For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

गजल -आदमी अपनी ही मर्जी का खुदा रखता है ।

कुछ भी हो,अपने मसीहा को बड़ा रखता है
आदमी अपनी ही मर्जी का खुदा रखता है
वो सरेआम हकीकत से मुकर जायेगा
गिरगिटों जैसी बदलने की अदा रखता है
तुम गरीबी को तो इनसान का गहना समझो
जो फटेहाल है वो लब पे दुआ रखता है ।
जुल्म पर जुल्म जो करता है यहाँ दुनिया में
उसके हिस्से में भी भगवान सजा रखता है ।
मार के कुंडली,खजाने पे अकेला बैठा
हक गरीबों का यहाँ सेठ दबा रखता है
एक दिन मैं तुझे आईना दिखा दूंगा "सुजान "
मेरे बारे में जो तू ख्याल बुरा रखता है ।

मौलिक व अप्रकाशित ।।

Views: 844

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सूबे सिंह सुजान on July 23, 2015 at 6:30am
Samar kabeer,जी आपका बहुत बहुत आभारी हूँ ।
बहर 21221122112222है ख्याल का वजन 21 ही लिया है । क्या यह नहीं ले सकते ??वैसे बहुत शाइर यह वज्न लेते रहे हैं ।
Comment by सूबे सिंह सुजान on July 23, 2015 at 6:27am
maharshi tripathi ,जी नमस्कार ।आपका बेहद शुक्रिया
Comment by maharshi tripathi on July 22, 2015 at 7:42pm

जुल्म पर जुल्म जो करता है यहाँ दुनिया में
उसके हिस्से में भी भगवान सजा रखता है ।,,,वाह ! दाद कुबुलें आ. सूबे सिंह सुजान जी |

Comment by Samar kabeer on July 22, 2015 at 7:01pm
जनाब सूबे सिंह सुजान जी,आदाब,अच्छी ग़ज़ल कही है आपने , शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फ़रमाऐं ।
एक मिसरे की तरफ़ आपका ध्यान आकर्षित करना चाहूँगा :-

"मेरे बारे में जो तू ख्याल बुरा रखता है"

ये मिसरा बह्र से ख़ारिज है,देख लीजियेगा ।
Comment by सूबे सिंह सुजान on July 22, 2015 at 11:59am
मार के कुंडली,खजाने पे अकेला बैठा
हक गरीबों का यहाँ सेठ दबा रखता है
Comment by सूबे सिंह सुजान on July 22, 2015 at 11:50am
Rahul Dangi,जी बहुत बहुत शुक्रिया शुक्रिया
Comment by Rahul Dangi Panchal on July 22, 2015 at 10:20am
सुन्दर
Comment by सूबे सिंह सुजान on July 22, 2015 at 7:25am
गिरिराज जी,नमस्कार ।बहुत बहुत धन्यवाद ।
मेरे बारे में जो तू ख्याल बुरा रखता है ।
इस मिसरे में ख्याल का वज्न 21 है ।
बहर है ।।
21221122112222

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 22, 2015 at 6:58am

आदरणीय सूबे सिंह भाई , अच्छी ग़ज़ल हुई है , आपको हार्दिक बधाइयाँ । ऊपर बहर लिख दिया होता तो कुछ कह पाता , एक मिसरे का बेबहर होजाने की सम्भावना है , देख लीजियेगा ।

मेरे बारे में जो तू ख्याल बुरा रखता है ।  

Comment by सूबे सिंह सुजान on July 21, 2015 at 3:28pm
धर्मेन्द्र जी,शुक्रिया

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Friday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service