For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

शट अप
ओफ्फ हो ! क्या माँ आप हरदम ज़ोर-ज़ोर से बोलती हो । ये गाँव नहीं है ,वीआईपी कॉलोनी है । यहाँ सभी वेल एजुकेटेड लोग रहते हैं ,धीमे स्वर में बोलते है । वेल कल्चर हैं यहाँ , वेल कल्चर समझी ।"
" मगर मुझे एक बात समझ में नहीं आई। जब से यहाँ आई हूँ देख रही हूँ कि कोई किसी से बतियाता है न बातचीत करता है । क्या यहाँ की वेल कल्चर है ?"
" शट अप !!"
मौलिक एवं अप्रकाशित ।

Views: 910

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on November 4, 2017 at 6:07am
आ. भाई आरिफ जी,ओढ़ी हुई सभ्यता पर प्रहार करती बेहतरीन कथा हुई है । हार्दिक बधाई ।
Comment by Mohammed Arif on November 3, 2017 at 5:11pm
आदरणीय मिथिलेश वामनकर जी आदाब, लघुकथा को अपनी अमूल्य सटीक और संक्षिप्त टिप्पणी से पोषित करने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on November 3, 2017 at 3:38pm

संकुचित मानसिकता के बढ़ते प्रभाव को शाब्दिक करती बढ़िया लघुकथा लिखी है आपने. हार्दिक बधाई आदरणीय आरिफ जी.

Comment by Mohammed Arif on November 3, 2017 at 12:05pm
लघुकथा पर अपनी अमूल्य प्रतिक्रिया से पोषित करने का बहुत-बहुत आभार आदरणीया राजेश कुमारी जी ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on November 3, 2017 at 9:47am

आज के सो कॉल्ड  वेळ कल्चर का  बेहतरीन चित्रण किया है हाई सोसाइटी ,पोश कॉलोनी में लोग बात नहीं करते घड़ी की टिक टिक सुन सकते हैं बस साधारण परिवेश में पले  बढे लोग या बुजुर्ग ऐसी जगह खुद जाना नहीं चाहते जीवन जीने की राह संकुचित हो गई है 

बहुत बहुत बधाई आद० मोहम्मद आरिफ जी इस शानदार लघु कथा के लिए |

Comment by Mohammed Arif on November 2, 2017 at 7:43am
बहुत-बहुत आभार आदरणीय बृजेश कुमार जी । लेखन सार्थक हुआ ।
Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on November 1, 2017 at 9:55pm
सामाजिक विद्रूपता को उजागर करती हुई उम्दा कथा..बधाई आदरणीय
Comment by Mohammed Arif on November 1, 2017 at 9:45pm
बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय सलीम रज़ा साहब ।लेखन सार्थक हो गया ।
Comment by Mohammed Arif on November 1, 2017 at 9:43pm
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब आदाब, आपकी हौसला अफज़ाई, सटीक टिप्पणी से मैं अभिभूत हो गया । बहुत-बहुत दिली शुक्रिया अदा करता हूँ ।
Comment by Samar kabeer on November 1, 2017 at 9:26pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,आजकल आप जो कम शब्दों में अपनी लेखनी का जादू जगा रहे हैं वो वाक़ई क़ाबिल-ए-तारीफ़ है, प्रस्तुत लघुकथा भी अपने मैयार की बुलंदियां छूती हुई लिखी आपने,इस बहतरीन प्रस्तुति पर दिल से ढेरों बधाई स्वीकार करें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service