For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

2122 2122
नोट बंदी जो चलेगी
सोचता हूँ क्या करेगी।1

जो चलन को कैद करते
क्या भला उनसे लड़ेगी?2

बेचलन होते 'पुराने'
क्या 'नयों' से घर भरेगी?3

काठ की हांडी कहें कुछ
क्या नहीं फिर से चढ़ेगी?4

जो हरें दिन के उजाले
क्या नहीं उनको खलेगी?5

बात क्षणभर की नहीं यह
दूर तक आगे बढ़ेगी।6

थम रहा है शोर अब तो
एक कलिका-सी खिलेगी।7

जो अंधेरों से लड़ेगा
रे सुबह उसको मिलेगी।8

कीजिये मन से 'मनन' तो
आस बन फिर से पलेगी।9
मौलिक व अप्रकाशित @

Views: 697

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Manan Kumar singh on January 18, 2017 at 8:53am
आपका आभारी हूँ आदरणीय गोपाल नारायण जी।ध्यान आकृष्ट करने का शुक्रिया।
Comment by Manan Kumar singh on January 18, 2017 at 8:50am
आपका आभारी हूँ आदरणीया राजेश कुमारी जी।
Comment by Manan Kumar singh on January 18, 2017 at 8:49am
आपका आभारी हूँ आदरणीय गिरिराज भाई
Comment by Manan Kumar singh on January 18, 2017 at 8:49am
आपका आभारी हूँ आदरणीय मिथिलेश जी
Comment by Manan Kumar singh on January 18, 2017 at 8:48am
आपका आभारी हूँ आदरणीय महेंद्रजी।
Comment by Manan Kumar singh on January 18, 2017 at 8:47am
आपका आभारी हूँ आदरणीय समर जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 17, 2017 at 11:02pm

आदरणीय मनन जी  , बहुत अच्छी सामयिक गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ । 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on January 3, 2017 at 9:35am

आदरणीय मनन भाई , अच्छी सामयिक गज़ल कही है , दिल से बधाइयाँ ।  आ. गोपाल भाई जी बात पर गौर कीजियेगा ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on January 2, 2017 at 11:36pm

आदरणीय मनन जी, बहुत अच्छी ग़ज़ल हुई है। इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई। सादर।

Comment by Mahendra Kumar on January 2, 2017 at 3:14pm
अच्छी समसामयिक ग़ज़ल है आदरणीय मनन जी। मेरी तरफ से हार्दिक बधाई। //फूल बन कर ही खिलेगी// को देख लीजिएगा। सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"इस प्रयास की सराहना हेतु दिल से आभारी हूँ आदरणीय लक्ष्मण जी। बहुत शुक्रिया।"
51 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"बहुत-बहुत शुक्रिया आदरणीय दिनेश जी। आभारी हूँ।"
52 minutes ago
Zaif replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"212 1222 212 1222 रूह को मचलने में देर कितनी लगती है जिस्म से निकलने में देर कितनी लगती है पल में…"
52 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"सादर नमस्कार आ. ऋचा जी। उत्साहवर्धन हेतु दिल से आभारी हूँ। बहुत-बहुत शुक्रिया।"
52 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीरुद्दीन जी, सादर अभिवादन। इस प्रयास की सराहना हेतु आपका हृदय से आभारी हूँ।  1.…"
53 minutes ago
Mahendra Kumar replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमित जी, सादर अभिवादन! आपकी विस्तृत टिप्पणी और सुझावों के लिए हृदय से आभारी हूँ। इस सन्दर्भ…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार ख़ूब ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की इस्लाह क़ाबिले ग़ौर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय अमीर जी बहुत शुक्रिया आपका संज्ञान हेतु और हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर"
2 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
शिज्जु "शकूर" replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मोहतरम बागपतवी साहिब, गौर फरमाएँ ले के घर से जो निकलते थे जुनूँ की मशअल इस ज़माने में वो…"
2 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय दिनेश कुमार विश्वकर्मा जी आदाब, तरही मिसरे पर अच्छी ग़ज़ल कही है आपने मुबारकबाद पेश करता…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"मुहतरमा ऋचा यादव जी आदाब, तरही मिसरे पर ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आ० अमित जी…"
3 hours ago
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-165
"आदरणीय लक्ष्मण धामी भाई मुसाफ़िर जी आदाब ग़ज़ल का अच्छा प्रयास हुआ है बधाई स्वीकार करें, आदरणीय…"
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service