For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

नवगीत....’छंद माला के काव्य-सौष्ठ्व’

मन आंगन की चुनमुन चिड़िया,

चंचल चित्त पर धैर्य सिखाती.

‌गांव-शहर हर घर-आंगन में

इधर फुदकती उधर मटकती

फिर तुलसी चौरे पर चढ़ कर

 चीं चीं स्वर में गीत सुनाती

आस-पास के ज्वलन प्रदूषण

दूर करे इतिहास बुझाती.  1   मन आंगन की चुनमुन चिड़िया..

देह धोंसले घास-पूस के

मिट्टी रंग-रोगन अति सोंधी

आत्मदेव-गुरु हुये कषैले

सिर पर यश की थाली औंधी

बच्चों के डैने जब नभ को

लगे नापने, मां ! हर्षाती.   २   मन आंगन की चुनमुन चिड़िया...

कवितावलि के बाग-बगीचे

भरें भाव सौरभ मकरंदी

जन मन शोषक भ्रमर सरीखे

शाख-शाख लगते छल-छ्न्दी

पर तरुवर तो साधु हितैषी

फले छांव मृदुफल बहुंभाती.  ३   मन आंगन की चुनमुन चिड़िया

शुभ्र अंग सारे अवयव रस

चखते काम-कुटिल के षटरस

सदभावों की व्यथा सिलवटी

कहते पल-पल चखो राम रस

‘छंद माला के काव्य-सौष्ठव’

देश प्रेम सद सार लुटाती.   ४   मन आंगन की चुनमुन चिड़िया

 

(कवि केवल प्रसाद ‘सत्यम’ का प्रथम काव्य-संग्रह...’छंद माला के काव्य-सौष्ठ्व’ का दिनांक ०७.०२.२०१६  को  यू० पी० प्रेस क्लब, लखनऊ में लोकार्पण कार्यक्रम के उपरांत नवगीत विधा में सम्पूर्ण पुस्तक का सार कविवर केवल प्रसाद ‘सत्यम’ के शब्दों में....!)

मौलिक व अप्रकाशित   

Views: 546

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 15, 2016 at 6:49pm

आ० सौरभ सर जी,  इस नवगीत की सराहना करने एवं पुस्तक लोकार्पण की  बधाई हेतु आपका बहुत-बहुत हार्दिक आभार सहित . सादर

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on February 15, 2016 at 6:46pm

आ० उसमानी भाई जी,  नवगीत की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार सहित शुक्रिया. सादर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 14, 2016 at 11:56pm

भाई केवल प्रसाद जी, आपकी कृति का यों पद्यबद्ध देखना आह्लादित कर गया ! प्रस्तुत गीत भी प्रवहमान पंक्तियों की सुन्दर बानगी है. आपके काव्य-संग्रह के लोकार्पित होने पर हार्दिक बधाई व अशेष शुभकामनाएँ. 

शुभेच्छाएँ

Comment by Sheikh Shahzad Usmani on February 14, 2016 at 8:47pm
वाााह... बेहतरीन प्रस्तुति....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीय अजय अजेय जी, आपकी प्रस्तुति के लिए बधाई के साथ-साथ धन्यवाद भी। कि, इस पटल पर, इस खुले आयोजन…"
11 minutes ago
Chetan Prakash commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"वाकई  खूबसूरत शुद्ध हिन्दी गजल हुई, आदरणीय! "कर्म हम रणछोड  के अनुसार भी करते…"
14 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आदरणीया रक्षिता जी,  आपकी इस कविता में प्रदता शीर्षक की भावना निस्संदेह उभर कर आयी…"
1 hour ago
Chetan Prakash commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आदरणीय 'नूर'साहब,  मेरे अल्प ज्ञान के अनुसार ग़ज़ल का प्रत्येक शेर की विषय - वस्तु…"
3 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"धन्यवाद भाई लक्ष्मण धामी जी "
9 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आ. भाई अजय जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त विषय पर सुंदर रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
12 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
23 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post गीत-आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा
"अच्छी रचना हुई है ब्रजेश भाई। बधाई। अन्य सभी की तरह मुझे भी “आह बुरा हो कृष्ण तुम्हारा”…"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Ravi Shukla's blog post तरही ग़ज़ल
"बेहतरीन अशआर हुए हैं आदरणीय रवि जी। सभी एक से बढ़कर एक।"
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - सुनाने जैसी कोई दास्ताँ नहीं हूँ मैं
"अच्छी ग़ज़ल हुई है नीलेश नूर भाई। बहुत बधाई "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"आभार रक्षितासिंह जी    "
yesterday
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-175
"अच्छे दोहे हुए हैं भाई लक्ष्मण धामी जी। एक ही भाव को आपने इतने रूप में प्रकट किया है जो दोहे में…"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service