For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल ....हर सू तुम्हारा नाम है आ जाइये

2212       2212      2212

ढलती सुहानी शाम है आ जाइये 
हर सू तुम्हारा नाम है आ जाइये

ये वादियाँ ये खुश्बुएं हैरान हैं 
हर फूल पे इल्जाम है आ जाइये

कैसी चुभन है ये दिले नासाज़ की
दिल टूटना तो आम है आ जाइये

उजड़ा हुआ है मुद्दतों से आशियाँ
सूनी तभी से बाम है आ जाइये

नासूर बन जो रूह पे आयद हुआ 
उस ज़ख्म का पैगाम है आ जाइये

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

©बृजेश कुमार 'ब्रज'

Views: 783

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:19pm

हार्दिक अभिनंदन एवं आभार आदरणिया  Alka Changa  जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:18pm

हार्दिक आभार आदरणीय  Ravi Shukla जी आदरणीय  शिज्जु "शकूर" जी के कहे अनुसार सुधार किया है

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:16pm

आपके अमूल्य  समय एवं सुंदर शब्दों के लिए ह्रदय से अभारी हूँ आदरणिया KALPANA BHATT  जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:09pm

आपके अमूल्य  समय के लिए ह्रदय से अभारी हूँ आदरणीय  सतविन्द्र कुमार जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:07pm

सार्थक समीक्षा के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय  शिज्जु "शकूर" जी सुधार किया है....

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:05pm

उत्साहवर्धन के लिए आपका हार्दिक आभार  Manoj kumar Ahsaas जी

Comment by बृजेश कुमार 'ब्रज' on October 12, 2016 at 10:04pm

रचना पटल पे आपका हार्दिक अभिनंदन एवं आभार आदरणीय  PRAMOD SRIVASTAVA जी

Comment by अलका 'कृष्णांशी' on October 7, 2016 at 8:02pm

बहुत  बढि़या  ग़ज़ल हुई है आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज जी हार्दिक बधाई 

Comment by Ravi Shukla on October 6, 2016 at 5:19pm

आदरणीय ब्रजेश जी बढि़या गजल कही है बधाई । आदरणीय शिज्‍जु की बात से सहमत है हम भी । 

Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on October 5, 2016 at 7:39pm

बहुत सुंदर ग़ज़ल हुई है आदरणीय बृजेश कुमार ब्रज जी | हार्दिक बधाई |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Profile IconDr. VASUDEV VENKATRAMAN, Sarita baghela and Abhilash Pandey joined Open Books Online
7 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब। रचना पटल पर नियमित उपस्थिति और समीक्षात्मक टिप्पणी सहित अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करने हेतु…"
15 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर अमूल्य सहभागिता और रचना पर समीक्षात्मक टिप्पणी हेतु…"
15 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेम

दोहा सप्तक. . . सागर प्रेमजाने कितनी वेदना, बिखरी सागर तीर । पीते - पीते हो गया, खारा उसका नीर…See More
16 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय उस्मानी जी एक गंभीर विमर्श को रोचक बनाते हुए आपने लघुकथा का अच्छा ताना बाना बुना है।…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय सौरभ सर, आपको मेरा प्रयास पसंद आया, जानकार मुग्ध हूँ. आपकी सराहना सदैव लेखन के लिए प्रेरित…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"आदरणीय  लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार. बहुत…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहजाद उस्मानी जी, आपने बहुत बढ़िया लघुकथा लिखी है। यह लघुकथा एक कुशल रूपक है, जहाँ…"
17 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"असमंजस (लघुकथा): हुआ यूॅं कि नयी सदी में 'सत्य' के साथ लिव-इन रिलेशनशिप के कड़वे अनुभव…"
19 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-127 (विषय मुक्त)
"आदाब साथियो। त्योहारों की बेला की व्यस्तता के बाद अब है इंतज़ार लघुकथा गोष्ठी में विषय मुक्त सार्थक…"
yesterday
Jaihind Raipuri commented on Admin's group आंचलिक साहित्य
"गीत (छत्तीसगढ़ी ) जय छत्तीसगढ़ जय-जय छत्तीसगढ़ माटी म ओ तोर मंईया मया हे अब्बड़ जय छत्तीसगढ़ जय-जय…"
yesterday
LEKHRAJ MEENA is now a member of Open Books Online
Wednesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service