For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

महाराणा प्रताप (वीर छंद प्रयास)

वीर कहीं रावल बप्पा थे,राणा कुम्भा की थी शान
आधी देह संग लड़ जाते,राणा सांगा बहुत महान
जिनके पुरखों की गाथा का,कर पाया न कोई बखान
कहें महाराणा जी सारे,उन प्रताप का गाऊं गान

जैवन्ता बाई थी माता,औ उदय सिंह जी थे तात
बड़े चाव से उनको पाला,शुरु से सीखी अच्छी बात
पलते-बढ़ते ही राणा ने,दुश्मन की जानी औकात
मौके पर ही धोखा देदे,ऐसी थी अकबर की जात

अकबर ने तो यह सोचा था,जीतेगा वह हिंदुस्तान
नतमस्तक बहु राज्य हुए थे,बढ़ जाती थी उसकी शान
राजपुताना खटक रहा था,घटता जिससे उसका मान
जीतेंगे हम राजपुताना ,ली थी उसने अब ये ठान

एकलिंग दीवान अड़े थे,नहीं मिटाई अपनी आन
झुके नहीं अकबर के आगे,मातृभूमि का रक्खा मान
हल्दी घाटी युद्ध लड़ा था,अकबर को करवाया ज्ञान
स्वाधीनता उन्हें थी प्यारी,उसके लिए लगादी जान

एक युद्ध वे हार गए थे,पर दिल से मानी कब हार
सचित्तौड़ मेवाड़ छुड़ाएं, मन में ली थी पक्की धार
महल भोग सुख सब छोड़े,बण में रहना था स्वीकार
एक एक करके सब जीते,जितने दुर्ग गए थे हार

था चित्तौड़ किला राणा को, करते जिससे प्रेम अपार
जीत नहीं वापिस पाए थे,टीस रही थी मन को मार
अंत समय कुंवर को बोला,तुम पर डालूँ मैं ये भार
चाले जब दुनिया से राणा, निकली अकबर की अश्रुधार

मौलिक एवम् अप्रकाशित

Views: 993

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on July 25, 2016 at 12:40am
नमनआदरणीय समर कबीर साहब हौंसलाफ़ज़ाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया।सादर नमन
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on July 25, 2016 at 12:39am
प्रयास का अनुमोदन कर,प्रोत्साहित करने के लिए बहुत-बहुत आभार आदरणीया प्रतिभा पांडे जी।सादर नमन
Comment by Samar kabeer on July 24, 2016 at 11:42pm
जनाब सतविंदर कुमार जी आदाब,बहुत बढ़िया वीर छन्द लिखे बधाई स्वीकार करें ।
Comment by pratibha pande on July 24, 2016 at 7:01pm

महाराणा प्रताप और वीरता एक दूसरे के पर्याय हैं ,उनकी वीरता के गुणगान के लिए  वीर छंद ही हो सकता है ,इस छंद के शिल्प का तो मुझे ज्ञान नहीं है पर भावों में जोश भरा है   हार्दिक बधाई प्रेषित है आपको आदरणीय सतविंदर जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

कुर्सी जिसे भी सौंप दो बदलेगा कुछ नहीं-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

जोगी सी अब न शेष हैं जोगी की फितरतेंउसमें रमी हैं आज भी कामी की फितरते।१।*कुर्सी जिसे भी सौंप दो…See More
9 hours ago
Vikas is now a member of Open Books Online
Tuesday
Sushil Sarna posted blog posts
Monday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम्. . . . . गुरु
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय । विलम्ब के लिए क्षमा "
Monday
सतविन्द्र कुमार राणा commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: मिथिलेश वामनकर
"जय हो, बेहतरीन ग़ज़ल कहने के लिए सादर बधाई आदरणीय मिथिलेश जी। "
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"ओबीओ के मंच से सम्बद्ध सभी सदस्यों को दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयाँ  छंदोत्सव के अंक 172 में…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ जी सादर प्रणाम, जी ! समय के साथ त्यौहारों के मनाने का तरीका बदलता गया है. प्रस्तुत सरसी…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह वाह ..  प्रत्येक बंद सोद्देश्य .. आदरणीय लक्ष्मण भाईजी, आपकी रचना के बंद सामाजिकता के…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, आपकी दूसरी प्रस्तुति पहली से अधिक जमीनी, अधिक व्यावहारिक है. पर्वो-त्यौहारों…"
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी  हार्दिक धन्यवाद आभार आपका। आपकी सार्थक टिप्पणी से हमारा उत्साहवर्धन …"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंद पर उपस्तिथि उत्साहवर्धन और मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार। दीपोत्सव की…"
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय  अखिलेश कॄष्ण भाई, आयोजन में आपकी भागीदारी का धन्यवाद  हर बरस हर नगर में होता,…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service