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तुम गए तो प्राण का जाना लिखा

तुम गए तो प्राण का जाना लिखा
बिन तेरे निःश्वांस हो जाना लिखा।
देखिये ना प्रेम की जादूगरी
स्वयं को मीरा तुम्हें कान्हा लिखा।।1।।

जब कभी भी पूर्णिमा का चाँद निकला
खिडकियों से झांककर आगे चला।
भाग कर छत पर गया देखा तुम्हें
और झट से तेरा आ जाना लिखा।।।।2।।

एक भीनी सी सुरभि जब भी कभी
मेरे कमरों की हवाओं में घुली।
मैंने खुद को फिर मचलता देखकर
रात रानी का महक जाना लिखा।।3।।

जब कभी अवसाद सागर में मेरी


नाव मन की फँसी तूफाँ में घिरी।
नाम तेरा अधर पर मेरे आ गया
मैंने इसको नाव ख़े जाना लिखा।।4 ।।

वेदना की शीत नें पकड़ा कभी
कंपकपाती अस्थि को जकड़ा कभी।
आँखों से सपनों के पत्ते जब झरे
मौसम ए पतझर का आ जाना लिखा।।5।।

फिर तुम्हारी कल्पना पुष्पित हुई
पल्लवित मेरी चेतना फिर से हुई।
फिर तुम्हारी यादों के अंखुए उगे
अंकुरित यादों का हो जाना लिखा।।6।।

ज़िंदगी की धूप में तपते हुए
हृदय गृह का शीतलन करते हुए।
ज़ुल्फ़ की छाया जो तूनें कर दिया
सावनी बादल का छा जाना लिखा।।7।।

मौलिक  एवं  अप्रकाशित

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Comment

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Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 19, 2016 at 9:44am
सादर आभार आदरणीय सतविंदर भाई।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on April 19, 2016 at 9:21am
बहुत ख़ूब आदरणीय पंकज भाई जी!
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 19, 2016 at 8:40am
आदरणीय समर कबीर सर प्रणाम स्वीकारें। रचना पर नज़र-ए-इनायत के लिए बहुत बहुत शुक्रिया
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 19, 2016 at 8:39am
स्वागत है रत्न प्रिया, अब कुछ रचनाएँ भी भेजो। खुश रहो
Comment by Samar kabeer on April 18, 2016 at 11:25pm
जनाब पंकज कुमार मिश्रा जी,आदाब,इस सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई स्वीकार करें ।
Comment by RATNA PRIYA PANDEY on April 18, 2016 at 11:02pm
अतिसुन्दर भाव ....तुम गए तो प्राण का जाना लिखा....
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 18, 2016 at 11:51am
आदरणीय लक्ष्मण सर सादर धन्यवाद,।
Comment by Pankaj Kumar Mishra "Vatsyayan" on April 18, 2016 at 11:50am
आदरणीय सुरेश कल्याण सर सादर आभार
Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on April 18, 2016 at 11:26am

आ0 भाई पंकज जी बहुत सनडर गीत हुआ है हार्दिक बधाई स्वीकरें l

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on April 16, 2016 at 12:39pm
वाह बहुत सुन्दर रचना बधाइयाँ

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