For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

एक गजल - जानता हूँ चुनाव होना है

रोज ही भाव-ताव होना है

जानता हूँ चुनाव होना है

 

पाँच वर्षों में’ भर गया वो तो

फिर नया एक घाव होना है

 

कूप सड़कों पे’ बन गये अनगिन

उनका अब रखरखाव होना है

 

कौन कितना कहाँ से लायेगा  

जोड़ना है घटाव होना है

 

धर्म के हो गए हैं’ गठबंधन

जातियों का जुडाव होना है

 

शांति हमको कहीं नहीं भाती

हर जगह अब तनाव होना है

 

गाल हैं ये गरीब के, इन पर   

आँसुओं का बहाव होना है

"मौलिक एवं अप्रकाशित"

Views: 714

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by gumnaam pithoragarhi on July 31, 2018 at 10:20pm

वाह सरकार जी खूबसूरत ग़ज़ल कही है वाह.   .

Comment by TEJ VEER SINGH on July 31, 2018 at 8:44pm

हार्दिक बधाई आदरणीय बसंत कुमार जी।बेहतरीन गज़ल।

पाँच वर्षों में’ भर गया वो तो

फिर नया एक घाव होना है

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 8:30pm

शानदार मतला

Comment by Naveen Mani Tripathi on July 31, 2018 at 8:29pm

आ0   बसन्त कुमार शर्मा  साहब बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई । मझे हर शेर अच्छे लगे । बाकी गुण दोष ग़ज़ल के विद्वान् देझेंगे । मेरी ओर से हार्दिक बधाई

Comment by Shyam Narain Verma on July 31, 2018 at 5:13pm
क्या बात है .... बहुत उम्दा | बधाई आप को  सादर
Comment by Neelam Upadhyaya on July 31, 2018 at 4:44pm

आदरणीय बसंत कुमार जी, सुन्दर  रचना की प्रस्तुति।  हार्दिक बधाई। 

Comment by बसंत कुमार शर्मा on July 31, 2018 at 3:37pm

आदरणीय Sushil Sarna जी दिल से शुक्रिया आपका 

Comment by Sushil Sarna on July 31, 2018 at 3:18pm

रोज ही भाव-ताव होना है

जानता हूँ चुनाव होना है

पाँच वर्षों में’ भर गया वो तो

फिर नया एक घाव होना है
वाह आदरणीय क्या वर्तमान का चित्रण किया है। अति सुंदर। हार्दिक बधाई।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीया प्राची दीदी जी, आपको नज़्म पसंद आई, जानकर खुशी हुई। इस प्रयास के अनुमोदन हेतु हार्दिक…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार। बहुत बहुत धन्यवाद। सादर"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय सुरेश कल्याण जी, आपके प्रत्युत्तर की प्रतीक्षा में हैं। "
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आभार "
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आदरणीय, यह द्वितीय प्रस्तुति भी बहुत अच्छी लगी, बधाई आपको ।"
17 hours ago

मुख्य प्रबंधक
Er. Ganesh Jee "Bagi" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"वाह आदरणीय वाह, पर्यावरण पर केंद्रित बहुत ही सुंदर रचना प्रस्तुत हुई है, बहुत बहुत बधाई ।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन कुंडलियाँ छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई हरिओम जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर बेहतरीन छंद हुए है। हार्दिक बधाई।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई तिलक राज जी, सादर अभिवादन। आपकी उपस्थिति और स्नेह से लेखन को पूर्णता मिली। हार्दिक आभार।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई सुरेश जी, हार्दिक धन्यवाद।"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-163
"आ. भाई गणेश जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service