For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'आम चुनाव और नेता'

आल्हा छंद (16, 15 अंत में गुरु लघु)

लोकतंत्र के महापर्व में, हुए सभी नेता तैयार
शब्द बाण से वार करें वे, छोड़ छाड़ के शिष्टाचार।।
युध्द भूमि सा लगता भारत, जहाँ मचा है हाहाकार
येन केन पाने को सत्ता, अपशब्दों की हो बौछार।।

खून करें वे लोकतंत्र का, जुमले हैं इनके हथियार
हित जनता का भूल गए वे, ऐसा इनका है आचार
हे जन मन तुम जाग उठो अब, व्यर्थ न जाये यह त्योहार
ऐसा कुछ इस बार करो तुम, राजनीति बदले आकार ।।

रंग बराबर बदलें ऐसे, गिरगिट भी ना पाये पार
चाल जरा देखो इनकी अब, हिरनी भी जाये यूँ हार
नाम नहीं बस नेता इनका, इनके आगे सब बेकार
बहुत कमाए काली पूँजी, काला इनका सब व्यापार।।

शब्द कहें जो जनता हित में, नही करो उसपे इतबार
मानवता का करते हत्या, मानव से खाते हैं खार
लालच मन में इतना बैठा, भूले राजनीति का सार
करो भरोसा इन पर ना तुम, ये नैया हैं बिन पतवार।।

वादों की बौछार करें बस, कहें देश को दूँगा तार
एक बार फिर मुझें बना दो, आप सभी मेरी सरकार,
लेकिन द्विज मन नहीं मानता, भरता है अपनी हुंकार
देश बचाने को कहता है, कलम उठाऊंगा हर बार।।

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 525

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Vivek Pandey Dwij on April 19, 2019 at 7:22am
आ० लक्क्षमण धमी 'मुसाफिर' जी मेरे उत्साह वर्धन हेतु कोटिशः धन्यवाद.
Comment by Vivek Pandey Dwij on April 19, 2019 at 7:18am
आ० समर कबीर जी मेरे उत्साह वर्धन हेतु सहृदय आभार.
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 19, 2019 at 6:34am

आ. विवेक जी, चुनावी माहौल में सुंदर आल्हा छंद हुए है । हार्दिक बधाई।

Comment by Samar kabeer on April 16, 2019 at 2:39pm

जनाब विवेक पाण्डेय जी आदाब,बहुत अच्छे छन्द लिखे आपने,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by Vivek Pandey Dwij on April 13, 2019 at 10:27pm

आदरणीय सुरेन्द्र नाथ सिंह ' कुशक्षत्रप' जी उत्साह वर्धन हेतु साधुवाद।

Comment by नाथ सोनांचली on April 13, 2019 at 9:58pm

आद0 विवेक पांडेय द्विज जी सादर अभिवादन। आल्हा छंद में बढ़िया लिखा है आपने वर्तमान परिदृश्य पर। इस समसामयिक रचना पर आपको कोटिश बधाइयां

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"आदरणीय रवि भाईजी, इस प्रस्तुति के मोहपाश में तो हम एक अरसे बँधे थे. हमने अपनी एक यात्रा के दौरान…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. चेतन प्रकाश जी,//आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक…"
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - यहाँ अनबन नहीं है ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, आपकी प्रस्तुति पर आने में मुझे विलम्ब हुआ है. कारण कि, मेरा निवास ही बदल रहा…"
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. लक्ष्मण धामी जी "
2 hours ago
Nilesh Shevgaonkar commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"धन्यवाद आ. अजय गुप्ता जी "
2 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी,  मेरी चाचीजी के गोलोकवासी हो जाने से मैं अपने पैत्रिक गाँव पर हूँ।…"
14 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी,   विश्वासघात के विभिन्न आयामों को आपने शब्द दिये हैं।  आपके…"
14 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-180

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 180 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
14 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"विस्तृत मार्गदर्शन और इतना समय लगाकर सभी विषयवस्तु स्पष्ट करने हेतू हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी।…"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार। पंचकल त्रिकल के प्रयोग…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
16 hours ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
16 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service