आदरणीय शिज्जू शुकुर साहब, तरही मुशायरे में मेरी ग़ज़ल में शिरकत का दिल से शुक्रिया. समयाभाव था, कमेंट बॉक्स बंद हो चुका है. इसलिए यहाँ से आभार प्रकट कर रहूँ हूँ.सादर
हा हा हा …… बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय शिज्जु शकूर जी आपने हमारी रचना को कविता का दर्जा तो दिया। .... काश हमें भी ग़ज़ल लिखने का अंदाज़ आ जाए ? सर मेरी कोशिश तो ग़ज़ल लिखने की थी मगर बह्र में उलझता चला गया कभी ११२ कभी ११२१ करता फिर जब उलझन से छुटकारा न मिला तो रचना बना कर डाल दिया। आप की ज़र्रा नवाज़ी होगी अगर मेहरबानी करके इसी की नीचे लिखी चंद पंक्तियों की बह्र बना कर मुझ नौसिखिये को ग़ज़ल का हुनर सिखाएंगे। तकलीफ के लिए मुआफ़ी चाहता हूँ। शुक्रिया
अपनी हर सांस में...तुझे करीब पाता हूँ तुझे हर ख्याल में अपना हबीब पाता हूँ बिन तेरे ज़िंदगी की हर मसर्रत है झूठी राहे वफ़ा में तुझे अपना नसीब पाता हूँ
आदरणीय शकूर भाई मित्रता का हाथ बढ़ाकर आपने मेरा मान बढ़ाया है । आपका मित्र बनकर मुझे अपार हर्ष हो रहा है । धन्यवाद !! !महीने की सर्व श्रेष्ठ रचना के लिए आपके चयन हेतु बधाई |
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शिज्जु "शकूर"'s Comments
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आदरणीय शिज्जू शुकुर साहब, तरही मुशायरे में मेरी ग़ज़ल में शिरकत का दिल से शुक्रिया. समयाभाव था, कमेंट बॉक्स बंद हो चुका है. इसलिए यहाँ से आभार प्रकट कर रहूँ हूँ.सादर
नूतन वर्ष 2016 आपको सपरिवार मंगलमय हो। मैं प्रभु से आपकी हर मनोकामना पूर्ण करने की कामना करता हूँ।
सुशील सरना
aadrneey Shijju Shakoor saahib aapke margdarshan ka main aabhaaree hoon....koshish kroonga ki bataaee bahar pr aage badh skoon....tahe dil se shukriya
हा हा हा …… बहुत बहुत शुक्रिया आदरणीय शिज्जु शकूर जी आपने हमारी रचना को कविता का दर्जा तो दिया। .... काश हमें भी ग़ज़ल लिखने का अंदाज़ आ जाए ? सर मेरी कोशिश तो ग़ज़ल लिखने की थी मगर बह्र में उलझता चला गया कभी ११२ कभी ११२१ करता फिर जब उलझन से छुटकारा न मिला तो रचना बना कर डाल दिया। आप की ज़र्रा नवाज़ी होगी अगर मेहरबानी करके इसी की नीचे लिखी चंद पंक्तियों की बह्र बना कर मुझ नौसिखिये को ग़ज़ल का हुनर सिखाएंगे। तकलीफ के लिए मुआफ़ी चाहता हूँ। शुक्रिया
अपनी हर सांस में...तुझे करीब पाता हूँ
तुझे हर ख्याल में अपना हबीब पाता हूँ
बिन तेरे ज़िंदगी की हर मसर्रत है झूठी
राहे वफ़ा में तुझे अपना नसीब पाता हूँ
aadrbeey Shajju jee, namaskaar-kya apko aik takleef de sakta hoon ? aapkee kripa hogee yadi mujhe thoda sa trhee gazal kya hotee hai, btaayenge. gazal to samajh rhaa hoon pr trhee gazal smajh naheen aa rhee.aapke amuly smay men se kuch smay maang rhaa hoon, please dont mind.
sushil sarna
आपकी सभी रचनाएँ बहुत खूब हैं सर .... फिर भी, आपकी सलाह पर अमल करेंगे ... शुक्रिया !!
बहुत खूब लिखा सर आपने... बधाई ...!!
क्षणिकाये पसंद आने के लिये धन्यवाद
आभार एवं सादर स्वागत भाई शिज्जु शकूर जी...
aa.Shakur bhaai, rachna par aapkee dilee daad ka tahe dil se shukriya
आदरणीय शकूर भाई मित्रता का हाथ बढ़ाकर आपने मेरा मान बढ़ाया है । आपका मित्र बनकर मुझे अपार हर्ष हो रहा है । धन्यवाद !! !महीने की सर्व श्रेष्ठ रचना के लिए आपके चयन हेतु बधाई |
आदरणीय शिज्जू जी ..आपके मित्रों की सूची में शामिल होना मेरे लिए सुखद अहसास है ..सादर
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी said…
आदरणीय शिजू भाई , आपका बहुत शुक्रिया !!!
आपका हार्दिक स्वागत है ।
आ0 शिज्जू भाई जी, महीने की सर्वश्रेष्ठ रचना के लिए पुरूष्कृत किए जाने पर आपको हार्दिक बधाईयां व ढेरों शुभकामनाएं। सादर
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी said…
कमाल का शे र हुआ भाई !!
कभी सरगोशियों से वो मुझे चौंका
हसीं मुस्कान होंठों में दबा गुज़री
सदस्य कार्यकारिणीगिरिराज भंडारी said…
सिज्जू भाई आपकी रचना के 'सर्वश्रेष्ठ रचना' चुने जाने पर आपको बहुत बहुत बधाई !
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