For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

धर्मांद सोच- डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी'

महात्माओं और पीरों के देश में 

गांधी कवीर और फकीरों के देश में 

पूजा प्यार और पहरावे पर भी 

इन्सान होने की परिभाषा

न जाने क्यों बदल जाती है 

इक छोटी चिंगारी भी 

शोला बन जाती है 

मुठियाँ भिंच जाती हैं 

तलवारें खिंच जाती हैं 

घर जलाए जाते हैं 

कत्ल किये जाते हैं 

कुछ जाने पहचाने 

चेहरों द्वारा 

कुछ अपने बेगाने 

मोहरों द्वारा 

और साथ ही 

कत्ल हो जाता  है 

धू-धू जल जाता है 

दशकों पुराना रिश्ता प्यारा 

अटूट बिश्वास और भाई चारा 

धर्मांद सोच पर जलती नहीं 

कभी मिटती नहीं 

हो जाती है मगर और भी कठोर 

पानी चढ़े लोहे की तरह I

***-***-***

"मौलिक व अप्रकाशित"

डॉ.कंवर करतार 'खन्देह्ड़वी'

Views: 705

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by कंवर करतार on December 4, 2014 at 10:01pm

नीरज भाई,हौस्लाफसाई के लिए बहुत बहुत धन्यावाद I

Comment by बृजेश नीरज on June 7, 2014 at 10:26pm

इस सुन्दर रचना के लिए आपको हार्दिक बधाई!

Comment by कंवर करतार on May 18, 2014 at 10:39pm

डॉ मिश्रा जी,होसला फसाई के लिए दिल की गहराइयों से आभार I 

Comment by Dr Ashutosh Mishra on May 15, 2014 at 4:19pm

आदरणीय कँवर जी ..सुंदर बिचारों को संजोये शानदार रचना के लिए तहे दिल बधाई सादर 

Comment by कंवर करतार on May 14, 2014 at 12:53pm

श्रधेय भंडारी जी ,कविता सराहने के लिए कोटि कोटि धन्याबाद I

Comment by कंवर करतार on May 14, 2014 at 12:51pm

बहिन मीना ,कविता अच्छी लगी ,बहुत बहुत धन्याबाद I


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on May 14, 2014 at 10:39am

आदरणीय कंवर भाई , अच्छा विचार , अच्छी सोच , आपको बधाइयाँ ॥

Comment by Meena Pathak on May 11, 2014 at 2:28pm

बहुत सुन्दर रचना .. बधाई आदरणीय 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on May 11, 2014 at 7:34am

आदरणीय डॉ कँवर सर रचना अच्छी हुई है बहुत बहुत बधाई आपको

Comment by कंवर करतार on May 3, 2014 at 6:20pm

बहिन मुकर्जी आपको कविता पसंद आई,कोटि कोटि धन्याबादI

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद * बम बन्दूकें और तमंचे, बिना छिड़े ही वार। आए  लेने  नन्हे-मुन्ने,…"
3 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
" प्रात: वंदन,  आदरणीय  !"
8 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद : रौनक  लौट बाजार आयी, जी   एस   टी  भरमार । वस्तुएं …"
8 hours ago
Admin replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"स्वागतम..."
15 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-184

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 184 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post "मुसाफ़िर" हूँ मैं तो ठहर जाऊँ कैसे - लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। विस्तृत टिप्पणी से उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
Monday
Chetan Prakash and Dayaram Methani are now friends
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
""ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179 को सफल बनाने के लिए सभी सहभागियों का हार्दिक धन्यवाद।…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी, प्रदत्त विषय पर आपने बहुत बढ़िया प्रस्तुति का प्रयास किया है। इस…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"आ. भाई जयहिंद जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"बुझा दीप आँधी हमें मत डरा तू नहीं एक भी अब तमस की सुनेंगे"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service