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 वतन की बात  करनी हो तो मेरे पास आ जाओ .
 अमन की बात करनी हो तो मेरे पास आ जाओ 
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 बहारों  से  नज़ारों  से  सितारों  से नहीं मतलब .
 नयन की बात करनी हो तो मेरे पास आ जाओ
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 गुलो गुलशन कली औ फूल शबनम मन को भाते है.
 चमन की बात करनी हो तो मेरे पास आ जाओ
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 न तो शिकवा शिकायत रूठने की बात मत करना.
 मिलन  की बात करनी हो तो मेरे पास आ जाओ
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बिना समझे न ढूंढो ऐब मेरी शायरी में तुम.
सुख़न की बात करनी हो तो मेरे पास आ जाओ
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 रज़ा' मुझको नहीं  भाती  ये ख़ामोशी ये मायूसी.
 जतन की बात करनी हो तो मेरे पास आ जाओ
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 मौलिक व अप्रकाशित
Comment
तमाम ओ बी ओ परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ,
मोतियों की तरह जगमगाते रहो , बुल बुलों की तरह चहचहाते रहो !
जब तलक आसमां में सितारें रहें ,   ज़िंदगी भर सदा मुस्कुराते रहो !
सलीम रज़ा रीवा 9424336644
जनाब आरिफ़ साहब,
आपकी महब्बत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
आदरणीय अजय तिवारी जी ,
आपकी महब्बत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।
आदरणीय सलीम साहब,
बहुत खूब... खूबसूरत ग़ज़ल हुई है
दीपोत्सव की शुभकामनायें.
सादर
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