For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

टूटा पत्ता दरख़्त का हूँ मैं

ग़ज़ल

इक ठिकाना तलाशता हूँ मैं ।
टूटा पत्ता दरख़्त का हूँ मैं ।।

कुछ तो मुझको पढा करो यारो ।
वक्त का एक फ़लसफ़ा हूँ मैं ।।

हैसियत पूछते हैं क्यूं साहब ।
बेख़ुदी में बहुत लुटा हूँ मैं ।।

इश्क़ की बात आप मत करिए ।
रफ़्ता रफ़्ता सँभल चुका हूँ मैं ।।

चाँद इक दिन उतर के आएगा ।
एक मुद्दत से जागता हूँ मैं ।।

खेलिए मुझसे पर सँभल के जरा।
इक खिलौना सा काँच का हूँ मैं ।।

रूठ जाती है बेसबब किस्मत ।
यह ज़माने से देखता हूँ मैं ।।

वो लगाते हैं आग शिद्दत से ।
देखिए अब तलक जला हूँ मैं ।।

ऐ मुसाफ़िर जरा मेरी भी सुन ।
काम आए वो तज्रिबा हूँ मैं ।।

रह गया उम्र भर जो अनसुलझा।
जिंदगी तेरा मसअला हूँ मैं ।।

इतना आसां नहीं मुकर जाना ।
आपका ही तो सिलसिला हूँ मैं ।।

मौलिक अप्रकाशित

--नवीन मणि त्रिपाठी

Views: 630

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on December 1, 2018 at 11:28am

आ0 राज नावादवी साहब ग़ज़ल तक आने के लिए तहेदिल से शुक्रियः।

Comment by राज़ नवादवी on December 1, 2018 at 11:09am

आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी जी, सुन्दर ग़ज़ल की प्रस्तुति के लिए दाद के साथ मुबारकबाद. सादर. 

Comment by Naveen Mani Tripathi on November 29, 2018 at 12:12pm

आ0 शेख शहज़ाद उष्मानी साहब तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया ।

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on November 29, 2018 at 6:11am

दिलचस्प शैली व काफ़ियों के साथ सब कुछ कह दिया आपने। बेहतरीन ग़ज़ल के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि त्रिपाठी साहिब।

Comment by Rahul Dangi Panchal on November 27, 2018 at 9:43pm

बहुत खूब

Comment by Rahul Dangi Panchal on November 27, 2018 at 9:43pm

बहुत खूब 

Comment by Naveen Mani Tripathi on November 27, 2018 at 5:41pm

आ0 तेजवीर सिंह साहब हार्दिक आभार ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on November 27, 2018 at 5:41pm

आ0 कबीर सर सादर नमन के साथ तहेदिल से शुक्रियः।

Comment by Samar kabeer on November 27, 2018 at 3:47pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब,अच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

Comment by TEJ VEER SINGH on November 27, 2018 at 11:15am

हार्दिक बधाई आदरणीय नवीन मणि जी। बेहतरीन गज़ल।

रह गया उम्र भर जो अनसुलझा।
जिंदगी तेरा मसअला हूँ मैं ।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service