For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

रोज़ देखतीं हूँ
शाख पर बैठी हुई
चिड़ियाओं को

जो बैठती हैं
एक शाख़ पर
कलरव करती हैं ।

भूख लगने पर
पंखों को फ़ैलाए
उड़ जाती हैं ।
अपने लिए
दाना ढूंढने ।

समय आने पर
बीनती हैं तिनके
अपने लिए
एक घरौंदा बनाती हैं ।


करती हैं परवरिश
विहग-सुवन की ।

करतीं हैं इन्तज़ार
समय का
पंख आ जाने पर
जो कल एक
बच्चा था
उड़ जाता है
ऊँचे गगन में
उड़ जाता है
अपनी फुर्रर्रर
की आदत से ।

रह जाती है
पीछे वे शाखें
जो करतीं हैं
फिर से उन चिड़ियाओं का इंतज़ार ।

मौलिक ऐवं अप्रकाशित

Views: 662

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on October 15, 2016 at 8:11pm
आदरणीया कल्पना भट्ट जी सुन्दर रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें । सादर ।
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 14, 2016 at 5:45am
धन्यवाद आदरणीय राजेश दी ।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 13, 2016 at 10:34pm

बहुत  भावपूर्ण रचना बधाई आपको प्रिय कल्पना जी 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 13, 2016 at 3:52pm
धन्यवाद आदरणीय विजय जी ।
Comment by vijay nikore on October 13, 2016 at 3:28pm

सुंदर रचना। पढ़ कर आनंद आ गया । बधाई।

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 12, 2016 at 10:03pm
बहुत बहुत शुक्रिया जनाब तस्दीक़ साहब ।
Comment by Tasdiq Ahmed Khan on October 12, 2016 at 9:07pm

मोहतरमा  कल्पना   साहिबा  ,  दिल की गहराईयो में उतरती और  सीख देती सुन्दर कविता  के  लिए दिल से मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 12, 2016 at 3:07pm
धन्यवाद आदरणीय श्याम नारायण जी ।
Comment by Shyam Narain Verma on October 12, 2016 at 1:17pm
वाह ! बहुत खूब | सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई
Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 12, 2016 at 10:40am
धन्यवाद आदरणीय रामबली सर ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
17 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
17 hours ago
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
17 hours ago
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
19 hours ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
19 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
19 hours ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
19 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
20 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service