For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इन दिनों कविता को
थकान और कमज़ोरी है
रागात्मकता पर
हो रहे हैं
लगातार हमलें
काव्य-बोध न होने से
उसके पैर लड़खड़ा रहे हैं
भाव , कल्पना न होने से
कभी-कभी चक्कर खाकर
औंधे मुँह गिर जाती है
जिव्हा भी लड़खड़ा रही है
अभिव्यक्ति न होने से
उसे बार-बार चक्कर आते हैं
सौंदर्यबोध न होने से
अंदर ही अंदर जैसे
उसे घुन लग गई है
क्या कविता भी
डायबिटीक नहीं हो गई है ?

मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 612

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Mohammed Arif on October 16, 2017 at 4:34pm
आदरणीय सौरभ पांडे जी यह तो मेरा कर्त्तव्य तो था संशोधन करने का । सादर ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 16, 2017 at 4:02pm
हार्दिक धन्यवाद आदरणीय मो० आरिफ जी
Comment by Afroz 'sahr' on October 16, 2017 at 3:41pm
जनाब आरिफ़ जी बहुत ही सुंदर कविता मेंरी और से बहुत बहुत बधाई आपको।
Comment by Mohammed Arif on October 16, 2017 at 10:28am
आदरणीय सौरभ पांडे जी आदाब, आपकी उत्साहजनक टिप्पणी से लेखन सार्थक हो गया । आपकी सलाह सर आँखों पर । संशोधन कर लिया है ।

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on October 15, 2017 at 7:09pm

क्या कविता
डायबिटीक हो गई है ? ..   

इसे कुछ यों कहा जाय तो रचना का प्रभाव संभवतः और सटीक पड़े .. 

क्या कविता भी
डायबिटीक नहीं हो गई है ? 

आपकी रचना गहरे एवं प्रासंगिक प्रश्नों के साथ सामने आयी है. हार्दिक बधाइयाँ आदरणीय 

शुभेच्छाएँ 

Comment by Mohammed Arif on October 15, 2017 at 5:58pm
आली जनाब मोहतरम समर कबीर साहब,कविता पर अपनी प्रतिक्रिया देकर सम्मानित करने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by Samar kabeer on October 15, 2017 at 5:49pm
जनाब मोहम्मद आरिफ़ साहिब आदाब,हक़ीक़त बयान करती बहुत उम्दा कविता लिखी आपने,इस प्रस्तुति पर दिल से बधाई स्वीकार करें ।
Comment by Mohammed Arif on October 14, 2017 at 9:59pm
आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी कविता के मर्म को समझने और उस पर त्वरित प्रतिक्रिया देने बहुत-बहुत आभार ।
Comment by Mohammed Arif on October 14, 2017 at 9:56pm
आदरणीय सलीम रज़ा साहब रचना पर प्रतिक्रिया देने का बहुत-बहुत शुक्रिया ।
Comment by SALIM RAZA REWA on October 14, 2017 at 9:37pm
जनाब आरिफ साहब,
बीमार कविता के लिए मुबारक़बाद.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
15 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
16 hours ago
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
16 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service