएगी । सर्वाधिकार सम्पादक एवं प्रकाशक के पास सुरक्षित हैं ।

हार्दिक आभार आदरणीय समर कबीर साहब जी।

एडमिन जी, एक सवाल या फिर ये कह लीजिए अनुरोध है, क्या कभी भविष्य में OBO का android APP बनेगा? ये WEBSITE कितनों के MOBILE पर ठीक से नहीं चलती है। SMART PHONES में भी यही समस्या है, DESKTOP VIEW करके SITE देखनी पड़ती है, फिर हर एक पोस्ट पे जूम करके देखना पड़ता है। कभी कभी तो पोस्ट करते वक्त TEXT BOX एकदम ग़ायब हो जाता है। ऐसी कई दिक्कतें आती हैं। हो सकता है ये मेरे ही साथ हो। फिर भी अपने विचार रख दिए हैं मैंने। कृपया सभी जन सुझाव दें। धन्यवाद।

RSS

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय शिज्जु "शकूर" साहिब आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय निलेश शेवगाँवकर जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद, इस्लाह और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से…"
7 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी आदाब,  ग़ज़ल पर आपकी आमद बाइस-ए-शरफ़ है और आपकी तारीफें वो ए'ज़ाज़…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय योगराज भाईजी के प्रधान-सम्पादकत्व में अपेक्षानुरूप विवेकशील दृढ़ता के साथ उक्त जुगुप्साकारी…"
9 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . लक्ष्य
"   आदरणीय सुशील सरना जी सादर, लक्ष्य विषय लेकर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
9 hours ago

प्रधान संपादक
योगराज प्रभाकर replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"गत दो दिनों से तरही मुशायरे में उत्पन्न हुई दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की जानकारी मुझे प्राप्त हो रही…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मोहतरम समर कबीर साहब आदाब,चूंकि आपने नाम लेकर कहा इसलिए कमेंट कर रहा हूँ।आपका हमेशा से मैं एहतराम…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"सौरभ पाण्डेय, इस गरिमामय मंच का प्रतिरूप / प्रतिनिधि किसी स्वप्न में भी नहीं हो सकता, आदरणीय नीलेश…"
11 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय समर सर,वैसे तो आपने उत्तर आ. सौरब सर की पोस्ट पर दिया है जिस पर मुझ जैसे किसी भी व्यक्ति को…"
11 hours ago
Samar kabeer replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"प्रिय मंच को आदाब, Euphonic अमित जी पिछले तीन साल से मुझसे जुड़े हुए हैं और ग़ज़ल सीख रहे हैं इस बीच…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, किसी को किसी के प्रति कोई दुराग्रह नहीं है. दुराग्रह छोड़िए, दुराव तक नहीं…"
18 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी's blog post ग़ज़ल (जो उठते धुएँ को ही पहचान लेते)
"अपने आपको विकट परिस्थितियों में ढाल कर आत्म मंथन के लिए सुप्रेरित करती इस गजल के लिए जितनी बार दाद…"
19 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service