For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2212 2212 2222 2

मुझको तेरी आवाज़ से खुशबू आती है

तेरे हर इक अल्फाज़ से खुशबू आती है

आँचल से जैसे इत्र सा झरता रहता है

माँ तेरे हर अंदाज़ से खुशबू आती है

आसाँ है तेरी हर, इक आहट को सुन लेना

दिल को तिरे आग़ाज़ से खुशबू आती है

तू रहती है घर में तो घर, घर सा लगता है

हो साथ अगर हम-साज़ से खुशबू आती है

कोई तो जादू आता है तुझको ओ माँ जो

टोके तो दख़ल अंदाज़ से खुशबू आती है

(मौलिक व अप्रकाशित) 

आज़ी तमाम

Views: 469

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Aazi Tamaam on April 11, 2021 at 6:57pm

शुक्रिया आदरणीय जनाब अमीर जी

हौसला अफ़ज़ाई व मार्गदर्शन के लिये आभार

टोके 22 तो 1 दख 2 लं 2 दा 2 ज 1 से 2 खुश 2 बू 2 आती 22 है 2

Comment by अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी on April 11, 2021 at 9:17am

जनाब आज़ी तमाम साहिब आदाब, प्यारे भावों के साथ ग़ज़ल का अच्छा प्रयास है बधाई स्वीकार करें।

2212 - 2212 - 2222 - 2

"आसाँ है तुझको दूर से ही सुन लेना माँ" इस मिसरे का शिल्प और 

इन मिसरों का वाक्य विन्यास दुरुस्त नहीं है-

"दिल को तिरे आग़ाज़ से खुशबू आती है"   

"हो साथ जो तू हम-साज़ से खुशबू आती है" ये मिसरा बह्र में नहीं है।

"टोके तो दख़्ल-अंदाज़ से खुशबू आती है" ये मिसरा बह्र में नहीं है, सही लफ़्ज़ दख़ल-अंदाज़ है,  सादर। 

Comment by Aazi Tamaam on April 9, 2021 at 9:52pm

सहृदय शुक्रिया आदरणीय ब्रज जी हौसला अफ़ज़ाई के लिये

सादर

इसके मापनी हैं

2212 2212 2222 2

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on April 9, 2021 at 9:48pm

बड़े ही प्यारे भाव हैं भाई तमाम जी...इसकी मापनी क्या है?

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
yesterday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service