For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जिम्मेदारी-लघुकथा

यह तीसरी बार था जब वह व्यक्ति चिल्ला रहा था और उठ कर भागने का प्रयास कर रहा था "मुझे कुछ नहीं हुआ है, मुझे जाने दो". खून का बहना अभी तक रुका नहीं था और उसके चेहरे से लेकर कपड़ों तक फ़ैल गया था. दो कम्पाउंडरों ने उसे पकड़ कर वापस लिटा दिया और डॉक्टर फिर से उसके सर पर दवा लगाकर पट्टी बांधने की तैयारी कर रहा था.
बमुश्किल आधे घंटे पहले ही उसने सड़क के दूसरी तरफ इस एक्सीडेंट को होते हुए देखा था और रात के सन्नाटे में वह अपनी गाड़ी मोड़कर वापस आया. वहां मौजूद लोगों की मदद से उसने उसे इस हस्पताल में भर्ती कराया और डॉक्टर ने तुरंत प्राथमिक उपचार की तैयारी शुरू कर दी. इस दरम्यान उसकी हरकतों से पता चल गया था कि घायल व्यक्ति काफी नशे में था और इसीलिए दुर्घटना भी हुई थी.
डॉक्टर ने उसके माथे से खून साफकर जैसे ही दवा लगाने की कोशिश की, वह व्यक्ति फिर से उठ बैठा. अब जैसे ही उसने वापस बड़बड़ाना शुरू किया, डॉक्टर बुरी तरह झल्ला गया और उसने गुस्से में बोला "जाने दो इस पियक्कड़ को, इतने नशे में है कि कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है इसको".
इतना बोलकर डॉक्टर जैसे ही रुका, उसने धीरे से कहा "लेकिन डॉक्टर, हम तो नशे में नहीं हैं, इसकी जान बचाना जरुरी है".
कुछ पल बाद वह भी दोनों कम्पाउंडरों के साथ घायल को पकड़े हुए था और डॉक्टर ख़ामोशी से पट्टी लगा रहा था.


मौलिक एवम अप्रकाशित

Views: 505

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by विनय कुमार on May 13, 2019 at 1:15pm

इस विस्तृत और प्रोत्साहित करती टिप्पणी के लिए बहुत बहुत आभार आ नीता कसार जी

Comment by विनय कुमार on May 13, 2019 at 1:14pm
Comment by विनय कुमार on May 13, 2019 at 1:14pm

बहुत बहुत आभार आ तेज वीर सिंह जी

Comment by Nita Kasar on May 10, 2019 at 4:29pm

अमूमन डाक्टर से ये अपेक्षा की जाती है वे हर परिस्थति में संयम बनाये रखें।पर वे भी इंसान है।पर जो होश में है वे ही ज़िम्मेदारी समझें।संदेशप्रद कथा के के लिये बधाई आद० विनय कुमार जी ।

Comment by TEJ VEER SINGH on May 8, 2019 at 10:51am

हार्दिक बधाई आदरणीय विनय कुमार जी।बेहतरीन लघुकथा।

Comment by नाथ सोनांचली on May 8, 2019 at 3:59am

आद0 विनय जी सादर अभिवादन। बढिया लघुकथा लिखी आपने। इस प्रस्तुति पर बहुत बहुत बधाई।सादर

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिंद रायपुरी जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई स्वीकारें। सादर"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
12 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
13 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
yesterday
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
Saturday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service