For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

१-   अच्छे दिन !

सुबह-शाम !

घर-चौबारे आशंकित

प्रतीक्षारत सहेजते हैं...

दीप-बाती और तेल

आक्रोशित तम व्यग्रतावश बिखेर देता

असंख्य नक्षत्र....

भद्रा से प्रभावित

आर्द्रा-रोहिणी

व्यथित कृष्ण-ध्रुव की राह तकती

चांद, बादलों के घात से दु:खी

हवायें दृश्य बदल देतीं

बसंत के इशारों पर पतझड़

होलिका दहन कर बिखेरते

रोशनी,  

चांदनी में लम्बी-लम्बी छाया...

ठूंठ वृक्ष,

नंगी टहनियां सब के सब...

खेलते रक्त की होली.

सुबह-शाम !

घर-चौबारे आशंकित

प्रतीक्षारत..

सहेजते दीप-बाती और.........!

२-   लक्ष्य...!

हाथों की रेखाएं भाग्यवश

टेढ़ी-मेढ़ी पगडण्डी पुरुषार्थ की

रोकतीं आलस्य

संगठित ऊंगलियां

इंकलाब की मुठ्ठी

तोड़ देतीं पैरों की जंजीरें

कर्म के पथ पर श्रम

कदमों से नाप लेते

लक्ष्य..!

 

रचनाकार....केवल प्रसाद सत्यम 

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 920

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 12, 2016 at 7:37pm

आ० सरना भाई जी व वामनकर भाई जी,  आप दोनों को ही रचना पर प्रसंशा एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार सहित बहुत-बहुत धन्यवाद. सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 12, 2016 at 7:35pm

आ० शेख उस्मानी भाई जी रचना पर आपकी प्रसंशा एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल शुक्रिया, आभार. सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 12, 2016 at 7:34pm

आ० समर कबीर भाई जी आपकी प्रसंशा एवं उत्साहवर्धन हेतु आपका तहेदिल शुक्रिया, आभार. सादर


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on February 6, 2016 at 11:48pm

दरणीय केवल प्रसाद जी गहन भावाभिव्यक्ति, इस शानदार प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई। 

Comment by Sushil Sarna on February 6, 2016 at 7:01pm

आदरणीय केवल प्रसाद सत्यम जी गहन भावों को समेटे आपकी इस दिलकश प्रस्तुति के लिए आपको हार्दिक बधाई। 

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 6, 2016 at 6:17pm
बेहतरीन शब्द चयन के साथ कम शब्दों में गहरी बातें कहते हुए बढ़िया रचना के सृजन के लिए तहे दिल बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीय केवल प्रसाद सत्यम जी।
Comment by Samar kabeer on February 6, 2016 at 2:15pm
जनाब केवल प्रसाद सत्यम जी आदाब,बहुत आच्छी लगी आपकी कविता,बधाई स्वीकार करें !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

anwar suhail updated their profile
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Friday
ajay sharma shared a profile on Facebook
Thursday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Monday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय मनन कुमार जी, आपने इतनी संक्षेप में बात को प्रसतुत कर सारी कहानी बता दी। इसे कहते हे बात…"
Nov 30
AMAN SINHA and रौशन जसवाल विक्षिप्‍त are now friends
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service