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 “जज साहब, पहले ही मैं उस पहिये के नटबोल्ट टाईट करके रखता तो आज तलाक तक नौबत नहीं आती और गाड़ी सही चलती.. गलती मेरी ही है” “तुम पेशे से मकेनिक हो क्या”?जजसाहब ने चुटकी ली| “जी साहब,मेरा गैरेज है”|  

अगला केस ...

“आपको ये तो पता ही होगा मैडम कि पति पत्नी गाड़ी के दो पहियों के समान”...”जी जी अच्छे से पता है पर जंग लगे स्क्रू फिट हों पहिये में तो धोखा तो देंगे ही न!! पहले ही उसके  स्क्रू  टेस्ट कर लेती तो आज नौबत तलाक तक न पँहुचती और जब पहिया कंडम हो जाता है तो बदलना भी पड़ता है” जज साहब की बात बीच में ही काट कर वो तीखे स्वर में बोली|

 

“आज का तो साला दिन ही खराब है जो भी केस आये बस पहिये...स्स सॉरी घर तोड़ने के ” “चलो कहीं बाहर घूम के आते हैं” पति को बुदबुदाते सुनकर मीना ने कहा|

यस गुड आइडिया जज साहब ने कहा और  गाड़ी लेकर निकल पड़े|

“क्या हुआ अचानक गाड़ी क्यूँ रोक दी”? “पहिये को चेक कर रहा हूँ ठीक ठाक है या नहीं”|

“हाँ स्क्रू भी चेक कर लीजिये कहीं जंग तो .....”चूप्प्प....”     

मौलिक और अप्रकाशित

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सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 3, 2015 at 9:45am

आ० सौरभ जी, रचना के मर्म को पकड़ कर दी गई आपकी प्रतिक्रिया के प्रति बहुत शुक्रगुजार हूँ दिल से आभार | 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 3, 2015 at 2:15am

कहा है आपने ये व्यंग्य रचना है. मुझे तो बड़ी गंभीर लगी, आदरणीया राजेश कुमारीजी.
:-))


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 14, 2015 at 9:06pm

कृष्ण मिश्रा भैया ,आपको  लघु कथा पसंद आई दिल से बहुत बहुत आभार 

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on June 14, 2015 at 8:13pm

वाह आ० गजब का व्यंग हुआ है!अभिनन्दन!


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 13, 2015 at 10:47pm

आ० राजकुमार आहूजा जी ,आपका बहुत बहुत शुक्रिया |

Comment by rajkumarahuja on June 13, 2015 at 10:18pm

पहिया और स्क्रू ...! वाह , क्या व्यंग है ! बधाई हो माननीया राजेश कुमारी जी !


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on June 11, 2015 at 9:10pm

बहुत- बहुत  शुक्रिया विनय कुमार जी .

Comment by विनय कुमार on June 11, 2015 at 1:04am

अच्छा पहिये और नट बोल्ट में उलझा दिया आपने , बढ़िया व्यंग आदरणीया राजेश कुमारी जी ..

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