For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 1212 22
नाम दिल से तेरा हटा क्या है ।
पूछते लोग माजरा क्या है ।।

नफ़रतें और बेसबब दंगे ।
आपने मुल्क को दिया क्या है ।।

अब तो कुर्सी का जिक्र मत करिए ।
आपकी बात में रखा क्या है ।।

सब उमीदें उड़ीं हवाओं में ।
अब तलक आप से मिला क्या है ।।

है गुजारिश कि आज कहिये तो ।
आपके दिल में और क्या क्या है ।।

दिल की बस्ती तबाह कर डाली ।
क्या बताऊँ तेरी ख़ता क्या है ।।

बारहा हाल पूँछ मत मेरा ।
मुद्दतों से यहाँ नया क्या है ।।

यूँ मुकरते हो रोज वादों से ।
आँख में भी बची हया क्या है ।।

गिर गए आप वोट की खातिर ।
आपकी शाख़ में बचा क्या है ।।

ख़ुदकुशी कर रहे वो पढ़ लिखकर ।
रोज़ियों पर तेरी रज़ा क्या है ।।

--- नवीन मणि त्रिपाठी

मौलिक अप्रकाशित 

Views: 670

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 21, 2018 at 7:17pm

आ0 गुमनाम पिथौरा गढ़ी जी हार्दिक आभार 

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 21, 2018 at 7:16pm

आप नीलम उपाध्याय जी सादर आभार 

Comment by Neelam Upadhyaya on June 20, 2018 at 2:58pm

आदरणीय नवीन मणि जी, नमस्कार। खूबसूरत ग़ज़ल हुई है।  मुबारकबाद कुबूल करें।   

Comment by Samar kabeer on June 19, 2018 at 10:11pm

मुझे भी ओबीओ के बग़ैर चैन कहाँ था ।

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 19, 2018 at 10:09pm

आ0 तपन दुबे जी हार्दिक आभार 

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 19, 2018 at 10:09pm

आ0 बसंत कुमार शर्मा जी सादर आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 19, 2018 at 10:08pm

आ0 गुमनाम पिथौरा गढ़ी साहब सादर आभार 

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 19, 2018 at 10:08pm

आ0 रक्षिता सिंह जी सादर आभार

Comment by Naveen Mani Tripathi on June 19, 2018 at 10:06pm

आ0 गुरदेव कबीर सर को नमन । आपके बगैर 1 महीने ओबीओ में कैसे गुजरा यह तो मेरा दिल जनता है । आपकी कमी बहुत खली । 

Comment by Samar kabeer on June 19, 2018 at 5:58pm

जनाब नवीन मणि त्रिपाठी जी आदाब, 'ग़ालिब' की ज़मीन मेंअच्छी ग़ज़ल हुई है,बधाई स्वीकार करें ।

'नाम दिल से तेरा हटा क्या है'

इस मिसरे में 'हटा' की जगह "मिटा" कर दें तो मतले का प्रभाव बढ़ जायेगा ।

'आपने मुल्क को दिया क्या है'

इस मिसरे में ऐब-ए-तनाफ़ुर है ' मुल्क को',मुल्क की जगह "देश" कर सकते हैं ।

सातवें के ऊला में 'पूँछ' को "पूछ" कर लें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"वक़्त बदला 2122 बिका ईमाँ 12 22 × यहाँ 12 चाहिए  चेतन 22"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"ठीक है पर कृपया मुक़द्दमे वाले शे'र का रब्त स्पष्ट करें?"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी  इस दाद और हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आपका"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत शुक्रिय: आदरणीय "
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीर जी सादर प्रणाम । बहुत बहुत बधाई आपको अच्छी ग़ज़ल हेतु । कृपया मक्ते में बह्र रदीफ़ की…"
2 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय DINESH KUMAR VISHWAKARMA जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास के लिए बधाई स्वीकार करें। जो…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय 'अमित' जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और ज़र्रा नवाज़ी का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी जी आदाब। इस उम्द: ग़ज़ल के लिए ढेरों शुभकामनाएँ।"
3 hours ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय Sanjay Shukla जी आदाब  ग़ज़ल के अच्छे प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। इस जहाँ में मिले हर…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, अभिवादन।  गजल का प्रयास हुआ है सुधार के बाद यह बेहतर हो जायेगी।हार्दिक बधाई।"
5 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service