For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ये दिल..... 

फिर
धोखा दे गया
धड़क कर
ये दिल

वादा किया था
ख़ुद से
टुकड़े
ख़्वाबों के
न बीनूँगा मैं
सबा ने दी दस्तक
लम्स
यादों के
जिस्म से
सरगोशियाँ करने लगे
भूल गया
खुद से किया वादा
बेख़ुदी में
खा गया धोखा
किसी की करीबी का
भूल गया हर कसम दिल
डूब गया
सफ़ीना यादों का
बेवफ़ा
हो गया साहिल


लाख
पलकें बंद कीं
बुझा दिए चराग़
तारीकियों में भी

कम्बख़्त
फिर
धोखा दे गया
धड़क कर
ये दिल

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 515

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on May 2, 2019 at 4:34pm

आदरणीय  narendrasinh chauhanजी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on May 2, 2019 at 4:34pm

आदरणीय Samar kabeerजी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Sushil Sarna on May 2, 2019 at 4:34pm

आदरणीय  राज़ नवादवी जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by Samar kabeer on May 2, 2019 at 11:52am

जनाब सुशील सरना जी आदाब,अच्छी कविता हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by narendrasinh chauhan on May 2, 2019 at 9:19am

खुब सुन्दर रचना

Comment by राज़ नवादवी on May 1, 2019 at 11:23pm

आदरणीय सुशील सरना जी, सुन्दर काव्य रचना की प्रस्तुति पे हार्दिक बधाई. सादर 

Comment by Sushil Sarna on May 1, 2019 at 7:11pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ जी सृजन पर आपकी आत्मीय प्रशंसा का दिल से आभार।

Comment by नाथ सोनांचली on May 1, 2019 at 6:32pm

आद0 सुशील सरना जी सादर अभिवादन। ह्रे बार की तरह पुनः एक बेहतरीन रचना पर आपको कोटिश बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
yesterday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
yesterday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service